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Hyderabad: जैसा कि हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत के 70 से 75 प्रतिशत लोक कृषि करके ही अपना घर परिवार चलाते हैं। एक समय था जब किसान पूरी तरह कृषि पर ही निर्भर हुआ करते थे। किसानों के हालात प्रारंभ से ही ठीक नहीं रहे धीरे-धीरे चलते उर्वरक भूमि पर लगातार जहरीला कीटनाशक खादी यूरिया डालकर जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट कर दी।
फल स्वरुप जिस जमीन पर लाखों रुपए का अनाज उत्पादित होता था, उसी जमीन पर फसल में लगी लागत भी प्राप्त नहीं होती। ऐसे में किसानों की स्थिति काफी ज्यादा खराब होती जा रही थी और एक ही रोजगार होने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति पर भी काफी गहरा असर पड़ रहा था।
वर्तमान समय में किसानों के लिए सरकार और विज्ञान दोनों ने ही कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई है। जैसे सरकार की तरफ से किसानों को सब्सिडी दी जा रही है, वही विज्ञान के जाने वाले लोगों ने कृषि विज्ञान को काफी मजबूती प्रदान की है।
भारत सरकार किसानों को दे रही लाभ
जानकारी के अनुसार आपको बता दें भारत सरकार ने किसानों के लिए कई सारी योजनाएं चला रखी है। जैसे किसानों को तालाब निर्माण के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है, वही जैविक और आधुनिक तरीके से खेती करने पर भारत सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है साथ ही कृषि को बढ़ावा देने के लिए बीज और जैविक खाद उपलब्ध करा रही है।
दोस्तों जरूरी नहीं है कि किसानों जितनी खूब सारी खेती हो तभी वह खेती किसानी करता है। भारत में काफी सारे ऐसे परिवार हैं, जो अपने छोटे-छोटे गार्डन मैं सब्जियों और फलों के पेड़ लगाते हैं। हमारे देश में टेरेस गार्डनिंग का कल्चर भी काफी चरम पर है। टेरेस गार्डन इन के माध्यम से लोग अपने छात्रों में हाइड्रोपोनिक्स व्यवस्था या फिर आधुनिक तरीके से फलों एवं सब्जी के पेड़ों को लगाते हैं और घर में उगाई हुई सब्जियों का इस्तेमाल करते हैं।
हैदराबाद की चंदना की कहानी
दोस्तों मार्केट में मिलने वाली सब्जियां हाइब्रिड और यूरिया खाद में उगाई गई सब्जियां होती है, इसीलिए लोग टेरेस गार्डनिंग के माध्यम से घर पर शुद्ध और यूरिया खाद रहित सब्जियां उगा कर उसका सेवन करते हैं। कुछ ऐसी ही शुरुआत हैदराबाद (Hyderabad) की रहने वाली चंदना (Chandana) ने की।
चंदना अपने घर परिवार में रह रहे सदस्यों के लिए छतों पर सब्जियां उगा कर उसे पकाकर अपने बच्चों को खिलाया करती थी, परंतु मार्केट में उन्हें केवल हाइब्रिड बीज (Hybrid Seed) ही प्राप्त हुआ करते थे। इस स्थिति को उन्होंने समझा और अपने आसपास के किसानों से देसी सब्जियों के बीज खरीदे और घर में खेती प्रारंभ की।
हाइब्रिड के साथ-साथ देसी बीजों का भी बढ़ाया चलन।
दोस्तों बाजारों में वर्तमान समय में केवल हाइब्रिड बीज ही प्राप्त हो रहे हैं। हाइब्रिड बीज सस्ता और ज्यादा सब्जियां पैदा करने वाला फल है। हाइब्रिड बीज की मदद से किसानों को कृषि क्षेत्र में काफी ज्यादा लाभ प्राप्त हुआ है, क्योंकि इस बीच से बने एक पौधे में लगभग 8 से 10 किलो सब्जी प्राप्त होती है, परंतु इन सब्जियों में देसी सब्जियों की तरह कोई स्वाद नहीं होता।
मार्केट में देसी सब्जी के बीज भी होना चाहिए, इस बात का चंदना को धीरे-धीरे एहसास होने लगा उन्होंने सोचा कि मार्केट में केवल हाइब्रिड बीज ही प्राप्त होते हैं। उनके जैसे कई लोग हैं, जिन्हें देसी सब्जी के बीज नहीं मिल पाते इसीलिए उन्होंने अपने घर पर ही सब्जियों के बीज बनाने प्रारंभ कर दिए।
स्टार्टअप को बनाया व्यापार
एक रिपोर्ट के मुताबिक चंदना ने एक समय घर से इस काम की शुरुआत की धीरे-धीरे उनका यह कारोबार एक बिजनेस के रूप में दिखाई देने लगा। वर्तमान समय में वे अपने द्वारा बनाए गए बीजों को आसपास के कई शहरों में सप्लाई करती हैं।
आज चंदना का व्यापार हैदराबाद ही नहीं बल्कि भारत के कई राज्यों में फैल गया है और चंदना इस व्यापार से महीने का 50 लाख रुपए से भी ज्यादा कमा लेती हैं। उनका यह कारोबार अब एक प्रोफेशनल तरीके से चलता है। अपने राज्य के साथ-साथ भारत के कई राज्यों में चंद्र अपने काम के लिए मशहूर हो गई हैैं।