
Almora: उत्तराखंड जिसे देवभूमि भी कहा जाता है। लोगों का मानना है कि इस राज्य में भगवान शिव का वास है। इसी राज्य में केदारनाथ भी आता, जहां भगवान शिव के वराह अवतार के शरीर का एक टुकड़ा केदारनाथ की धरती पर स्थित है।
दोस्तों भगवान शिव को कई नामों से पूजा जाता है, जैसे भोलेनाथ, शिव शंभू, शंकर भगवान, महाकाल, रुद्राक्ष आदि। भगवान भोलेनाथ बिल्कुल अपने नाम की तरह ही है। वह बहुत ही जल्द लोगों के द्वारा मनाए जाने पर मान जाते हैं और उनका क्रोध धरती को नष्ट करने के लिए काफी है। हिंदू धर्म में शंकर भगवान को इष्ट देवता भी मानते हैं।
उत्तराखंड की भूमि भगवान शिव का लोक है, जिनके दर्शनों को हर वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु इनके दर्शन को आते है। दोस्तो उत्तराखंड की इस भूमि पर कई तरह से रहस्मई मंदिर (Mysteries Temple) है, जो अलौकिक शक्तियों का भंडार है। आइए जाने विस्तार से।
जाने कसार देवी मंदिर
उत्तराखंड (Uttarakhand) राज्य के अंतर्गत आने वाले अल्मोड़ा (Almora) जिले के कसार गांव में एक देवी का मंदिर (Kasar Devi Temple) है, जिसे कसार देवी मंदिर के नाम से जाना जाता हैं। यह मंदिर उत्तराखंड की भूमि पर स्थित है, सभी चमत्कारी मंदिरों में से एक है। मंदिर के चारों तरफ देवदार के बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं, जो मंदिर को घेरे हुए हैं।
इस मंदिर को प्राकृतिक सुंदरता और भी ज्यादा खूबसूरत बनाती है। इस मंदिर में विराजमान देवी मां की मूर्ति को मां दुर्गा के स्वरूपो में से एक माना गया है। अल्मोड़ा जिले में पड़ने वाला बागेश्वर राजमार्ग जहां से कसर का तक का रास्ता दिखाई पड़ता है।
मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा नवरात्रि पर्व पर की जाती है। उन के 9 रूपों में से एक स्वरूप है मां कात्यायनी। कसार देवी मंदिर में मां कात्यायनी का पूजन ही किया जाता है। भारतवर्ष में हर वर्ष नवरात्र पर्व मनाया जाता है और उन माता दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाता है।
मंदिर की खासियत
कसार देवी माता मंदिर (Mata Mandir) मैं मंदिरों के दो समूहों का निर्माण किया गया है। एक समूह में मां देवी का पूजन होता है, तो दूसरे समूह में भगवान शिव और भैरव का पूजन किया जाता है। इस मंदिर में सबसे खास बात यह है कि यहां की मुख्य मंदिर में एक ज्योति प्रज्वलित की गई थी, जो कई वर्षों से 24 घंटे जलती ही रहती है।
कसार देवी मंदिर, 2वीं शताब्दी, उत्तराखंड, अल्मोड़ा
पौराणिक मान्यता है कि कसार देवी मंदिर में मां दुर्गा साक्षात प्रकट हुई थी मंदिर में मां दुर्गा के आठ रूपों में से एक रूप देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। कार्तिक पूर्णिमा(नवम्बर, दिसंबर) को यहां मेला भी लगता हैजय माता दी 🙏 pic.twitter.com/ThUf444GkB
— Sheetal kumar 🇮🇳 (@Sheetal83879466) July 5, 2021
इस मंदिर के प्रांगण में एक विशाल हवन कुंड की बनाया गया है, जिसमें लकड़ी के लट्ठों को 24 घंटे जलाया जाता है। इस हवन कुंड की राख काफी शक्तिशाली बताई गई है। ऐसा कहा जाता है यह हवन कुंड की राख के इस्तेमाल से मानसिक रोगी को भी बहुत जल्दी आराम लग जाता है। मां कात्यायनी का मंदिर विशाल चट्टानों के बीच एक गुफा नुमा जगह पर बना हुआ है। इस मंदिर में जाने के लिए करीब 8 किलोमीटर लंबा रास्ता पैदल चलते हुए जाना पड़ता है।
1890 में स्वामी विवेकानंद ने इस जगह पर ध्यान किया था
बताया जा रहा है कि वर्ष 1890 में मां कात्यायनी मंदिर की गुफा में स्वामी विवेकानंद ने ध्यान लगाया था, उन्हें कुछ खास शक्तियों और सकारात्मक ऊर्जा का एहसास हुआ था। उत्तराखंड की भूमि पर पहला और भारत भूमि पर यह तीसरा स्थान है, जहां चुंबकीय शक्तियों का भरमार है।
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कसार देवी माता मंदिर की कई वैज्ञानिकों ने जांच पड़ताल की, परंतु आज तक उन्हें इस पार चुंबकीय शक्ति का सोर्स पता नहीं चला। इस विशाल शक्ति ने तो वैज्ञानिकों को भी अचंभित कर दिया है। कसार देवी माता मंदिर के पास वैज्ञानिकों द्वारा एक खास प्रकार की चुंबकीय शक्ति खोजी गई है। इस शक्ति के लिए एक स्थान विशेष काफी प्रसिद्ध है।
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इस खोज के कारण ही इस जगह का नाम कसार देवी जीपीएस-8 पड़ा। क्षेत्र में चुंबकीय शक्ति इतनी विशाल है कि नासा के वैज्ञानिक इस चुंबकीय शक्ति का पूरा और गहन अध्ययन नहीं कर सके। परंतु इस मंदिर को चुंबकीय शक्तियों का गढ़ का माना गया है, इसीलिए भविष्य में इस जगह पर ज्यादा से ज्यादा शोध होने की संभावना है।
कसार देवी मां कुछ अवसरों पर स्वयं आती है।
लोगों का मानना है कि यह क्षेत्र चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) तो है, साथ ही उनका मानना है कि स्वामी विवेकानंद जब यहां स्वयं पधारे थे, उस समय कुछ खास अवसरों पर स्वयं देवी भी पधारी थी।
इस जगह को हिल टॉप घाटी और हिमालय कि सुंदर दृश्य इस जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाते हैं। यह स्थान फोटोग्राफी के लिए भी काफी सुंदर माना गया है। कार्तिक पूर्णिमा यानी नवंबर और दिसंबर के बीच विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।