ड्राइवर पिता बस चला रहे थे, बेटी ने फोन किया, पापा मैं IAS बन गई, कहानी उस महिला अफसर की

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IAS Preeti Hooda
DTC bus driver daughter Preeti Hooda became IAS officer. Father was driving the bus and daughter called I have become IAS officer.

Delhi: अक्सर हम देखते है कि जब बात यूपीएससी परीक्षा की आती हैं। तो इस परीक्षा मे अच्छे नम्बरों से पास होना हर किसी का सपना होता है। लेकिन इस परीक्षा मे सफ़लता हासिल करना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसके लिए व्यक्ति के अंदर उसको लेकर एक जुनुन और जज्बा होना आवश्यक है। जिसके लिए वह लगातार प्रयास करते रहते हैं।

यह तथ्य तो बिल्कुल सही है कि जो कोई भी इस एक्जाम को पास करने का दृढ संकल्प निश्चित कर ले। वह कितनी भी कठिन परीक्षा क्यो ना हो, कितनी भी मुश्किले क्यो ना हो। इसमे सफ़लता हासिल अवश्य ही करता है।

ऐसे ही एक कहानी है एक बस ड्राइवर के बेटी की जिसका नाम है प्रीती हुड्डा। जो कई सारी आर्थिक समस्याओ के झेलने के बावजूद IAS अफ़सर बनी है। आइए जानते हैं क्या है प्रिती हुड्डा की IAS अफसर बनने के पीछे की पूरी कहानी।

कई मुसिबतो का सामना करने के बाद भी प्रीती ने किया यूपीएससी एक्जाम पास

आपको बता दें कि प्रिती हुड्डा (Preeti Hooda) हरियाणा के बहादुरगढ़ मे निवास करती है और उनके पिता की बात करे, तो वह दिल्ली परिवहन निगम (DTC) में बस ड्राइवर हैं। जो कि बस चलाकर मुश्किल से अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। लेकिन प्रिती ने अपनी घर की तंग आर्थिक स्थिति का सामना कर अपने देखे गए सपनो को पुरा करने मे कभी भी कोई विघ्न नहीं आने दिया।

UPSC HQ
Union Public Service Commission

वह बताती हैं कि जब यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) का परिणाम आया, तो उस समय प्रिती के पिता बस ही चला रहे थे। लेकिन प्रिती ने सबसे पहले ये खुशख़बरी अपने पिता को दिया और बोली मै इस यूपीएससी की परीक्षा मे पास हो गई। जिससे उनकी खुशी का कोई ठिकाना ही नही रहा। उनके पिता और परिवार वाले खुसी से झूम उठे।

पढ़ाई में अच्छी होने के बाद भी परिवार चाहता था कि प्रीती शादी कर लें

बता दे कि प्रीती जो आज यूपीएससी की परीक्षा क्लियर कर IAS Officer बन चुकी है। वह बचपन से ही पढ़ाई में बहुत आगे रही है। उनकी 10 वी और 12 वी कक्षा की बात करे तो उन्होने अपनी कक्षा 10 वी मे 77 प्रतिशत और 12 वी मे 87 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। वह इतनी अच्छी पढ़ाई मे होने के बावजूद भी उनका परिवार चाहता था कि वह पढ़ाई छोड़ दे और शादी कर लें। परंतु यह सब होने के बाद भी प्रीती ने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी।

बता दे कि प्रीती ने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए दिल्ली के लक्ष्मी बाई कालेज में दाखिला लिया था। वहाँ से Graduation पूरा करने के बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू कालेज (JNU) से हिन्दी मे पीएचडी की।

2017 के यूपीएससी एक्जाम मे आल इंडिया मे प्राप्त किया 288 वा स्थान

प्रीती यूपीएससी की परीक्षा मे सफ़लता हासिल करने के लिए बहुत जोरो शोरो से तैयारी करती थी। उन्होंने योजना बनाई और हिंदी विषय को अपने मीडियम के रूप में चुना। वह बताती है कि मैने जब यूपीएससी की परीक्षा पहली बार दिया था, तो मै उस समय असफ़ल रही थी।

उन्होने हार नहीं मानी और दूसरी बार फ़िर परीक्षा दी और तब उन्होने इसमे सफ़लता प्राप्त की। इतना ही नही उन्होने 2017 मे पुरे भारत मे 288 रैंक हासिल कर इस परीक्षा मे कामयाब हुई। जिससे उनका परिवार बहुत खुश है और उन पर बहुत गर्व भी करता है।

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