बिहार मजदूर के बेटे का कमाल, अमेरिका में रहकर भारत का प्रतिनिधित्व करेगा, यूनिवर्सिटी का बुलावा आया

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bihar son success story
Bihar Laborer son Gautam selected for Hansen Leadership Program 2023 in California. Daily wage laborer son in University of California.

Patna: सफलता अमीरों की चाकरी नहीं करती बात तो मेहनत करने वालों को मिलती है। सफलता मानव की तरह भेदभाव नहीं करती गरीबों और अमीरों का भेद कामयाबी के अंदर नहीं होते। कामयाबी मेहनती और समर्पित लोगों को मिलती है।

इस बात का प्रमाण है बिहार के मजदूर का बेटा (Bihar Labour Son)। जिसने अपनी मेहनत की तन पर यह उपलब्धि हासिल की है। मजदूर के इस बेटे को अमेरिका के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (University of California, America) में लीडरशिप प्रोग्राम के लिए आमंत्रित किया गया। बिहार का यह बेटा अमेरिका में भारत के प्रतिनिधित्व के लिए चुना गया है। आई जाने इस गरीब मां-बाप के बेटी की सफलता के बारे में।

कौन है यह बालक

जानकारी के अनुसार आपको बता दें बिहार राज्य के अंतर्गत आने वाले मसौढ़ी के कादिरगंज थाना के कल्याणपुर मुसहरी के रहने वाले गौतम (Gautham) को अमेरिका के कैलिफोर्निया में आयोजित 2023 हैनसेन लीडरशिप प्रोग्राम (Hansen Leadership Program 2023) के लिए चुना गया है।

इस प्रतियोगिता के लिए दुनिया भर से मात्र 20 लोगों का चयन हुआ है। जिनमें से गौतम एकमात्र भारतीय कैंडिडेट है। इस खबर को ट्विटर के माध्यम से दुनिया भर में शेयर किया गया। शरद विवेक सागर जो एक उद्यमी और डेक्सटेरिटी ग्लोबल के संस्थापक एवं सीईओ है, उन्होंने अपने टि्वटर पर ट्वीट कर बताया है कि बिहार के गौतम अमेरिका में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

17 देशों के प्रतिभागी शामिल

बताया जा रहा है कि गौतम को हैनसेन लीडरशिप इंस्टीट्यूट के प्रबंध निदेशक डॉ. ब्रैड फ्रैजियर के द्वारा एक आमंत्रण पत्र भेजा गया है। गौतम के साथ-साथ 17 देशों के 17 कैंडिडेट भी है, जिन्हें यह आमंत्रण पत्र प्राप्त हुआ है।

इस कार्यक्रम को जुलाई मंथ में आयोजित किया जाएगा। गौतम की यह उपलब्धि उनके माता-पिता के साथ-साथ पूरे भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने अमेरिका में भारत का प्रतिनिधित्व करके पूरे भारत को गौरवान्वित किया है।

आपको बता दें लीडरशिप के लिए चयनित हुए गौतम का परिवार बीपीएल श्रेणी में आता है। गौतम (Gautam Manjhi) के पिता संजय मांझी टोला सेवक है और गौतम की मां लखनी देवी एक ग्रहणी है। गौतम के पिता अपने घर परिवार को चलाने के लिए मजबूरी भी करते हैं।

घर का पहला सदस्य है पढ़ा लिखा गौतम

गौरव के माता-पिता बताते हैं कि उनके पूरे परिवार में गौतम ही है, जो इतना पढ़ा लिखा है। उनके परिवार में कोई भी हाई स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई नहीं कर सकता। गौरव ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी कर कॉलेज की पढ़ाई की इसी दौरान उन्हें हैनसेन लीडरशिप प्रोग्राम के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने ऑनलाइन इसका फॉर्म भर दिया कुछ समय बाद ऑनलाइन ही गौतम का साक्षात्कार हुआ और वे इसके लिए चयनित हुए।

गौतम ने हैनसेन लीडरशिप प्रोग्राम की जानकारी

गौतम बताते हैं कि इस प्रोग्राम के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है। इसमें दुनिया भर के हर देश से एक एक व्यक्ति को चुना जाता है और उसे प्रशिक्षित किया जाता है। युवा को आने जाने का किराया साथ ही रहने खाने की व्यवस्था दी जाती है।

गौतम को राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल ने समझा और उसे लगातार ट्रेनिंग दी जा रही है। आपको बता दें गौतम मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं परंतु शिक्षा के लिए हरियाणा में रह रही थी और कंप्यूटर साइंस में द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी हैं। वे काफी होनहार है। इस बात का प्रमाण है लीडरशिप में चयन।

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