
Photo Credits: ANI on Twitter
Kudremukh: दोस्तों आज दिन प्रतिदिन इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ती जा रही है। जहां एक ओर इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल और डीजल की तुलना में काफी सस्ते पड़ते हैं एवरेज के मामले में, वहीं दूसरी ओर यह ग्रीन बाइक के जरिए प्रदूषण की समस्या से भी निजात मिल रही है।
अब लगभग हर क्षेत्र में ई बाइक्स (E-Bikes) उनकी खास जरूरतों के हिसाब से कस्टमाइज भी की जा रही है। जैसे लोडिंग गाड़ियों के लिए अलग प्रोटोटाइप, गार्डन या रिसॉर्ट पर चलाने के लिए अलग मॉडल्स एवं सिटी में चलाने के हिसाब से अलग-अलग तरह की बाइक्स तैयार की गई है। परंतु एक विभाग ऐसा भी है, जिसके बारे में सामान्यतः हम नहीं सोच पाते और वह है हमारा वन विभाग।
अभी हाल ही में कर्नाटक एनआईटी (NIT Karnataka) के प्रोफेसर के मन में यह ख्याल आया कि वन विभाग भी बाइक का इस्तेमाल करता है, जंगलों की निगरानी के लिए, ऐसे में तेज आवाज वाले इंजन शोर करते हैं और प्रदूषण भी करते हैं, तो क्यों नहीं इन्हें किसी सोलर इलेक्ट्रिक वाहन (Solar Electric Bike) उपलब्ध कराया जाए जो ना केवल जंगल के पर्यावरण को सुरक्षित रखेंगे, वही निगरानी में भी बहुत हेल्पफुल होंगे। तो अपने स्टूडेंट की टीम के साथ मिलकर बना डाली यह शानदार सोलर इलेक्ट्रिक बाइक।
यह बाइक NIT कर्नाटक में की गई तैयार
जिस की बाइक कि आज हम चर्चा कर रहे हैं, उसे नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के कर्नाटक कैंपस में तैयार किया गया है। एनआईटी के अंतर्गत सेंटर फॉर सिस्टम डिजाइन विभाग के अंतर्गत इसका प्रोटोटाइप तैयार किया गया। जिसे लीड किया प्रोफ़ेसर यू पृथ्वीराज जी ने यह इ-मोबिलिटी प्रोजेक्ट के अध्यक्ष भी हैं।
वन विभाग की जरूरतों के हिसाब से इस बाइक को कस्टमाइज किया गया है। जिसके लिए प्रोफेसर और उनकी टीम के स्टूडेंट्स लगातार कई महीनों तक भिड़े रहे। यहां तक की कई बार स्टूडेंट के लिए टिफिन भी प्रोफेसर साहब अपने घर से लेकर पहुंचते थे।
वन विभाग की जरूरतों को समझते हुए की गई सारी प्लानिंग
मीडिया से बातचीत के दौरान प्रोफेशन पृथ्वी राज ने बताया वन विभाग की अपनी कुछ खास जरूरत है, जो वह अपनी बाइक से उम्मीद करते हैं। चूंकि जंगल में गश्त के दौरान उन्हें कई तरह की ऊंची नीची सड़कों से गुजरना होता है, जिस वजह से बाइक का फ्लैक्सिबल और मजबूत रहना जरूरी है।
NITK Surathkal students design exclusive E-bike for the Forest Department.
This E-bike can be solar-powered & it can be used to charge walkie-talkies, mobiles, or GPS systems.
Kudos to the students for this amazing innovation!@surathkal_nitk pic.twitter.com/Nc6d4v9hUb
— Umanatha A Kotian (@UmanathaKotian) November 21, 2021
वही सुविधाओं की बात करें तो जंगल में कभी तेज टॉर्च की जरूरत पड़ती है, तो कभी फ्लैश लाइट की जरूरत पड़ती है एवं स्ट्रांग बैटरी बैकअप के साथ वॉकी टॉकी चार्जिंग, मोबाइल चार्जिंग जैसे सॉकेट की रिक्वायरमेंट भी होती है। इस बाइक में इनकी सभी जरूरतों को पूरा किया गया।
प्रोफेसर पृथ्वीराज ने बताया बाइक का नाम विधि युग 4.0 रखा
आगे मिली जानकारी के अनुसार इस बाइक के प्रोटोटाइप की तैयारी लॉकडाउन के समय ही शुरू की गई थी। स्टूडेंट अत्याधुनिक “कंप्यूटर ऐडेड डिजाइन” टेक्नोलॉजी के साथ-साथ 3D प्रिंटिंग जैसे अत्याधुनिक मशीनरी का इस्तेमाल करके इस बाइक को डिजाइन किया गया। जिसमें एक स्ट्रांग बैकअप वाली बैटरी रोड की परिस्थितियों के अनुसार हाइट टॉर्क जनरेट करने वाला इलेक्ट्रिक मोटर लगाई गई है। बाइक को कंप्लीट होने के बाद विधि 4.0 मॉडल का नाम दिया गया।
टेस्टिंग में खरी उतरी सबकी उम्मीदों पे
एनआईटी कॉलेज के कैंपस में बाइक के तैयार हो जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल उठा इसे टेस्ट करने का। जिसके लिए वन विभाग के अधिकारियों से परमिशन लेकर जंगल के प्राकृतिक परिस्थितियों में चलाकर परीक्षण किया गया। वन विभाग की निगरानी टीम जो जंगल में जाकर के शिकारी एवं जानवरों का मुआयना करती है।
Mangaluru| NIT Karnataka, Surathkal students design exclusive E-bike for Forest Dept
This mobility drive can be solar-powered &charge walkie-talkies, mobiles orGPS systems. The headlight can be dismantled into a portable torch with inbuilt batteries:Asst Professor, Pruthviraj U. pic.twitter.com/nyGxf7YaDZ
— ANI (@ANI) November 21, 2021
उन्होंने टेस्ट राइड के दौरान बताया यह बाइक उनकी जरूरत के हिसाब से एकदम उपयुक्त है। जिसमें समस्त इलेक्ट्रिक फंक्शन के साथ बेहतरीन पिक अप और बाइक में कंफर्ट, स्पीड कंट्रोल सिस्टम सभी उत्तम ढंग से काम कर रहे हैं। इसका यूटिलिटी बॉक्स में चार्जिंग पॉइंट्स, हेड लाइट मल्टी टास्किंग है। सभी ने एनआईटी की टीम को बधाई दी।