
Bhopal: दोस्तों हम सब जानते हैं भारत साधु संतों का देश है। पिछले दीर्घकाल में हम देखें तो एक से बढ़कर एक प्रतापी एवं देवी शक्ति से परिपूर्ण संतो ने इस देश में जन्म लिया। हमारे सनातन संस्कृति में यह भी कहा जाता है कि, वास्तव में साधु एक वैज्ञानिक की तरह होते हैं, जो समाज के कई पहलुओं पर अपनी तपस्या के द्वारा रिसर्च करते हैं और अपने ज्ञान को वापस समाज को अर्पित कर देते हैं।
हमारे पूर्व संतों ने धर्म, अर्थशास्त्र, भौतिक, विज्ञान, रसायन शास्त्र, एवं गणित जैसे अलग-अलग विषयों पर कई प्रयोग किए। इनके कई लेख हमें पढ़ने मिल सकते हैं। ऐसे ही आज हम एक महान संत की बात करने वाले हैं, जो देखने में तो दृष्टिबाधित है।
पूरी दुनिया में उनके ज्ञान एवं प्रताप की ख्याति फैल रही है। उन्होंने राम मंदिर (Ram Mandir) जैसे कठिन मुद्दे को निर्णायक मोड़ देने में कानून की मदद की जिससे मुस्लिम जज भी यह कहने को मजबूर हो गए कि यह अवश्य ही किसी देवी कृपा के पात्र हैं।
जानिए कौन है गुरु रामभद्राचार्य जिनका हर तरफ है प्रताप
दोस्तों हम बात कर रहे हैं श्री जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Jagadguru Ramanandacharya) जी की। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के चित्रकूट धाम में 14 जनवरी 1950 को हुआ था। गुरुजी जब सिर्फ 2 माह के बच्चे थे, तब किसी घटना के चलते इनकी आंखों ने काम करना बंद कर दिया और यह दृष्टिहीन हो गए।
कहते हैं ना जा पर कृपा राम की होई ता पर कृपा करे सब कोई। तो गुरु जी ने अपनी इस कमी को शक्ति में परिवर्तन किया और अपनी तपस्या के बल पर जगतगुरु की उपाधि तक पहुंचे। आज रामभद्राचार्य जी 22 भाषाओं में पारंगत है, दृष्टिहीन होने के बावजूद 80 से ज्यादा ग्रंथों की रचना की है एवं भारत के सनातन संस्कृति से जुड़े समस्त ग्रंथ मुंह जुबानी याद हैं देशभर में इनके लाखों अनुयाई हैं।
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री को भी दिया था आपने सपोर्ट
श्री रामभद्राचार्य जी ने तुलसी पाठ (Tulsi Path) की स्थापना चित्रकूट (Chitrakoot) में की थी। जिस वजह से संत समाज में आज इनका स्थान बहुत उच्च स्थान माना जाता है। जब प्रसिद्ध बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के प्रचारक पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Kirshna Shastri) जी पर मीडिया एवं कुछ लोगों द्वारा गलत इल्जाम लगाए जा रहे थे।
तब रामभद्राचार्य जी खुलकर उनके सपोर्ट में सामने आए और उन्होंने सीधे तौर पे कहा कि, धीरेंद्र शास्त्री मेरा ही छात्र रहा है मैं उसे बेहतर ढंग से जानता हूं और धीरेंद्र सिर्फ सनातन संस्कृति के प्रचार का ही काम करता है। मैं उसकी गारंटी ले सकता हूं। गुरु जी के इस वक्तव्य के बाद काफी हद तक उनसे जुड़े विवाद शांत हो गए।
राम जन्मभूमि एवं मंदिर के केस में निभाया था अहम रोल
दोस्तों एक वक्त था जब राम जन्मभूमि का मुद्दा कोर्ट में चल रहा था। विपक्ष इस बात पर अड़ा था कि राम जी का जन्म उसी स्थान पर हुआ है इस बात का क्या सबूत है। वकील काफी परेशान थे ऐसे में जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी आगे आए।
उन्होंने कोर्ट में आकर ऋग्वेद में 10 वीं अध्याय के अंदर अंकित एक श्लोक पढ़ कर बताएं जिसमें सरयू नदी से श्री राम जन्म के स्थल का एक भौतिक विवरण दिया हुआ था। जिसे कोर्ट ने वेरीफाई करवाया और वह सारी बातें सत्य पाई गई।
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— SampathSharda (@SampathSharda) January 13, 2023
इससे सुनवाई का रुख पूरी तरह बदल गया और यह बात स्पष्ट हो गई कि श्री राम जी का जन्म उसी स्थान पर हुआ था। गुरु भद्राचार्य जी द्वारा यह बात कही गई किससे एक मुस्लिम जज ने इंप्रेस होकर उन्हें प्रणाम किया और कहा “You are a divine power” अर्थात आप एक देवीय शक्ति हो।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विषय में भी कर चुके हैं कई भविष्यवाणियां
राजनीतिक मामले में गुरु रामभद्राचार्य जी ने खुलकर अपने विचार प्रकट किए थे। उनका मत था कि कांग्रेस की सरकार ने उनकी योग्यता एवं ज्ञान को सही से परखा नहीं, परंतु भाजपा एवं श्री नरेंद्र मोदी जी ने उनके ज्ञान को समझते हुए 2015 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।
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— Abhayaas Ek Prayaasᵀᴹ (@ek_prayaas) January 14, 2023
तब गुरु जी ने नरेंद्र मोदी को लेकर के 2015 में ही भविष्यवाणी कर दी थी कि, श्री मोदी लगातार तीन बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे और यह एक संत की तरह ही निश्चल सेवा द्वारा देश को तरक्की की ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।