
Photo Source: Twitter
Bikaner: एक मां अपने बच्चे को पालने के लिए दुनिया का हर असंभव काम भी संभव तरीके से कर सकती है। वह मां ही है, जो दुनिया से लड़ने की हिम्मत रखती है अपने बच्चे के लिए। फिर जब बच्चे की परवरिश की बारी आती है तो मां पिता की तरह बाहर कमाई करके घर में मां की तरह खाना बनाकर बच्चों को पाल लेती है।
पिता का स्थान मां नहीं ले सकती परंतु एक मां और पिता दोनों का रोल बहुत अच्छी तरह निभा लेती थी। कहते हैं ईश्वर हर किसी के साथ नहीं रह सकता इसीलिए मां को उन्होंने बताया है, यानी मां भगवान स्वरूप होते हैं। वर्तमान समय में स्त्री और पुरुष दोनों मिलकर घर परिवार को चला रहे हैं। तब जाकर एक परिवार अच्छी तरह चल पाता है।
आज हम इस लेख के माध्यम से एक ऐसी महिला के बारे में बात करेंगे जिसने अपने बच्चों को पालने के लिए एक जिम में ट्रेनर के पद पर काम किया और आज वह स्वर्ण पदक की हकदार बन गई है। इस महिला बॉडीबिल्डर ने अपने देश में और अपने राज्य में एक नया उत्थान किया है, आइए इस महिला के बारे में विस्तार से जाने।
39 वी अंतराष्ट्रीय महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता का हिस्सा बनी प्रिया सिंह
कुछ ही समय पहले थाईलैंड देश के पटाया शहर में एक महिला बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता (Woman Body Building Championship) आयोजित की गई थी, जो 39वी अंतर्राष्ट्रीय महिला बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता रही जिसका हिस्सा राजस्थान की प्रिया सिंह (Priya Singh) बनी। हिस्सा के साथ-साथ उन्होंने स्वर्ण पदक को भी अपने नाम किया।
इतना ही नहीं राजस्थान की प्रिया सिंह पूरे राज्य की पहली महिला बॉडीबिल्डर (Woman Bodybuilder) है। प्रिया सिंह का सफर काफी उलझन भरा था। उनका चैंपियन बनने का रास्ता बिल्कुल भी आसान नहीं था। उन्होंने काफी संघर्ष किया, उसके बाद ही उन्हें इस बड़ी चैंपियनशिप में सफलता मिली।
10 वर्ष की उम्र में ही माता-पिता ने कर दी थी शादी
राजस्थान राज्य के बीकानेर (Bikaner) जिले में रहने वाली चैंपियन प्रिया सिंह काफी होनहार और काम के प्रति समर्पित रहती है। वे एक दलित परिवार का हिस्सा है। मात्र 10 वर्ष की उम्र में प्रिया के माता-पिता ने उन्हें व्याह दिया था उस वक्त उन्हें इतनी अक्ल नहीं थी और ना ही इतनी समझ।
Many many congratulations to Rajasthan's first woman bodybuilder Dalit daughter Priya Singh who won a gold medal on the international patal and returned home alone from the airport without welcome. ❤💐 pic.twitter.com/rhpSzF6KRN
— 🙉🙊🙈🇺🇸🇮🇳YOU KNOW THE DIFFERENCE BETWEEN (@Sulemansundran4) December 26, 2022
फिर जैसे तैसे होश संभाला तो उन्हें लगा कि आगे उन्हें कुछ करना चाहिए, इसीलिए उन्होंने अपनी बात परिवार और समाज में काफी मजबूती से कहीं। शुरुआत में परिवार भी उनका साथ नहीं दे रहा था, परंतु जब परिवार को बात समझ आई तो उन्होंने प्रिया को सपोर्ट करना प्रारंभ किया।
घर और परिवार को एक साथ चलाना था मुश्किल
प्रिया अकेली नहीं है बल्कि उनका पूरा परिवार है उनके दो बच्चे और पति और परिवार में अन्य सदस्य भी हैं। वह अपने परिवार को बखूबी संभाल रही थी। एक दौर ऐसा भी आया जब उनका पूरा परिवार आर्थिक समस्याओं से ग्रसित हो गया। उस वक्त प्रिया ने फैसला लिया कि वह काम करेंगे और परिवार को संभालेंगे।
The Union govt and the RJ govt are so poor that they don't even have funds to honor the International Championship gold medalist bodybuilder Priya Singh.
The reason is her caste. If there was a savarna player, there would have been a queue for the incentive help. Fact! pic.twitter.com/6TZW9592LM
— Suraj Kumar Bauddh (@SurajKrBauddh) December 28, 2022
उन्होंने एक जिम में ट्रेनर की जॉब शुरू की। उनकी पर्सनालिटी देखकर उन्हें जॉब भी काफी आसानी से मिल गई। इसके बाद प्रिया का नौकरी और घर को संभालने में तालमेल बिठाना इतना आसान नहीं था। इन सब में प्रिया के पति ने उनका बहुत ही अच्छी तरह साथ दिया।
स्वप्न देखा और पूर्ण किया
जानकारी के अनुसार प्रिया सिंह ने राज्य स्तर पर तीन बार गोल्ड पदक जीते हैं। एक इंटरव्यू के दौरान प्रिया ने बताया कि उन्होंने जिम में नौकरी के साथ जिम की ट्रेनिंग भी ली और खूब मेहनत की जिसके फलस्वरूप वे सफलता पूर्वक एक जिम ट्रेनर (Gym Trainer) बन गई।
From veil to bodybuilding: The story of Dalit bodybuilder Priya Singh Meghwal will make you proud and inspired. #Bodybuilding #PriyaSinghMeghwal #WomenPower #AajNEWJDekhaKya pic.twitter.com/ares3MNFAu
— NEWJ (@NEWJplus) January 5, 2023
प्रिया बताती हैं कि ट्रेनिंग के दौरान उन्हें पता चला कि ट्रेनर के लिए कुछ प्रतियोगिताएं भी आयोजित होती हैं, जिसका वे हिस्सा बन सकती थी। फिर उन्हें पता चला कि राजस्थान राज्य के अंदर कोई भी महिला बॉडीबिल्डर नहीं है, इसीलिए उन्होंने राजस्थान राज्य की पहली महिला बॉडी बिल्डर बनने का ख्वाब देखा और वे सफल भी रहे। आज उन्होंने इस क्षेत्र में अपना एक मजबूत कैरियर बना लिया है।