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Indore: किस्मत में जो लिखा है, उसके भरोसे बैठे रहेंगे तो हम कभी अपने सपने पूरे नही कर पाएंगे। सपनो को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। कहते हैं कि जहां चाह है वहाँ मंजिल है। यदि आप जिद से कुछ करना चाहते हैं, तो उस मुकाम तक पहुँचने के लिए मंजिल भी आसानी से मिल जाती है।
आमतौर पर लोग असफलताओं और गरीबी को अपनी किस्मत मानकर उससे हार मान लेते हैं और जिंदगी में आगे बढ़ना छोड़ देते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कठिन परिस्थितियों के बाद भी कभी हार नहीं मानी और सफलता के मुकाम को हासिल किया है। इस शख्स की जिंदगी में अनेकों बार परेशानी आई लेकिन मुश्किलों के सामने घुटने टेकने के बजाए इस शख्स ने उनका डटकर सामना किया और अपने सपनों को पूरा किया।
अपने जीवन में हर कोई सफल होना चाहता है, लेकिन सफलता उन्हीं के कदम पर होती है, जो कठिन से कठिन समय में भी हार नहीं मानते हैं। एक ऐसी शख्सियत है जिन्होंने अपनी जिंदगी में तमाम दिक्कतों के बावजूद बिजनेस के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। यह स्टोरी है हरियाणा के शौफी गाँव के रहने वाले गौरव राणा की। वह ब्यूटी स्टार्टअप कैलेप्सो के संस्थापक हैं और इसके तहत वह न सिर्फ हर साल करोड़ों रुपए की कमाई करते हैं, बल्कि 100 से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। गौरव का यह सफर कई मुश्किलों से भरा रहा है।
मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक गौरव बताते है, मेरा बचपन काफी संघर्षों बहुत कठिनाइयों से बीता है। मेरे पिता और ताऊ जी नशे की चपेट में आ गए थे, जिस वजह से घर की परिस्थिति खराब हो गई थी। आलम यह था कि हमें घर में आग जलाने के लिए सड़क से गोबर उठाने पड़ते थे।।
गौरव राणा बताते हैं कि वह पढ़ने में बहुत अच्छे थे, 10वीं परीक्षा पास करने के बाद वह अपने फूफा जी के पास आगरा चले गए, जहां पर आगरा के दयालबाग कॉलेज में पॉलिटेक्निक में दाखिला लिया और साल 2011 में पास हुए।
गरीब घर में पले बड़े गौरव राणा किसी मिसाल से काम नहीं हैं। जो पहले चंद पैसों के लिए अपने गांव के गलियों में गोबर उठाया करते थे, आज वह 8 करोड़ की कंपनी के मालिक हैं और कई लोगों को रोज़गार भी देते हैं। इससे अच्छी कामयाबी की कहानी और क्या हो सकती है।
गौरव ने बचपन में अपने दादाजी के साथ दुकान में हाथ बटाते थे, दुकान चलाने में उनकी मदद करते थे। गौरव ने कई बिजनेस में हाथ आजमाया है। इस दौरान उन्होंने कई विकट परिस्थिति देखी। लेकिन वह हमेशा अपने होसलो से मजबूत रहे और हर नाकामयाबी के बाद उन्होंने वापसी की और कुछ नया करने की कोशिश की।
इस दौरान इंदौर में वोल्वो आयशर कंपनी में बतौर इंजीनियर उन्हें Job मिल गई और यहीं से उनकी किस्मत ने करवट बदल ली। गौरव बताते हैं कि साल 2012 तक वह एक इवेंट मैनेजर के रूप में काम करते थे, लेकिन किसी कारणवश उन्हें लगभग 18 लाखों रुपए का नुकसान हो गया। यह समय गौरव के लिए काफी दिक्कतों से भरा था लेकिन उन्होंने अपनी सूझ बूझ से काम लिया और नए अवसर की खोज में जुट गए।
इसी दौरान उनके मन मे ब्यूटी सैलून खोलने का विचार आया, यह विचार उन्हें अपनी मां से मिला क्योंकि उनकी मां एक ब्यूटीशियन थी। इसके बाद गौरव ने साल 2015 में CALIPSO का शुभारंभ किया। स्टार्टिंग में वह इंदौर के सैलून के लिए ऑन डिमांड अपनी सेवा दिया करते थे, लेकिन देखते ही देखते कुछ समय बाद उन्होंने खुद का ही सैलून ओपन कर लिया।
वह CALIPSO को एक ब्रांड के रूप में पहचान दिलाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने अपनी इस सोच को कई निवेशकों से Share किया। कई निवेशकों को उनकी कार्य प्रणाली अच्छी लगी और उन्हें कामयाबी मिली। इसी दौरान उनकी वार्तालाप ओयो के सीईओ रितेश अग्रवाल से हुई। उन्होंने पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा के बारे में बताया और उन्हें उनका समर्थन मिला।
कैलिप्सो ने अपनी प्रोफेशनल एप्रोच और वर्किंग से बदली इंदौर में सैलून की परिभाषा। सैलून के साथ लाये 'रैलून' का एक नंबर आईडिया।
देखिये सैलून इंडस्ट्री का गौरव बढ़ाते कैलिप्सो के फाउंडर गौरव राणा से वोकल फॉर लोकल में रविवार 11 बजे।#Indore #IndoreTalk #VocalForLocal #Calipso pic.twitter.com/srU1X659dS
— Indore Talk (@IndoreTalk) May 30, 2020
गौरव राणा अपने बिजनेस के नुकसान को भरने के लिए नौकरी करने लगे। तब रितेश अग्रवाल और विजय शेखर शर्मा ने उन्हें नौकरी को छोड़ कर पूरा फोकस बिजनेस पर लगाने की नसीहत दी। स्टार्ट में गौरव अपनी नौकरी नही छोड़ना चाहते थे।
वहीं देश की सबसे बड़ी होटल श्रृंखला ओयो रूम्स ने कैलेस्पो के साथ टाई-अप कर देश के भिन्न-भिन्न शहरों के कई होटलों में ब्यूटी सर्विसेज़ मुहैया कराती है। इसके अलावा साल 2019 में भारतीय रेलवे ने कैलेस्पो के साथ टाई-अप के माध्यम से रेल में मसाज की सुविधा स्ट्रेट की। गौरव ने अपने मेहनत के दम आज अपने खुद के बिज़नेस के कई लोगों को रोजगार दे रहे है।
अपनी असफलता से हार ना मानते हुए वह कहते हैं, बचपन में मुझे मेरे दादाजी ने सीख दी थी कि कोई भी काम बुरा नहीं होता है, हर काम सीखने चाहिए और हमेशा आगे बढ़ते रहने का प्रयास करना चाहिए। मैं इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ा हूँ और मेरी सफलता का राज यही है गौरव आज एक सफल व्यक्ति बन चुके है।