
Pratapgarh: रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) भाई बहन का सबसे पवित्र त्योहार माना जाता है। कहते हैं रक्षाबंधन में बहन अपने भाई की लंबी उम्र के लिए उसकी कलाई में रेशम का एक धागा बांधते हैं जिसे राखी कहा जाता है, और भाई अपनी बहन से जीवन भर उसकी रक्षा करने के लिए तैयार हो जाता है।
भाई का अपनी बहन के प्रति काफी स्नेह होता है और एक जिम्मेदारी होती है कि उसे अपनी बहन की हर परिस्थितियों में रक्षा करनी है। भारत में इस त्यौहार को काफी पवित्र त्योहार माना जाता है। प्रतिवर्ष इस त्यौहार को भारत की सभी बहने मनाती हैं। कुछ बहने तो ऐसी भी होती है जो बॉर्डर पर बैठे अपने भाइयों के लिए डाक से राखियां भेजती हैं और उनके लंबे जीवन की कामना करती है।
भाई भी अपनी बहन से वादा करता है कि वह हर परिस्थितियों में अपनी बहन को मुसीबत से बचाएगा, और अपनी बहन की हर ख्वाहिश को पूरी करेगा। कुछ ऐसी ही कहानी है चार भाई बहनों की। जिसमें बड़े भाई ने अपने छोटे भाई बहन का मुरझाया चेहरा देख उन्हें आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बनाने का दृढ़ निश्चय किया।
कहानी की शुरुआत हुई वर्ष 2012 से
हम बात कर रहे हैं वर्ष 2012 की। जब रक्षाबंधन के दिन एक परिवार के चार भाई बहन रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए एकत्रित हुए। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के रहने वाले चार भाई-बहन जिनका नाम योगेश, लोकेश, क्षमा और माधवी है।

उस वक्त इन भाई-बहनों के दिमाग में केवल एक ही चीज थी। वह यूपीएससी (UPSC) में असफलता का दुख, परंतु आज की बात करें तो यह चारों भाई बहन एक ही घर में आईपीएस और आईएएस अधिकारी हैं। इन्होंने अच्छा खासा इतिहास रच दिया है।
ऐसा कुछ कर दिखाना काफी मुश्किल है और शायद भारत में पहली बार देखा गया है कुछ ऐसा। वर्ष 2020 का यह रक्षाबंधन इस परिवार के लिए काफी खुशहाल था, क्योंकि इस वक्त चारों भाई बहन अपने अपने सपने को पूरा कर बैठे थे।
इन सभी भाई बहनों की मेहनत कुछ इस तरह रंग लाई कि पूरा घर और पूरा उत्तर प्रदेश इस परिवार से बेहद खुश हैं। तो आइए इस लेख के माध्यम से विस्तार से इन भाई-बहनों की सफलता के बारे में जाने।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी छोड़ बने आईएएस अधिकारी योगेश मिश्रा
एक जानकारी के अनुसार पता चला है कि इन सभी भाई बहनों में सबसे बड़े भाई योगेश मिश्रा (IAS Yogesh Mishra) वर्ष 2012 तक एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर दिल्ली में कार्यरत थे। परंतु वर्ष 2013 में उन्होंने नौकरी छोड़ पूरी तरह से यूपीएससी की पढ़ाई प्रारंभिक की। इस पढ़ाई के पीछे का कारण था उनके छोटे भाई बहनों की असफलता जिसके लिए उन्होंने मेहनत की और उनके डाउट को क्लियर किया।
योगेश बताते हैं की वह एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उनकी दोनों बहने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रही थी। वे कहते हैं कि उनकी दोनों बहन क्षमा और माधवी काफी इंटेलिजेंट थी, इसीलिए दोनों यूपीएससी की पढ़ाई में जीतोड़ और मेहनत कर रही थी, परंतु उन्हें सफलता वैसे ही हासिल नहीं हो रही थी जैसी वह चाह रही थी।
बड़े भाई का निर्णय अपने छोटे भाई बहनों के लिए
योगेश ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि वर्ष 2012 के रक्षाबंधन के एक दिन पहले ही उनकी दोनों बहनों का यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ। इस रिजल्ट में उन्हें असफलता हाथ लगी जिस वजह से वे काफी निराश हो गई उसी के दूसरे दिन तीनो भाई बहन का सबसे बड़ा भाई योगेश मिश्रा रक्षाबंधन के त्यौहार के लिए घर पहुंचे तब उन्हें दोनों बहनों की असफलता के बारे में पता चला तो उन्होंने दोनों बहनों का उत्साह बढ़ाया और दोबारा से प्रयास करने के लिए कहा।
योगेश कहते हैं कि वे अपनी बहन को कभी दुखी नहीं देख सकते और रक्षाबंधन जैसे खास मौके पर उनकी दोनों बहन दुखी हुई बैठी थी। इसीलिए उन्होंने उनका हौसला बढ़ाया साथ ही एक निर्णय लिया कि वह सबसे पहले स्वयं आईएएस अधिकारी बनेंगे उसके बाद अपने भाई बहनों की मदद करेंगे और यह लक्ष्य उनका 1 वर्ष का था।
1 वर्ष में बने आईएएस अधिकारी योगेश मिश्रा
भाई बहनों से किया वादा निभाने के लिए योगेश ने वर्ष 2013 में नौकरी छोड़ पूरी तरह से पढ़ाई कर यूपीएससी की तैयारी शुरू की और उन्होंने इस तरह से नोट तैयार किए की आईपीएस में सिलेक्शन के बाद अपने छोटे भाई बहनों को परीक्षा और उसकी तैयारी से संबंधित जानकारी अधिक से अधिक दे सके। उनके भाई-बहन भी जल्द से जल्द अपने सपने पूरे कर सकें।
4 Siblings From UP's Lalganj Cracked Civil Services, Now Selected for Indian Guinness Book of Record.
1. Yogesh Mishra(IAS:2014)
Defence Min, Kolkatta2. Kshama Mishra(IPS:'16)
Commandant, Kar. Police3. Madhvi Mishra(IAS:2015)
DC Ramgarh4. Lokesh Mishra(IAS:'16)
DDC Koderma https://t.co/jK0y4QorEJ pic.twitter.com/6fcD3BdEwm— Eagle~Eye (@cbinewton) September 12, 2022
ऐसा हुआ भी बड़े भाई ने केवल 1 वर्ष में पहले ही प्रयास में आईएएस क्लियर कर लिया और उसके बाद माधवी (Madhvi Mishra) ने वर्ष 2014 में 64 वी रैंक लाकर अपना आईएएस का पद सुनिश्चित किया। इसके बाद छोटा भाई लोकेश (Lokesh Mishra) और बहन क्षमा (Kshama Mishra) ने भी एक और बार प्रयास किया और दोनों सफल हुए।