Thanjavur: दोस्तों सरकारी नौकरी को समाज में एक ऊंचा स्थान प्राप्त है। अक्सर लोगों से कहते सुना है कि यदि सरकारी नौकरी है तो जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं होगी। परंतु आपको बता दे सरकारी नौकरी या कोई भी नौकरी व्यक्ति को नाम कमाने का मौका देती है, परंतु एक व्यापार ही है जो व्यक्ति को धन से संपन्न ने बनाता है।
ऐसा माना जाता है कि नौकरी व्यक्ति को समाज में एक पहचान देती है और व्यापार समाज में जीने के लिए और लग्जरी लाइफ बिताने के लिए अच्छा धन देता है। कोई नौकरी छोटी या बड़ी नहीं होती यह केवल कहने की बातें हैं समाज में नौकरियों के मायने भी निर्धारित हैं। लोगों ने छोटी एवं बड़ी नौकरी का स्तर तय कर दिया है।
आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। जिसमे एक व्यक्ति ने पुलिस की सरकारी नौकरी छोड़ बकरी पालन प्रारंभ कर दिया। ऐसे में लोगो ने उस व्यक्ति को पागल करार दिया। आज वही व्यक्ति लाखों रुपए कमा कर उन व्यक्तियों का मुंह बंद कर दिया जो एक समय इस व्यक्ति को पागल कहा करते थे।
मामला तमिलनाडु का है
बताया जा रहा है कि तमिलनाडु (Tamil Nadu) के तंजावुर (Thanjavur) जिले के कुरुवादिपत्ती गांव के रहने वाले सतीश पहले तमिलनाडु पुलिस में पदस्थ थे। परंतु उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ कर बकरी पालन शुरू कर दिया।
सतीश (Sathish) के परिवार जन गांव वालों और उनके दोस्त ने उनके इस कार्य का बिल्कुल भी समर्थन नहीं किया, ऊपर से उन्हें पागल भी कहा की सभी लोगों का एक ही मत था कि लगी लगाई अच्छी भली नौकरी छोड़ कोई पागल ही बकरी पालन जैसा छोटा काम कर सकता है।
परंतु सतीश ने इस छोटे से काम को एक नया आयाम दिया। उन्होंने अपनी मेहनत की दम पर इस काम को बेहतरीन तरीके से किया और आज बे बेहतरीन पशुपालकों (Animal Keeper) में से एक जाने जाते हैं। हम कह सकते हैं कि सतीश ने अपने बेहतरीन काम से उन लोगों का मुंह बंद कराया है, जो उन्हें बुरा भला कहा करते थे।
मल्टी टैलेंटेड है सतीश
रिपोर्ट के मुताबिक सतीश क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को अपना आइडियल मानते हैं। उनका कहना है कि वे फल से ज्यादा कर्म करने पर विश्वास रखते हैं। इसी सोच ने उन्हें बकरी पालन जैसे कार्य को करने का रास्ता सुझाया है। वे बताते हैं कि उन्होंने सबसे पहले 3 एकड़ जमीन में खेती करना प्रारंभ किया।
इसके बाद उन्होंने बकरी पालन (Goat Farming) प्रारंभ किया अपने खेतों में बकरी के लिए चारा उगाया करते हैं और उसी चारे को वे बेचते भी हैं। बकरी पालन की कमाई से उन्होंने एक फिटनेस सेंटर भी खोल रखा है, जिससे उनका व्यवसाय दिन दुगना रात 4 गुना बढ़ रहा है।
सतीश बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही पुलिस विभाग में नौकरी करना पसंद था। उन्होंने अपना सपना वर्ष 2009 में पूरा कर लिया जब वे तमिलनाडु पुलिस कांस्टेबल पद पर चयनित हुए। सतीश की पत्नी भी पुलिस विभाग में कार्यरत है।
पत्नी ने किया सपोर्ट
सतीश कहते हैं कि भले ही उनका सपना पुलिस बनने का था, परंतु वे बहुत जल्द पुलिस की नौकरी से बोर हो गए इसीलिए वे चाहते थे कि वह अपना खुद का एक कारोबार करें जिससे उनकी इनकम बढ़ सके। इस बारे में सबसे पहले उन्होंने अपनी पत्नी से बात की और बताया कि वह नौकरी छोड़ अपना खुद का स्टार्टअप करना चाहते हैं।
एक पत्नी को अपने पति पर काफी ज्यादा भरोसा था, इसीलिए उन्होंने अपने स्टार्टअप के लिए सतीश को परमिशन दे दी। सतीश ने अपने माता पिता को अपनी नौकरी छोड़ने के विषय में नहीं बताया, क्योंकि वह जानते थे कि यदि वे ऐसा करेंगे, तो उनके माता-पिता उनसे रुष्ट हो जाएंगे। सतीश बताते हैं कि उन्होंने अपने माता-पिता को झूठ कहा कि वे लंबी छुट्टी पर घर आए हैं।
मेहनत के दम पर पहुंचाई 100000 रुपया महीने की इनकम
सतीश बताते हैं कि उन्होंने 150 बकरियों के साथ बकरी पालन स्टार्ट किया था। साथ ही उन्होंने 3 एकड़ जमीन में खेती करने की भी सोची। आपको बता दें 2 एकड़ जमीन में सतीश बकरियों का चारा होगा आते हैं और 1 एकड़ जमीन में चावल की खेती करते है।
2 एकड़ जमीन में बकरियों का चारा उनके उपयोग से ज्यादा होता है, इसीलिए वे अन्य बकरी पालक को को बकरियों का चारा बेच देते हैं, जिससे उनकी एक आय निश्चित हो जाती है। सतीश का कहना है कि वह बकरियों का सही चारा उनका प्रबंधन का खर्च निकाल कर दे महीने का 100000 Rs से ऊपर कमा लेते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बकरी पालन की कमाई से सतीश ने अपने ही गांव में पावर स्मैक नाम से एक जिम खोला है। जो वहां के युवाओं के बीच काफी ज्यादा प्रचलित है। सतीश का कहना है कि उनकी दिनचर्या सुबह 5:00 बजे से प्रारंभ हो जाती है, 5:00 बजे जिम जाते हैं।
उसके बाद सीधे खेतों की तरफ निकल जाते हैं, उनका पूरा दिन खेतों में बीतता है। सतीश ने अपना व्यवसाय पूरी मेहनत और लगन से खड़ा किया हैैं। उन्होंने प्रण किया है कि वर्ष 2027 तक वे अपने हर लक्ष्य को पूरा कर सकेंगे।