
Bulandshahr: लोगो की काबिलियत ही है जो उसे वह मुकाम दिलाती है, जिसके वह हकदार होते हैं। जरूरी नहीं कि सफलता उन्हीं को मिले जो सर्व सुविधा से युक्त हैं। लोगों की माने तो यूपीएससी की परीक्षा ऐसी परीक्षा है जो कठिन परिश्रम मांगती है, क्योंकि इसे देश की सबसे बड़ी परीक्षा भी कहा गया है।
हर युवा का सपना होता है कि वे अपने माता पिता को ढेर सारी खुशियां दे सके। उन्हें वो दे सकें जो उन्होंने पूरे जीवन नहीं देख पाया है। अक्सर माता-पिता ही है जो अपने बच्चों की सफलता के लिए कुर्बानियां देते हैं, वह अपना सुख सुविधा भरा जीवन भी कुर्बान कर देते हैं। इसी लिए बच्चों का भी फर्ज होता है कि वे अपने माता-पिता के लिए कुछ ऐसा करें जिससे उनका जीवन सुख में हो सके।
आज हम एक ऐसी मां की बात करेंगे जिसने अपनी बेटी की प्रेरणा से यूपीएससी में सफलता (UPPSC Success) पाई। जी हां दोस्तों एक सिंगल मदर ने अपनी बेटी को पालते हुए यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा में अपना स्थान बनाया आइए जाने उस मां के बारे में विस्तार से।
वर्ष 2021 में आयोजित यूपीपीएससी की परीक्षा
वर्ष 2021 में आयोजित यूपीपीएससी की परीक्षा (UP-PSC Exam) में हजारों लोगों ने परीक्षा दी। जिनमें से कुछ गिने-चुने लोग ही इस परीक्षा में सफल हो सके। वर्ष 2021 में यूपीपीएससी की परीक्षा का रिजल्ट जैसे ही घोषित हुआ तो टॉप करने वाले की लिस्ट सामने आई, जिसमें से प्रथम स्थान अतुल ने प्राप्त किया और दूसरा स्थान सौम्या मिश्रा ने और तीसरा स्थान अमनदीप ने प्राप्त।

627 पदों के लिए आयोजित इस परीक्षा में अन्य विद्यार्थियों की अलग-अलग पोस्ट के लिए भर्ती की गई। इन 627 पदों में एक पद के लिए एक सिंगल मदर का भी चयन हुआ। जिसने अपनी मेहनत और संघर्षों को करते हुए इस सफलता को प्राप्त किया और देश में एक मिसाल कायम की।
कहानी है पूनम चौधरी की
बुलंदशहर (Bulandshahr) की रहने वाली पूनम चौधरी (Poonam Choudhary) पहले बुलंदशहर के राजकीय इंटर कॉलेज में एक शिक्षिका के बाद पर पदस्थ थी। उन्होंने यूपीपीएससी की तैयारी कर सफलता प्राप्त की और अब वह उसी कॉलेज में प्रिंसिपल बन गई है।

बताया जा रहा है कि पूनम चौधरी एक सिंगल पैरंट है, जो अपनी बेटी को पालते हुए इस सफलता को हासिल किया है। समाज में एक अकेली महिला का एक बेटी को पालना और खुद के सपनों को आगे बढ़ाना बेहद कठिन होता है। उस महिला के सामने समाज से जुड़ी कई कठिनाइयां आती हैं, परंतु पूनम ने सारी कठिनाइयों से लड़ते हुए अपनी बेटी को अपनी ताकत बनाते हुए आगे बढ़े।
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर की पूनम चौधरी पिछले 10 वर्ष से मेरठ में रहकर अपना जीवन यापन कर रही। और अपनी बेटी को भी शिक्षित कर रही हैं। पूनम की सफलता से न केवल देश की महिलाये बल्कि उनकी बेटी भी बेहद प्रेरित हुई हैं।
जीवन कभी भी मोड ले लेता है
पूनम बताती है कि उनका जीवन का सफर काफी कठिनाइयों से भरा था। हर बेटी अपना शादीशुदा जीवन अपने पति के साथ खुशी-खुशी बिताने की सपने देखती है, परंतु हर किसी के सपने पूरे नहीं होते कुछ बेटियां ऐसी भी होती हैं जिन्हें समय से पहले बड़ा होकर कुछ कठोर निर्णय लेने होते हैं।
ऐसा ही कुछ पूनम के साथ हुआ शादी के कुछ समय पश्चात ही पूनम का पति उन्हें मानसिक रूप से परेशान करने लगा था परेशान होकर पूनम ने अपने पति से अलग होने का फैसला लिया उस समय उनकी बेटी काफी छोटी थी। परंतु जब उन्होंने देखा कि उनका पति अब सुधारने की कगार में नहीं है, तो उन्होंने अपने पति से अलग होना ही सही समझा।
7 वर्ष पहले ही में अपने पति से अलग होकर अलग रह कर अपना जीवन यापन करने लगी उस समय उनकी बेटी काफी छोटी थी जिससे बेटी की पूरी जिम्मेदारी उन पर आ गई। पति से अलग होने के पश्चात बेटी को संभालने के लिए उन्हें रोजगार की आवश्यकता थी, तभी उन्हें वर्ष 2012 में महादेव इंटर कॉलेज में टीचर के रूप में नौकरी मिल गई। उनके सपने बड़े थे, इसीलिए उन्होंने दोबारा अपनी पढ़ाई प्रारंभ की और अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत की।
असफलता के बाद हुई
पूनम ने वर्ष 2019 से 2021 तक बुलंदशहर के राजकीय इंटर कॉलेज में और शिक्षिका के पद पर कार्य किया इस बीच में लगातार अपनी पढ़ाई पर लगी हुई थी। मैथ साइंस की टीचर थी और जब उन्हें वक्त मिलता था तो वह यूपीएससी की तैयारी करती रहती थी।
पूनम बताती है कि पति से अलग होने के बाद उनके माता-पिता और भाई ने कभी उनका साथ नहीं छोड़ा बल्कि वह हर कदम पर उनके साथ रहे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए हौसला।
वे कहती है कि यूपीपीएससी की परीक्षा (UPPCS Exam) में भी तीन बार असफल रही कभी उन्हें मेंस में असफलता मिलती है तो कभी इंटरव्यू में परंतु उन्होंने कभी हार नहीं मानी वल्कि निरंतर प्रयास करती रही, और वे सफल हुई। अपनी सफलता का श्रेय अपनी बेटी रूशाली चौधरी को देती हैं, जो कक्षा दसवीं की छात्रा है।