UP-PSC परीक्षा पास करके अधिकारी बने प्रवीण द्विवेदी की संघर्ष भरी कहानी आपको सोच में डाल देगी

0
1031
UPPSC Praveen Dwivedi
Father was a tube well opretor son Praveen Kumar Dwivedi prepared without coaching and became SDM. Praveen Dwivedi UPPSC story.

Prayagraj: यदि जीवन मे कुछ बनने का मकस्द हो और अपने मकसद को पूरा करने मे यदि कोई व्यक्ति लग जाये तो जिंदगी मे चाहे कितनी भी कठिनाई क्यो ना आये। वह व्यक्ति उसमे सफ़ल होकर ही रहते हैं। फ़िर चाहे वह मकसद UPPSC ही परीक्षा ही क्यों ना हो।

आप सभी जानते ही होगे की इस परीक्षा मे सफ़ल होना कितना कठिन होता हैं। इसकी कठिनाई स्तर के बारे मे भी अपने जरूर सुना होगा। कहते हैं जिस युवा मे पढाई को लेकर मेहनत और लगन हो। वह किसी भी कठिन परीक्षा मे सफ़ल हों ही जाते हैं।

जब बात यूपीपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPPSC Civil Service Exam) की आती है, जिसमे सफ़ल होने का हर छात्र का सपना होता हैं। तो यह परीक्षा कि कठिनाई स्थान के आगे हर किसी का सपना अधूरा ही रह जाता है।

आज हम जिनके बारे मे बताने जा रहे हैं, उन्होने इसी कठिन यूपीपीएसी (UPPSC) की परीक्षा मे 6वी रैंक प्राप्त कर सफलता हासिल की है। जिसकी हम बात कर रहे है उनका नाम प्रवीण द्वीवेदी (Praveen Dwivedi) हैं। जो कि प्रयागराज के ट्रांसपोर्ट नगर मे निवास करते हैं।

प्रवीण द्विवेदी जिन्होंने पास की UPPSC परीक्षा

बता दे कि प्रवीण द्वीवेदी ने UPPSC की एग्जाम मे कामयाबी कोचिंग किये बिना ही स्वयं पढ़ाई करके हासिल की थी। प्रवीण के पिता की बात करे, तो उनके पिता सिंचाई विभाग मे एक नलकूप ऑपरेटर की पोस्ट पर उतरप्रदेश के फ़तेहपुर मे पदस्थ थे। जिनका नाम राजेश चंद्र था। जिनकी हार्ट अटैक से मृत्यु हों चुकी है। प्रवीण के पिता के देहांत के बाद इनका पूरा परिवार बिखर गया था। जिसका असर प्रवीण की यूपीएससी की हो रही तैयारी पर भी हुआ था।

यूपीपीएससी परीक्षा में रैंक प्राप्त कर प्रवीण बने SDM

प्रवीण के पिता की मृत्यु के बाद फ़तेहपुर को छोड़कर उनका पूरा परिवार प्रयागराज के ट्रांसपोर्ट नगर में बस गया था। लेकिन अच्छी बात यह हुई की प्रवीण के पिता की नौकरी अब उनके बड़े भाई को लग गयीं थीं। जिससे उनका परिवार अपनी पहले की दुख भरी जिंदगी को भुलाकर नई जिंदगी की शुरुआत कर दिए।

इसके बाद प्रवीण भी अपनी यूपीपीएससी की पढ़ाई की तैयारी मे जूट गये। वह अपने पिता का सपना पूरा कर सके इसलिए उन्होंने इस परीक्षा में जी तोड़ मेहनत की। UPPSC की परीक्षा मे 6वे स्थान से उतीर्ण होकर मात्र 28 वर्ष की उम्र मे SDM बन गये।

तीन बार के प्रयत्न के बाद चौथी बार मिली सफ़लता

प्रवीण बताते है कि उन्होने फ़तेहपुर के सरस्वती विद्या मंदिर से अपनी इन्टरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की है। इसके बाद बीएससी (BSc) इलाहाबाद के यूनिवर्सिटी से सम्पन्न किया है और वही रहकर UPPSC की तैयारी भी प्रारंभ कर दी थी।

बता दे कि प्रवीण को 4 बार की गई कोशिश के बाद 4 बार असफलता मिलने के बाद अब सफ़लता प्राप्त हुई है। प्रवीण द्वीवेदी ने यूपीपीएससी की परीक्षा मे 6वी रैंक मे उतीर्ण होने पर कहा कि मेरी इस कामयाबी का पूरा श्रेय मेरे पिता जी को जाता है, क्योंकि उनका सपना था कि मैं अधिकारी बनू। उन्होने मेरी पढ़ाई के लिए बहुत संघर्ष किया है।

लगन और मेहनत से किया प्रयास कभी व्यर्थ नहीं जाता है

प्रवीण कहते हैं कि असफ़लता से ही सफ़लता पाने का रास्ता मिलता है। सफ़लता हमे एकदम से ही प्राप्त नहीं होती है। लगन और कठिन मेहनत से किया गया प्रयत्न कभी व्यर्थ नहीं जाता है। प्रवीण सिविल सेवा को अपना जीवन का लक्ष्य बनाकर हमेशा प्रयास करते रहे।

जिसका नतीजा यह निकला कि वह अपनी तीसरी बार के कोशिश के बाद इस यूपीपीएससी की परीक्षा मे उतीर्ण होकर कामयाबी हासिल कर पाए। वह अधिकारी बन अपने पिता के सपने को साकार भी किये। प्रवीण कुमार लोगों के लिए मिसाल है। प्रवीण द्विवेदी जेसे युवा ही अपनी जिंदगी मे सफ़ल होकर देश के अन्य युवाओ के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here