Patna: गरीबी इंसान को कभी कभी अमीरों के सामने इतना झुका देती है कि गरीब इंसान के पास झुकने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं रह जाता। हर इंसान अपनी जीविका चलाने के लिए हर तरह के काम करती है, फिर चाहे उस काम में उसे कोई जोखिम ही क्यों ना उठाना पड़े।
आज इस पोस्ट के माध्यम से लोगों को एक सबक और प्रेरणा मिलने वाली है। अक्सर लोग चीजों के अभाव से अपने कर्तव्यों को भूल जाता है और जो जैसा रहता है। उसके हिसाब से जीवन जीने लगता है, परंतु जीवन की कठिनाइयों को पार करते हुए ही अच्छा जीवन जिया जा सकता है।
जीवन में कई सारे उतार-चढ़ाव ऐसे होते हैं, जिनमें हमें कई तरह के अपमानो को झेलना पड़ता है, परंतु कुछ लोग अपने माता-पिता या अपने अपमान को कभी नहीं भूलते और उस अपमान का बदला लेने के लिए कुछ ऐसा कर दिखाते हैं कि दुनिया भी उनके इस कारनामे से हैरान हो जाती हैं।
आज की यह पोस्ट भी एक ऐसे ही बच्चे की कहानी को बयां करती है जिसने अपने पिता के अपमान का बदला लेने के लिए जज बनकर दुनिया के सामने आया तो आइए जानें पूरी कहानी।
बिहार के सहरसा जिले की कहानी
देश के बिहार राज्य के अंतर्गत आने वाला जिला सहरसा के निवासी कमलेश कुमार वर्तमान समय में सोशल मीडिया में छाए हुए हैं। कमलेश कुमार (Kamlesh Kumar) ने न केवल अपने माता-पिता का बल्कि पूरे बिहार का नाम रोशन किया है। कमलेश उन विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं, जो अक्सर रिजल्ट आने पर उनके माता-पिता द्वारा कही गई बातों से वे उन्हें बुरा मान बैठते हैं।
कमलेश कुमार ऐसे बेटे हैं, जिन्होंने अपने पिता का अपमान का जवाब देने के लिए बिहार के जज बन गए, इन्होंने कोई गलत चीज का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि जायज़ तरीके से लोगों को जवाब दिया।
वर्ष 2022 में बिहार न्यायपालिका परीक्षा पास कर 64 वी रैंक हासिल की
बिहार के बेटे ने वर्ष 2022 में आयोजित की जाने वाली बिहार न्यायपालिका परीक्षा को उत्तीर्ण किया और 64 वी रैंक हासिल करके जज बन गए उनकी यह कामयाबी पूरे देश के लिए सराहनीय है। उनकी सफलता एक दिन की नहीं बल्कि वर्षों की मेहनत और बलिदान है।
साथ में उनके पिता का बलिदान भी शामिल है कमलेश के पिता (Kamlesh Father) ने कुली का काम किया, मजदूरी की, यहां तक की सड़कों पर छोले भटूरे भी बेचे, परंतु अपने बेटे को उन्होंने हमेशा पढ़ लिखकर सफल होने की ही सीख दी। जिसका नतीजा आज भी देख सकते हैं कि उनका बेटा बिहार का जज (Son Became Judge) बन गया है।
एक समय कमलेश के पिता पर किसी पुलिस वाले ने हाथ तक उठा दिया, घोर बेज्जती को सहने के बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी। इस घटना को कमलेश ने भी देखा था और यह घटना उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटना भी बन गई गुस्सा में आकर उन्होंने अपने जीवन का बहुत अच्छा फैसला लिया।
ऐसे पालते थे कमलेश के पिता अपने परिवार को
एक रिपोर्ट से पता चला है कि कमलेश के पिता बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे, वह झुग्गी झोपड़ी में रहकर अपना गुजर-बसर करते थे कमलेश के पिता 10 भाई बहन थे इन 10 भाई-बहन की जिम्मेदारी कमलेश के पिता पर थी।
इसीलिए उन्होंने दिल्ली आकर काम करने का फैसला लिया, जब वे दिल्ली आए, तो उन्होंने छोले भटूरे की दुकान प्रारंभ करने की सोची। उसी समय अधिकारियों के आदेश पर झुग्गी झोपड़ियों को तोड़ने की बात कहीं गई तब वे एक किराए के मकान पर आकर रहने लगे।
कमलेश के पिता छोले भटूरे की दुकान से जो कमाते उसी से अपने परिवार को पालते उनकी दुकान पर कमलेश भी हाथ बटाता था। कमलेश का जज बनने का फैसला उस दिन हुआ, जब एक पुलिस वाले ने आकर जबरन कमलेश के पिता का ठेला बंद करवा कर उन्हें थप्पड़ मार (Slap) कर बेइज़्ज़त कर दिया था, वे बहुत गुस्से में थे परंतु कुछ कर नहीं सकते थे।
पिता ने दी सीख
कमलेश के पिता ने कमलेश को बताया था कि पुलिस वाले केवल जज (Judge) से डरते हैं, बाकी उन्हें किसी का डर नहीं होता, तभी कमलेश ने ठान लिया था कि वह उनके पिता की बेज्जती का करारा जवाब जरूर देंगे।
फिर उन्होंने मेहनत करनी शुरू कर दी और वर्ष 2022 में बे अपने इस मिशन में सफल हुए और लोगों को साबित भी किया कि इंसान हमेशा गरीब ही नहीं रहता और गरीब है, तो उस गरीब की इज्जत भी है, पेट पालने के लिए लोग रोजगार की तलाश करते हैं, ना कि उन अमीरों से भीख मांगते हैं।