22 साल बाद बेटे ने पूरा किया मां का सपना, पिता की तरह पहनी सेना की वर्दी, जन्मदिन से एक दिन पहले लेफ्टिनेंट बने

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Vikrant Sharma Army
After 22 Years Son Vikrant Sharma Makes Her Mother’s Dream Come True By Becoming Lieutenant in Indian Army. Vikrant Sharma Success Story of Indian Army Joinning.

File Photo

Dehradoon: देहरादून की पासिंग आउट परेड में शनिवार को लेफ्टिनेंट बने विक्रांत शर्मा उस वक्त पैदा हुए, जब देश की सेना कारगिल जंग लड़ रही थी। उनके पिता ओमदत्त शर्मा सेना पुलिस में हैं, जो उस वक्त जम्मू में तैनात थे। कासन गुरुग्राम हरियाणा निवासी सूबेदार मेजर ओमदत्त धर्मपत्नी सुदेश शर्मा और बेटी नीतू शर्मा के साथ बेटे की पीपीओ में शामिल हुए। आईएमए देहरादून की पासिंग आउट परेड में 341 अफसर भारतीय सेना में शामिल हुए। वहीं देहरादून की पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट (Lieutenant) बने विक्रांत शर्मा 1999 में जन्म हुआ।

माँ का सपना

सुदेश शर्मा बताती हैं कि, कारगिल (Kargil) जंग के दौरान विक्रांत उनके गर्भ में पल रहे थे। और उन्होंने मन मे संकल्प ले लिया था कि, अगर बेटा होगा, तो वह उसे सेना (Indian Army) में ही भेजेंगी और शनिवार को उनका ये सपना भी सच सावित हो गया है। 13 जून 1999 को उन्हें विक्रांत के रूप में एक प्यारे से बेटे को जन्म दिया।

वो बताती हैं की बचपन से ही विक्रांत (Vikrant Sharma) को सैन्य पृष्ठभूमि का वातावरण मिला है और विक्रांत को भी सेना में जाने का मन है। उनके घर में बचपन से ही परिजन विक्रांत को कैप्टन साहब कहकर बुलाते हैं। विक्रांत ने अपनी माँ के सपनो को पूरा करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की, उनके मन मे यही था कि उनको अपने माँ के सपने को सच कर दिखना है।

शुरुआती पढ़ाई

विक्रांत की स्कूलिंग केंद्रीय विद्यालय दिल्ली से हुई और उनकी बहन नीतू के पति भी एयरफोर्स में फाइटर पायलट हैं। पिता ओमदत्त शर्मा की आईएमए देहरादून में भी पोस्टिंग रह चुकी है। वह इस समय बतौर सूबेदार मेजर सेना पुलिस में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सैन्य वर्दी में पिता बेटे की पासिंग आउट परेड का हिस्सा बने। सभी परिजन विक्रांत की इस कामयाबी से बहुत खुश है। बचपन से जो सपना देखा उसको की ही जीवन का लक्ष्य बना लिया। विक्रांत ने मां के संकल्प को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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