Delhi: यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) युवाओं को सम्मानजनक पद दिलाने के लिए प्रतिवर्ष संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाती है। इस परीक्षा के माध्यम से सैकड़ों युवा सरकारी नौकरी के लिए चुने जाते हैं। यूपीएससी के माध्यम से 24 प्रकार की नौकरी प्राप्त होती हैं, जिनमें से तीन पोस्ट काफी ज्यादा अहम होती है। जिनके लिए युवा दिन रात परिश्रम करते हैं और कंफर्ट जोन का त्याग करते हैं।
जी हां, सबसे पहला पोस्ट है आईएफएस याने इंडियन फॉरेन सर्विस इस परीक्षा को पास करने के बाद युवा विदेशों में भारत सरकार की नौकरी करने के लिए पदस्थ किए जाते हैं। दूसरा है आईएएस अधिकारी जिसका मतलब है इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस इस पद के लिए कार्य करने के लिए उम्मीदवार को भारत के लोकतंत्र के लिए काम करना पड़ता है।
तीसरा पद है आईपीएस अधिकारी याने इंडियन पुलिस सर्विस इस पद में अधिकारी को एक पुलिस अधिकारी की तरह काम करना पड़ता है। इन 3 पद के अलावा भी इस प्रकार के पद होते हैं, जो युवाओं को तरह-तरह की सरकारी नौकरी उपलब्ध कराते हैं।
यूपीएससी का आज के युवाओं पर प्रभाव
दोस्तों आपको बता दे यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी हर वर्ष लाखों युवा करते हैं और इस परीक्षा में लाखों उम्मीदवार अपने अपने सपनों के साथ बैठते हैं, परंतु इस परीक्षा में सफलता केवल गिने चुने लोगों को ही प्राप्त होती है। हम कह सकते हैं इस परीक्षा में सफलता उन्हीं को प्राप्त होती है, जिनकी तैयारी और दृढ़ निश्चय मजबूत होता है।
इस परीक्षा में काफी ज्यादा प्रतियोगिता देखने को मिलती है। हर वर्ष इस परीक्षा में टॉप 10 अभ्यार्थियों की लिस्ट आती है जिनकी कहानियां सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा सुर्खियां बटोरी हैं और लोगों को मोटिवेट करने के लिए भी बेहद उपयोगी होती हैं।
आज हम एक ऐसे ही युवक की बात करेंगे जिसने चार बार असफलताओं के बाद पांचवी बार में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की और बन गया आईपीएस अधिकारी (IPS Officer)। तो आइए जानते हैं आईपीएस अधिकारी गौहर हसन (IPS Gauhar Hassan) की कहानी।
बिहार के गौहर हसन
रिपोर्ट के मुताबिक आईपीएस अधिकारी गौहर हसन बिहार (Bihar) राज्य के निवासी है। गौहर हसन ने इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए काफी ज्यादा संघर्ष किया है, लगभग 7 साल की मेहनत है जब वे आईपीएस अधिकारी के लिए चयनित हुए हैं।
आपको बता दें गौहर हसन ने पांचवें प्रयास में 137 भी रैंक हासिल करके आईपीएस अधिकारी का पद अपने नाम किया है। इन 7 सालों में उन्होंने अपनी गलतियों से बार-बार सीखा और बार-बार प्रयास किया, उसके बाद में सफल हुए।
गौहर हसन कहते हैं कि उन्होंने हर बार अपनी असफलताओं से कुछ नया ही सीखा। उनका कहना है कि लोग एक से दो बार असफल होने पर डिमोटिवेट हो जाते और अपने लक्ष्य से भटक जाते परंतु उन्होंने लगातार 7 वर्ष तक अपने लक्ष्य का पीछा किया है।
मुश्किल था गौहर हसन का संघर्ष भरा सफर
दोस्तों आपको बता दें गौहर हसन की सफलता की कहानी और उनका संघर्ष भरा जीवन काफी ज्यादा मुश्किल था। उनका कहना है कि वे अपने तरफ से हर बार 100 प्रतिशत देते थे, परंतु उनका रिजल्ट हमेशा नकारात्मक ही रहा। गौहर हसन ने जब पहली बार यूपीएससी का एग्जाम दिया था, तो उनका प्रीलिम्स भी क्वालीफाई नहीं हुआ था।
उसके बाद उन्होंने अपने स्तर को जाना और डबल मेहनत करके दूसरा प्रयास किया, तब वे मेंस तक पहुंचे, परंतु मेंस (UPSC Mains) की परीक्षा में फेल हो गए। ऐसा उनके साथ तीसरे प्रयास में भी हुआ। उनकी मनोज शक्ति धीरे-धीरे टूट रही थी। परंतु उन्होंने अपने हौसलों को समय का और चौथा प्रयास भी किया चौथे प्रयास में उन्होंने मेंस की परीक्षा पास कर ली और इंटरव्यू तक पहुंचे परंतु इंटरव्यू में फेल रहे।
पांचवें प्रयास में बने आईपीएस अधिकारी
पिछले चार असफलताओं से उन्होंने काफी ज्यादा सीखा था। चौथे प्रयास में उन्होंने इंटरव्यू दिया परंतु फाइनल लिस्ट में उनका नाम फाइनलिस्ट नहीं किया गया। इसके बाद उन्होंने फिर से तैयारी करने का फैसला किया और पांचवें प्रयास में वे 137 भी रैंक हासिल करके आईपीएस अधिकारी बन ही गए।
मूल रूप से बिहार के रहने वाले गौहर हसन की प्रारंभिक शिक्षा बिहार से ही पूरी हुई, इसके बाद उन्होंने कक्षा दसवीं पास करके दिल्ली शिफ्ट हो गए और दिल्ली से उन्होंने जामिया मिलिया इस्लामिया से उन्होंने कंप्यूटर में डिप्लोमा किया। गौहर हसन ने अपने जैसे उम्मीदवारों को संदेश दिया है कि ढेर सारी पुस्तकों को पढ़ने से अच्छा किसी एक अच्छी किताब से पढ़ाई करें जिससे सफलता जल्दी प्राप्त हो सकेगी।