IPS राजश्री सिंह की कहानी, डॉक्टर से बनी आईपीएस, पहले प्रयास में ऐसे UPSC क्रैक कर लिया

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IPS Rajshri Singh
IPS Rajshri Singh Success Story Of UPSC Exam Crack. How Haryana daughter Dr Rajshri Singh became IPS officer, cleared UPSC in first attempt.

Delhi: यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) देश की सबसे जटिल परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा में प्रतियोगिता भी काफी ज्यादा होती है, क्योंकि भारत का लगभग 80 फ़ीसदी युवा है जो सिविल सेवा में अपनी सेवा करना चाहता है। पहले के समय में लोग डॉक्टर और इंजीनियर के पद को सबसे बड़ा पद मानते थे।

आज के समय में प्रशासनिक सेवा (Civil Service) की तरह लोगों का झुकाव काफी ज्यादा है। कहते हैं यदि मानव जीवन लिया है, तो इस मानव जीवन का सदुपयोग करना चाहिए लोगों की सेवा करके ही इस जीवन का सदुपयोग होता है।

UPSC HQ
Union Public Service Commission

यूपीएससी की परीक्षा में सफलता किसी उम्मीदवार की सबसे बड़ी उपलब्धि में से एक है, क्योंकि यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद मिलने वाला पद बेहद सम्मानजनक और पावरफुल होता है। आज हम एक ऐसी ही आईपीएस अधिकारी की बात करेंगे, जो डॉक्टर के पद पर कार्य कर रहे थे परंतु उनके अंदर यूपीएससी परीक्षा पास करने का जुनून था।

डॉ राजश्री सिंह बनी आईपीएस अधिकारी

आपको बता दें डॉक्टर राजश्री सिंह (Dr. Rajshri Singh) हरियाणा (Haryana) राज्य के भिवानी (Bhiwani) के अंतर्गत आने वाला गांव लोहारू की रहने वाली है। वे पेशे से एक डॉक्टर थी, जिन्होंने अपने सेवा चंडीगढ़ के सिविल अस्पताल मे दी। राजेश्री अपने जीवन का सही इस्तेमाल करना चाहती थी यह चाहती थी कि देश सेवा में उनका जीवन बीते। डॉक्टर के पद पर कार्य करके दें मानव हित के लिए काम कर रही थी, परंतु उन्हें वह संतुष्टि नहीं थी।

राजेश्री के दादाजी उनकी पुलिस ऑफिसर बनने के लिए एक प्रेरणा थे, क्योंकि उनके दादाजी देवी राम ब्रिटिश सेवा में जवान थे। देवी राम जी ने विश्व युद्ध के वक्त भी अपनी सेवा दी है। जिस वजह से सरकार की तरफ से उन्हें ढेर सारे पदक से पुरस्कृत भी किया गया है।

दादा की वीरता के किस्से देते थे हिम्मत

डॉ राजश्री सिंह बताती है कि उनके दादा के वीरता के किस्से उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे और कहीं ना कहीं हौसला भी देते थे। राजश्री का सपना बन गया था खाकी वर्दी का डॉक्टर की नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी करने लगे और पहले ही प्रयास में याने वर्ष 1990 में पहले ही प्रयास में डीएसपी बन गई। उनके कार्य सराहनीय होने की वजह से धीरे-धीरे उन्हें आईपीएस के पद पर प्रमोट कर दिया गया।

इसके बाद उन्होंने कई जिलों में पुलिस अधीक्षक (SP Officer) के पद पर कार्य करके अपनी सेवा दी। वर्तमान में बीते 5 वर्षों से वे अपराध के साथ साथ यातायात एवं हाईवे आईजी के पद पर कार्यरत है। आईपीएस राज्यश्री (IPS Rajshri Singh) का कार्य और देश के प्रति उनकी निष्ठा को देखते हुए भारत सरकार की तरफ से उन्हें वर्ष 2012 में सम्मानित भी किया है।

लड़कियों के अभिभावक को आईपीएस राज्यश्री सिंह का संदेश

डॉ राजश्री सिंह का कहना है कि उन्होंने अच्छी तरह पढ़ाई लिखाई करके डॉक्टर की जॉब पाली थी। डॉक्टर बन कर भी वे खुद को अधूरा महसूस करती थी। उनका कहना है कि एक जवान के तौर पर देश की सेवा करना एक अलग फीलिंग देता है। इसलिए उन्होंने 1990 में पहले प्रयास में डीएसपी का पद प्राप्त किया और 1999 में आईपीएस के लिए प्रमोशन हो गया।

राज्यश्री तीन बहनों में दूसरे नंबर की बहन है। बड़ी बहन की मृत्यु हो गई और उनसे छोटी बहन मॉडलिंग करती हैं। राजश्री की शादी भी एक सैनिक के परिवार में हुई उनके पति कर्नल राजवीर सिंह इस वक्त कारगिल में तैनात हैं। राजश्री बेटियों के माता-पिता को संदेश देते हुए कहती हैं कि बेटियों को सपोर्ट दीजिए वह हर क्षेत्र में अपना नाम बनाने में सक्षम है।

डॉक्टर राजश्री सिंह की अन्य उपलब्धियां

आपको बता दें डॉ राजश्री सिंह एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं। परंतु उन्होंने अपना जीवन बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया है, वे बचपन से खेल और लेखन में आगे रहे हैं। दिल्ली और भिवानी में वे अपनी पढ़ाई के दौरान जिमनास्टिक टीम की 6 वर्ष तक कैप्टन दे चुके हैं।

वे ऑफिसर के साथ-साथ एक चैंपियन भी है। आईपीएस ऑफिसर बनी, उसके बाद भी अपनी शिक्षा उन्होंने जारी रखें। ह्यूमन राइट्स में उन्होंने मास्टर्स किया। शरणार्थी नियम के लिए उन्होंने 1 वर्षीय कोर्स भी ज्वाइन किया साथ में वकालत की पढ़ाई भी की। जीवन से लिए अनुभव से उन्होंने एक किताब लिखी जिसका नाम अध खिली धूप है।

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