Kumbakonam, Thanjavur: इस धरती पर कई चौका देने वाले तथ्य है, जिन्हे देख कर आप हैरान हो सकते है। हम कह सकते है इस धरती पर कई आजीबो गरीब चीज़ें है, जिसकी आपने कल्पना भी नहीं की होगी। दोस्तों हम जानते है भारत के कोने कोने में कई रहस्य छिपे हुए है। समुद्र की गहराई से लेकर आकाश की ऊंचाई तक रहस्यमय है।
आप देख सकते हैं की जमीन के अंदर से कोई ऐसी चीज निकलती है, जो आधुनिकता को प्राचीन काल से जोड़ती हैं। दोस्तों सोशल मीडिया पर इस समय इल्यूजन (Optical illusion) की काफी सारे टेस्ट के बारे में जानकारी दी जा रही है।
लोग इल्यूजन को लेकर काफी ज्यादा उत्सुक नजर आते हैं। दुनिया में कई ऐसी जगह है, जिन्हें ऑप्टिकल इल्यूजन की थीम पर डिजाइन किया गया है। यह कृत्रिम इल्यूजन है, लेकिन क्या आप जानते हैं, भारत की एक ऐसी जगह है, जहां आपको प्राकृतिक इल्यूजन देखने मिलेगा तो चलिए हम जानते हैं उसे जगह के बारे में।
900 साल से भी ज्यादा पुरानी है यह इल्यूजन प्रतिमा
देश विदेश में बने कृत्रिम ऑप्टिकल इल्यूजन को देखते हुए लोगों के मन में भ्रम है कि यह एक पाश्चात्य सभ्यता की सोच है या किसी मॉडर्न शैली की तरफ इशारा करती है। लेकिन आपको बताना चाहेंगे, यह किसी भी प्रकार की मॉडर्न संस्कृति नहीं है, बल्कि भारत की यह प्रतिमा 900 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी है।
यह प्रतिमा ऑप्टिकल इल्यूजन का एक बेहतरीन उदाहरण है। जानकारी के अनुसार यह आकृति तमिलनाडु (Tamil Nadu) में स्थित एरावतेश्वर मंदिर (Airavatesvara Temple) में मौजूद है। इस आकृति को देख कर हर कोई भौचक्का हो सकता है।
Airavatesvara Temple of Shiva located in Darasuram near Kumbakonam, TN, a fantastic World Heritage site. This temple was built by Rajaraja Chola II in the 12th century.
I just wish Indians would learn to appreciate, respect & honor their culture and inheritance more! pic.twitter.com/e6DgPOrMFK
— MockingSkills (@MockingSkills) January 30, 2019
आपको बता दे यह आकृति में बैल हाथी (Bull-Elephant) का शरीर अलग है, लेकिन दोनों का सिर एक है। जिसमें एक तरफ से देखने पर हाथी और दूसरे तरफ से देखने पर बैल दिखाई पड़ता है। यह ऑप्टिकल इल्यूजन का बेहतरीन उदाहरण है, जिसे देखकर आप कंफ्यूज हो जाते हैं कि आप हाथी देख रहे हैं या बैल। क्योंकि दोनों ने सिर को आपस में बांट रखा है।
इस तरह दिखाई देती है आकृति
इस प्रतिमा को जब आप ध्यान से देखेंगे, तो हाथी के शरीर के साथ बेल के कान नजर आएंगे और बेल के कुबड़ से हाथी का सिर (One Head Of Bull-Elephant) लगा हुआ दिखाई पड़ता है। दो शरीर में एक आंख है।
800 Years Old Elephant and Bull illusion In Airavatesvara Temple , Darasuram In Tamil Nadu pic.twitter.com/W4iiHZHzzf
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) June 13, 2022
ऐसा लगता है मानो बैल हाथी के गले लग रहा है, वही दूसरी तरफ हाथी को देखने पर लगता है, हाथी खुशी से चिंगार भर रहा है। हाथी का दांत बैल की सिंघ की तरह नजर आ रहा है। इन जानवरों का मुंह क्रॉस दिखाई दे रहा है। यह प्रतिमा द्रविड़ वास्तुकला का अनोखा उदाहरण है।
द्रविड़ वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण
विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रतिमा बारहवीं शताब्दी में बनाई गई है। जो द्रविड़ वास्तुकला को प्रस्तुत करती है। शिला चट्टानों में बनाई गई है, आकृति बेहद खूबसूरत और मनमोहन है। एक नजर जब इस आकृति पर पड़ती है, तो लगता है सिंपल और साधारण सी मूर्ति में किसी भी प्रकार का फर्क समझ में नहीं आता, लेकिन दूसरी ही पल जब मूर्ति पर नजर पड़ती है तो लगता है दोनों में जमीन आसमान का फर्क है। लोगों को मानना है कि यह शिल्पकारों की कल है जो इस पत्थर पर निखिरी हुई है।
हिंदू धर्म के देवताओं का प्रति है
हिंदू धर्म की माने तो ऐरावत हाथी भगवान इंद्र को इंगित करता है। वही बेल भगवान शिव का वाहन कहलाता है। इसलिए इस मूर्ति को हिंदू देवी देवताओं का प्रतीक माना जा रहा है। भगवान शिव के वाहन बैल को नदी भी कहा जाता है।
इस मंदिर (Dharasuram Temple) की परंपरा है कि जिस भी व्यक्ति को पहली नजर में इस मूर्ति में जो जानवर दिखाई पड़ता है, वह उसके स्वभाव और उसके ईष्ट देवताओं को इंगित करता है। कुछ लोगों का मानना है कि व्यक्ति अपने स्वभाव का परिचय जानवरों की पहचान से देता है।