Bangalore: बीते कुछ सालों से लोगों ने अपना रोजगार का तरीका बदल दिया है। पहले लोग नौकरी करना पसंद करते थे परंतु वर्तमान समय में लोग खुद का स्टार्टअप करके पैसे कमाना सीख रहे हैं। सोशल मीडिया में आए दिन किसी नए स्टार्टरअप की खबरें वायरल होती रहती है।
अक्सर खबरों में सुनने मिलता है कि युवा या युवती बड़ी कंपनी की नौकरी छोड़ कर खुद का व्यवसाय कर रही हैं और अच्छा खासा मुनाफा कमा रही है। दोस्तों पहले के समय में सरकारी नौकरी को ही अहम दर्जा दिया जाता था।
इसके बाद प्रतियोगिता बढ़ती गई और सरकारी नौकरियां मिलना काफी कठिन हो गई, तो लोगों ने प्राइवेट कंपनियों में अच्छे पैकेज पर नौकरी करना प्रारंभ कर दिया, परंतु महामारी के वक्त देखा गया कि जो छोटी-मोटी नौकरी करके अपनी जीविका चला रहे हैं, उनकी नौकरी ही चली गई।
ऐसी स्थिति में लोग जान के साथ-साथ अपनी नौकरी भी खो बैठे तब लोगों को समझ में आया कि स्वयं का स्टार्टअप (Startup) करके ही लोगो को सही रोजगार का रास्ता (Way Of Employment) मिलेगा।
अच्छी कंपनी में काम करने वाली लड़की बनी किसान
एक रिपोर्ट के मुताबिक एक बेटी जो बहुत बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी में जॉब कर रही थी उस बेटी ने जॉब छोड़ कर खेती किसानी शुरू कर दी। उन्होंने अपने परिवार वालों से लड़ाई झगड़ा करके खेती-किसानी शुरू की। बताया जा रहा है कि यह उनका पारिवारिक व्यापार था, जो घाटा लगने के कारण भाई और पिता ने यह काम छोड़ दिया और दूसरा काम शुरू कर दिया।
हम बात कर रहे हैं। रोजा रेड्डी (Roja Reddy) जो वर्तमान समय में खेती किसानी (Farming Business) से करोड़ों रुपए कमाती है। जब वे यह काम शुरू कर रही थी, तब उनके माता-पिता ने उनको इस काम के लिए जरा भी सपोर्ट नहीं किया, क्योंकि रोजा अच्छी कंपनी में और अच्छे पैकेज में काम कर रही थी और उन्होंने इस जॉब को छोड़कर खेती-किसानी करना शुरू किया जो उनके माता-पिता के लिए घाटे का सौदा था। आज उन्होंने अपना करियर कृषि क्षेत्र में सवार लिया है।
महामारी के वक्त मिला वर्क फ्रॉम होम
रोजा बताती हैं कि जब देश में महामारी का आलम था और लॉकडाउन की स्थिति बनी, तो बड़ी-बड़ी कंपनियों में काम कर रहे वर्कर्स को वर्क फ्रॉम होम करने का मौका मिला, इसमें रोजा रेडी भी शामिल थी। रोजा नहीं इस वक्त का सही इस्तेमाल किया, उन्होंने नौकरी के साथ-साथ अपने पिता और भाई का डूबता हुआ रोजगार संभाला।
पिता और भाई अपनी खेती किसानी के काम में काफी ज्यादा नुकसान झेल रहे थे। ऐसे में दोनों पिता और भाई काम को स्विच करने के मूड में थे उसी समय रोजा ने अपनी समझदारी से अपने पैतृक व्यापार को दोबारा संवारा। कृषि व्यापार को संभालने के लिए उन्होंने जैविक खेती का सहारा लिया। लॉकडाउन के वक्त वर्क फ्रॉम होम आज खत्म करने के बाद 4:00 बजे से अपने पिता के साथ खेतों में काम किया।
कम उत्पादन के कारण को पकड़ा रोजा ने
रोजा नहीं सबसे पहले अपने समझ से खेती में कम उत्पादन क्षमता का कारण जाना उसके बाद उसके उपचार के लिए विचार की। उन्होंने अपनी रिसर्च सजाना की वर्षों से ज्यादा मात्रा में हो रहे केमिकल के इस्तेमाल से जमीन की उर्वरक क्षमता कम हो गई है फल स्वरूप किसानों को फसल से ज्यादा उपज ना प्राप्त होने की वजह से नुकसान झेलना पड़ रहा है।
Roja Reddy, a techie by profession, has always dreamt of becoming a farmer like her father. However, her family wanted her to pursue a well-paying job in the city. #organicfarming #FarmersFirst #farming #pursueyourdreams pic.twitter.com/4pSF9Fxwop
— The Better India (@thebetterindia) August 18, 2023
यह जानने के बाद रोजा ऑर्गेनिक खेती (Organic Farming) करने का निश्चय किया। ऑर्गेनिक खेती से जमीन की उर्वरा क्षमता भी बढ़ेगी और उत्पादन भी अच्छा होगा। हालांकि रोजा के लिए नौकरी छोड़कर ऑर्गेनिक खेती करने का फैसला काफी मुश्किल था, क्योंकि वह अच्छी नौकरी कर रही थी और परिवार वाले नहीं चाहते थे कि वह अपनी नौकरी छोड़कर कोई और काम करें।
रोजा की संक्षिप्त जानकारी
आपको बता दें रोजा नहीं थी कर्नाटक (Karnataka) के एक छोटे से गांव से बिलॉन्ग करते हैं। हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे ठीक तरह से पढ़ लिख कर अच्छी नौकरी करके अपना भविष्य सेट कर सके। यही सपना रोजा के माता-पिता देखा करते थे। रोजा की माता पिता चाहते थे कि उनकी बेटी को पढ़ लिख कर किसी बड़ी कंपनी में नौकरी कर सके।
रोजा ने अपने माता पिता का सपना तो पूरा किया अच्छे से पढ़ाई की और नौकरी भी पाए, परंतु उनका मन लॉकडाउन के वक्त स्वयं के स्टार्टअप पर आकर अटका उसका ही नतीजा है कि आज से करोड़ों रुपए अपने इस कृषि के व्यवसाय से कम आ रहे हैं।