एक लाख रूपये से शुरू किये गए इस बिज़नेस का टर्नओवर 3 करोड़ के पार पहुंचा, जीवन सवर गया

0
848
Shailesh Kumar hosiery business
Hosiery Business can make you rich. Pallavi enterprises Shailsh Kumar hosiery business success story in Noida Uttar Pradesh.

Noida: लाेग जानते है नौकरी नाम दिलाती है तो करोबार पैसे। कहते है गरीबों की इज्जत कोई नही करता लेकिन एक पैसा वाला व्याक्ति का रूतवा और शान कुछ अलग ही होती है। एक दसवी पास युवक ने कुछ ऐसा कर दिखाया की लोग हेरान है। हौजरी गारमेंट का कारोबारी शैलेश कुमार ने सबित कर दिखाया कि किताबी ज्ञान के साथ व्यवहारिक ज्ञान होना बेहद जरूरी है।

नोएडा के सेक्टर 65 की एक इमारत में लोग काम कर है, कुछ मंशीन चला रहे तो कुछ कपड़े की कटिंग कर रहे तो कुछ पेंकिग करने में व्यस्त है। ये काम शैलेश कुमार (Shailesh Kumar) की यूनिट में हो रहा है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एटा के रहने वाले शैलेश इस समय हौजरी के कारोबार (Hosiery Business) से लाखो रूपया महिने का कमा रहे है।

Money Note
Money Presentation File Photo

आपको जान कर हेरानी होगी कि शैलेश कुमार केवल कक्षा दसवी तक पढे है, लेकिन दिमाग किसी बड़े व्यापारी से कम नही है। वे शुरू से ही आत्म निर्भर होकर कार्य करना चाहते थे और एक बड़ा आदमी बनना उनका सपना था। जो आज सच हो गया। तो चलिये शैलेश के इस सफर के विषय में विस्तार से जाने।

वर्ष 2000 में शिफ्ट हुए नोएडा

शैलेश के सिर से बचपन में ही उनके पिता का हाथ उठ गया। उस गरीबी के दौर में उनकी मां ने उन्हें पढ़ाया लिखाया और उनका पालन पोषण किया। कक्षा 10 की पढ़ाई के बाद उन्होंने नोएडा (Noida) आना जाना शुरू कर दिया और विकल्प तलाशने लगे। जिससे वह करके पैसे कमा सके। काफी वक्त गुजर गया, लेकिन कोई सफलता हाथ नहीं लगी, इसके बाद वर्ष 2000 में अपने रिश्तेदारों से मदद ली और सिलाई यूनिट में वर्कफोर्स उपलब्ध कराने का कार्य शुरू किया।

इस काम से उनके एक अलग पहचान बना और उन्हें काफी सारे लोग पहचानने लगे धीरे-धीरे उन्होंने खुद का गारमेंट स्टार्ट करने के बारे में विचार किया। लेकिन भी जानते थे की व्यापार शुरू करने से पहले उसके गुण सीखने में बहुत जरूरी है। उसके बाद सिलाई की बारीकियां सीखने में व्यस्त हो गए और वर्ष 2016 में 1 लाख की पूंजी के साथ पल्लवी इंटरप्राइजेज के नाम से अपना व्यापार शुरू किया।

2 सिलाई मशीन से हुई शुरूआत

शैलेश का कहना है कि शुरुआती दौर में उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा मात्र दो सिलाई मशीन और तीन बार कोर्स के साथ उन्होंने काम शुरू किया, लेकिन आज की स्थिति में भी 10 से 12 वर्कर्स को 15 से 16000 रुपए की सैलरी दे रहे है।

indian money
Money File Photo

उन्होंने बताया कि वह श्री राम एक्सपोर्ट (Shri Ram Exports) के रजिस्टर्ड नाम से एक्सपोर्ट करते हैं और एक कॉमर्स प्लेट फार्म में एसएसडीएसएस फैशन नाम के ब्रांड से अपना उत्पाद बेचते है, उनके उत्पाद की कीमत 99 रुपया एस लेकर 1999 तक है। वे केवल होजरी गारमेंट्स हो बनाते है। सुरेश बताते हैं कि अभी तक उनके व्यापार में जितनी भी बढ़ोतरी हुई है वे सब उनकी मेहनत से हुई है उन्होंने किसी भी प्रकार का कोई लोन नहीं लिया।

विदेशों में निर्यात हो रहा उत्पाद

शैलेश के द्वारा बनाए गए होजरी के कपड़े न केवल देश बल्कि विदेश जैसे जापान, फ्रांस और अमेरिका तक एक्सपोर्ट होता रहा है। लेकिन महामारी के आने से इंटरनेशनल एक्सपोर्ट बंद हो गया। लेकिन अब दोबारा एक्सपोर्ट स्टार्ट होने के बाद काम दोबारा दौड़ने लगेगा।

उन्होंने बताया की लॉकडॉन के पहले उन्हें अमेरिका से एक बहुत बड़ा और अच्छा ऑर्डर मिला था, लेकिन एक्सपोर्ट के बंद हो जाने से पूरा नहीं हो सका, लेकिन वो ऑर्डर अभी भी उनके पास है, इसीलिए वे जल्द ही काम के सिलसिले में अमेरिका जाएंगे।

पीपीई किट से जारी रखा काम

लॉकडाउन के समय अभी उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने होजरी गवर्नमेंट का निर्माण करना बंद कर पीपीई किट (PPE Kit) बनाना प्रारंभ किया और कई यूनिट के साथ मिलकर 3 महीने में लगभग 3 लाख पीपीई किट बनाई। वर्तमान में शैलेश 520 पीस रोजाना तैयार करते हैं।

उन्हें अपने व्यापार से बेहद खुशी है, इसीलिए वह अपने व्यापार को बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं, उनका विचार है कि नोएडा सेक्टर 65 में ही एक अन्य जगहों पर दूसरी यूनिट तैयार की जाए जहां 50 मशीनों के साथ कार्य प्रारंभ किया जाएगा। इसके अलावा भी गोवा में टाइल्स का व्यापार करना चाहते है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here