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Agra/Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के आगरा में कल देर रात आंधी-तूफान के कारण विश्वप्रसिद्ध ताजमहल की इमारत को नुकसान पहुंचा और ताजमहल के मुख्य मकबरे की संगमरमर की रेलिंग टूट गयी। कुछ जालियां भीं गिर गईं हैं। इसके अलावा एक दरवाजा भी चपेट में आया है। अधिकारियों ने इस नुक्सान की जानकारी दी थी। तेज आंधी के चलते कई स्थानों पर मकान और पेड़ों के भी गिरने की खबर मिली है।
मीडिया में आई खबर के मुताबिक़ भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीक्षक डॉ.बसंत स्वर्णकार ने बताया की आंधी से ताजमहल में संगमरमर की जालियां और लाल पत्थर की जालियां क्षतिग्रस्त हुई हैं। ताजमहल परिसर में लगे पेड़ उखड़े हैं और एक दरवाजा भी उखड़ गया है। उन्होंने बताया की ताजमहल परिसर में पर्यटकों की सुविधा के लिये बनायी गई शेड की फॉल्स सीलिंग भी उखड़ गयी है। इसके अलावा महताब बाग की दीवार और मरियम के मकबरे पर पेड़ गिर गया है।
आपको बता दे की कोरोना लॉकडाउन के चलते ताजमहल पिछले 2 महीने से भी अधिक दिन से बंद है। यह पहली दवा है, जब ताजमहल इतने लंबे समय तक बंद रखा गया हो। इससे पहले 2018 में 11 अप्रैल और दो मई को में भी आंधी एयर तूफ़ान से ताजमहल का शाही दरवाजा, दक्षिणी दरवाजा और गुलदस्ता स्तंभ को नुक्सान पहुंचा था।
खबर है की लगभग 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की तेज रफ्तार से चली आंधी ने तीन लोगों के प्राण ले लिए और 25 लोगों के घायल होने की खबर है। आंधी में मकान ढहने से गांव नगरा कर्म सिंह में एक बालिका और फतेहाबाद तथा डौकी में दो लोगों की जान चली गयी, हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। ऐसी खबर है।
Thunderstorm in Uttar Pradesh's Agra causes damages to Taj Mahalhttps://t.co/kwGsFTisJx
— Zee News English (@ZeeNewsEnglish) May 30, 2020
ताजमहल को नुकसान पहुँचने पर ट्विटर पर कुछ लोग ट्रेंड चलाने लहे और ताजमहल को प्रेम की निशानी बताने लगे। जिस पर कुछ अन्न लोगो का कहना है की ताजमहल कोई प्यार की निशानी नहीं है, बल्कि मुगलों की गुलामी की निशानी है। लोगो के अनुसार प्रेम की निशानी तो रामसेतु है।
प्रेम की निशानी ताजमहल नही,
प्रेम की निशानी "रामसेतु" है ।
🙏जय श्री राम 🙏
— ROHIT CHAHAL (@rohit_chahal) April 12, 2020
ताजमहल और रामसेतु में प्रेम की निशानी कौन है। इस पर अब लोगो में चर्चा हो रही है। एक यूजर प्रतीक मिश्रा ने कहा की “जो तूफानों में बिखरने लगे वो ताजमहल ही क्या और जो समंदर में भी अजड़ है, वही तो रामसेतु है।” मतलब रामसेतु के मुकाबले ताज कुछ भी नहीं है।
जो तूफानों में बिखरने लगे वो ताज ही क्या ….
और जो समंदर में भी अजड़ है वही तो रामसेतु… #रामसेतु #ताजमहल #symboloflove #SpaceX pic.twitter.com/JOnESUS8LB— Prateek Mishra🇮🇳 (@chotupm) May 31, 2020
एक यूजर ने कहा की ताज़महल नहीं बल्कि रामसेतु सच्चे प्रेम का प्रतीक है। ताजमहल सिर्फ एक दफन स्थान है। यह अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है। राम सेतु का निर्माण श्री राम ने अपनी प्यारी पत्नी सीता को वापस लाने के लिए किया था। साथ ही राम ने वानर के अंगुलियों को नहीं काटा था।
एक यूजर ने कहा की ताजमहल तो एक इंसान की तेरहवीं-चौदहवी बीवी की तेरहवीं के बाद बनी कब्र है। वो भी बताया जाता है की शिव मंदिर तेजोमहालय को बदलकर ताजमहल नाम दे दिया गया। प्रेम की पहचान तो रामसेतु है, जिसको अपनी एकमात्र जीवन संगिनी को वापस लाने के लिए श्री राम ने समुद्र को बांध दिया था।