बेटी ने उड़ते प्लेन को देख पायलट बनना चाहा, लोगों ने मजाक बनाया, आज पायलट बनकर जवाब दिया

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Urvashi Dubey
Urvashi Dubey wanted to become a Pilot in her childhood and now she came back as a Pilot. Success story of pilot daughter.

Jambusar: अक्सर लोगों के बचपन के सपने बड़े होते तक टूट कर बिखर जाते हैं और नए सपने लोग बुनने लगते है। बहुत ही कम लोग होंगे जिन्होंने अपने बचपन के सपने को साकार कर दिखाया है। बचपन एक ऐसी उम्र होती है, जिसमें ऊंचे ऊंचे ख्वाब देखे जाते हैं। परंतु जीवन की हकीकत कुछ और होती है।

बड़े होने पर जीवन जिस मोड़ पर ले जाता है, व्यक्ति को उसी मोड़ पर जाना होता है, उनके पास ऐसा करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होता। दोस्तों यदि कोई व्यक्ति कुछ बड़ा करने का सपना देखता है, तो उसके लिए उस व्यक्ति को कठिन परिश्रम भी करना होता है, जो व्यक्ति कठिन परिश्रम करता है और दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ता है, उसका सपना एक ना एक दिन पूरा जरूर हो जाता है।

कुछ ऐसा ही सपना और दृढ़ निश्चय उर्वशी दुबे (Urvashi Dubey) ने भी किया था, तब जाकर आज भी अपने बचपन के सपने (Childhood dream) को साकार कर सके हैं। सपना कुछ बनने का और खुद को कामयाब बनाकर ऊँची उड़ान भरने का। आइए जाने उर्वशी दुबे की सफलता की कहानी।

कौन है उर्वशी दुबे

गुजरात (Gujarat) राज्य के जम्बूसर (Jambusar) इलाके किमोज गांव की रहने वाली उर्वशी दुबे आज लोगो के सामने पायलेट बन कर आई है। उर्वशी के पिता बताते हैं कि उर्वशी जब कक्षा 6 में पढ़ती थी तब उन्होंने आसमान में उड़ते हुए हवाई जहाज को देखा और अपने पिता से कहा की वे भी बड़ी होकर इसी तरह हवाई जहाज उड़ाएंगी।

Flight Plane
Flight Plane Demo File Photo Credits Pixabay

उन्होंने कहा कि पापा मुझे भी पायलट बनना है। एक छोटी सी उम्र में देखा हुआ सपना आज उर्वशी ने साकार कर लिया है। उर्वशी ने उसी उम्र में खुद को इस सपने के लिए तैयार कर लिया था। बताया जा रहा है कि उर्वशी एक मिडिल क्लास परिवार से संबंध रखती है।

उनके पिता कृषि करके अपना परिवार पालते हैं और उनका घर कच्चा है जो मिट्टी से निर्मित किया गया है। लेकिन उर्वशी ने अपने सपनों को खुली आंखों से देखा है वह अपने लक्ष्य के प्रति अडिग थी। आज उसी सपने के बदौलत उर्वशी कॉमर्शियल पायलट के लिए चयनित होकर माता पिता का नाम रोशन कर रही है।

माता पिता ने दिया अपनी बेटी का साथ

उर्वशी बताती है कि एक समय जब उन्होंने पायलट बनने का ऐलान किया तो रिश्तेदारों और मोहल्ला पड़ोस के लोगों ने उनका काफी मजाक बनाया। परंतु उर्वशी के माता पिता और उनके चाचा को उर्वशी की काबिलियत पर काफी भरोसा था इसीलिए मैं चाहते थे कि उनकी बेटी आगे बढ़े और सबका मुंह बंद कर सके।

Urvashi Dubey Pilot
Urvashi Dubey Pilot photo source social media.

उर्वशी का परिवार आर्थिक समस्याओं से ग्रसित था, जिसकी वजह से वह उर्वशी की पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिए तैयार नहीं थी। ऐसे समय में उर्वशी का साथ उसके चाचा ने दिया। वे चाहते थे कि उनकी भतीजी पढ़ लिख कर एक अच्छी पायलट (Pilot) बने, इसीलिए सारा खर्चा उठाने के लिए भी तैयार हो गए।

उर्वशी किस्मत मुश्किलों भरी

उर्वशी अपनी पढ़ाई ठीक तरह कर रही थी उनका खर्चा उनके चाचा उठा रहे थे उसी समय महामारी की पहल हुई। देश दुनिया में महामारी ने हाहाकार मचा के रख लिया इस महामारी की चपेट में काफी सारे लोग आए जिनमें से उर्वशी के चाचा भी इसी में शामिल हो गए। दुर्भाग्य से उर्वशी के चाचा का देहांत हो गया, जिस वजह से एक बार फिर उर्वशी की मुश्किल बढ़ गई।

एक बार फिर उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। परंतु इन सब में भी उर्वशी और उसके परिवार ने डटकर मुकाबला किया। और सफल होकर उन्होंने यह साबित कर दिया कि मेहनत के आगे मुसीबतें नहीं टिक पाती। आज उर्वशी की सफलता ने उन सभी का मुंह बंद कर दिया जो एक समय उनका मजाक उड़ाया करते थे वही लोग आज उन्हें मुबारकबाद दे रहे हैं।

सफर आसान नहीं था उर्वशी का

जानकारी के अनुसार उर्वशी की स्कूल की शिक्षा उनके गांव से ही पूरी की उन्होंने कक्षा 12वीं में मैथ साइंस विषय से पढ़ाई की उसके बाद अपने सीनियर से बात करके उन्होंने पायलट बनने के विषय में जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए काफी संघर्ष किया। उनकी शुरुआत जम्बूसर से हुई, इसके बाद वडोदरा से इंदौर और बाद में दिल्ली इसके बाद जमशेदपुर में इनका सफर आखिरकार सफल हुआ। जमशेदपुर में उन्हें कमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त हुआ। जिसके बाद उन्होंने अपने बचपन के सपने को पूरा किया।

उर्वशी बताती है कि वे सामान्य कैटेगरी में आती हैं, जिसकी वजह से उन्हें कभी किसी भी प्रकार की स्कॉलरशिप नहीं मिली और ना ही शिक्षा के लिए लोन मिला। वे चाहते थे कि उन्हें प्राइवेट लोन मिल जाए, जिससे वह अपनी शिक्षा पूरी कर सके परंतु सिक्योरिटी के कारण उन्हें प्राइवेट लोन भी नहीं दी गई। उर्वशी के चाचा और कुछ लोगों की मदद से आज उर्वशी इस मुकाम पर हैं।

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