MBA चायवाला के नाम से फेमस हुये 22 वर्षीय लड़के की करोड़पति बनने की कहानी, ऐसे पाई सफलता

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Prafull Billore MBA Chai Wala
Prafull Billore MBA Chai Wala Success Story In Hindi. Prafull Billore is founder of MBA Chaiwala. He did not complete MBA and dropped out.

Ahmedabad: असफलता और सफलता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि व्यक्ति मेहनत कर रहा है, तो उसे सफलता जरूर प्राप्त होती है, परंतु जरूरी नहीं है कि सफलता एक बार में ही प्राप्त हो जाए बार-बार प्रयास के बाद भी कई बार लोगों को सफलता नहीं मिल पाती। सफलता का एक ही मंत्र की लोगो को शांति रख कर लगातार प्रयास करते रहना चाहिए। असफल लोगो को बहुत कुछ सीखा देती है।

एक बार असफल हुए व्यक्ति जब दोबारा प्रयास करता है तो उसका प्रयास एक अनुभव के साथ शुरू होता है। जिसके बाद की सफलता पहले वाली सफलता से अच्छी प्राप्त कर पाते है। असफल होने के बावजूद सफलता की राह में आगे बढ़ने वालों की लिस्ट में मध्यप्रदेश के प्रफुल्ल भी शामिल है। उनकी मेहनत ने उन्हें सफलता का वो मुकाम दिया है, जिसके विषय में हर कोई नहीं सोचता। तो आइए दोस्तों इस लेख के माध्यम से प्रफुल्ल की सफलता के विषय में बात करेंगे।

20 वर्ष की उम्र में शुरू किया कुछ का व्यापार

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एक छोटे से गांव के रहने वाले प्रफुल्ल बिलौर (Praful Billor) 4 साल की मेहनत के बाद एक सफल व्यवसाई बन गए। उन्होंने अपनी मेहनत से 4 वर्ष में 30000000 रुपए से ज्यादा का व्यवसाय बना लिया है।

Prafull Billore Story
MBA Chai Wala Prafull Billore File Photo From Twitter.

आपको बता दे प्रफुल्ल बिलोर आज से 4 वर्ष पहले एमबीए में एडमिशन के लिए एक एग्जाम दिया था, जिसमें वे सीट पाने में नाकाम रहे। इस असफलता ने उन्हें काफी कुछ सिखाया और वे 8000 RS लेकर अहमदाबाद (Ahmedabad) पहुंचे, उनके मन में एक व्यवसाय शुरू करने की योजना चल रही थी।

उन्होंने 8000 RS से एक चाय की दुकान की शुरुआत की। उस समय प्रफुल्ल बिलौर की उम्र 20 वर्ष थी और उन्होंने बीकॉम से ग्रेजुएशन किया था। एमबीए की सीट ना मिलने की वजह से भी काफी निराश थे निराशा को दूर करने के लिए उन्होंने तीन माह के अंदर पिता से पैसे लेकर व्यापार शुरू किया।

एमबीए चाय वाले के नाम से प्रसिद्ध है दुकान

प्रफुल्ल ने 8000 RS की लागत लगाकर सड़क किनारे एक चाय की दुकान खोली। जिसका नाम उसने एमबीए चायवाला (MBA Chai Wala) रखा। दोस्तों यह एक छोटी सी दुकान आज बहुत बड़ा ब्रांड बन गया है। वर्तमान में भी 3 करोड रुपए से ज्यादा कमाते हैं। यहां तक पहुंचने में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा वे बताते हैं कि जब उन्होंने पहले दिन दुकान लगाई तो उन्होंने केवल 150 RS कमाए।

उन्होंने कई तरह के नए-नए काम करने के बारे में भी सोचा यहां तक कि वे राजनीतिक रैलियों में भी चाय बेचने का काम करने लगे। उनकी मेहनत रंग लाई जब वर्ष 2019 और 20 में उनका व्यापार 3 करोड रुपए तक पहुंचा।

संघर्ष भरे दिन

प्रफुल्ल बताते हैं कि उन्होंने अपना जीवन काफी संघर्ष में जिया। जब पहने की उम्र थी, तब उन्हें नौकरी करनी पड़ रही थी। वे बताते हैं कि स्नातक के दौरान उन्होंने एमवे कंपनी में एक सेल्समैन के पद पर काम किया। जिसमें वे 25000 RS महीना कमाया करते थे। परंतु उनके संघर्ष और मेहनत ने उन्हें वह मुकाम दिया जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।

वे बताते हैं कि जहां वे पढ़ाई करने की सपने देखा करते थे। जहां पर असफल रहे उन्हें उसी कॉलेज या ने आईआईएम अहमदाबाद में बच्चों को संबोधित करने के लिए एक मौका दिया साथ ही उनके बिजनेस मॉडल को दिखाने के लिए भी उन्हें निमंत्रण दिया गया। वाकई में प्रफुल्ल बिलोर की कहानी लोगों को प्रेरित करने लायक है।

प्रफुल्ल बिलोर कहते हैं कि एक छात्र के पास पर्याप्त समय होता है, पढ़ाई के साथ जॉब करने का। इसीलिए उन्होंने एमवे में जॉब भी की और कई लोगों को इसके लिए नामांकित भी कराया। परंतु कुछ ही समय बाद उन्होंने इस जॉब को छोड़ दिया क्योंकि वह इस जॉब में अपना भविष्य नहीं देख पा रहे थे।

MBA और CAT की मिली जानकारी

प्रफुल्ल बताते हैं कि उनके किसी पहचान वाले ने उन्हें MBA और CAT की जानकारी दी। उन्हें एमबीए के ग्रेजुएशन के बाद दिया जाने वाला पैकेज काफी ज्यादा पसंद आया। इसके बाद वे इंदौर आ गए और एमबीए की सीट के लिए तैयारी शुरू कर दी।

इसी के साथ उन्होंने 6 महीने का अंग्रेजी पाठ्यक्रम की पढ़ाई भी की परंतु कॉलेज की सीट रिजर्व करने में असफल रहे, उन्हें 84 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे जो 1 सीट को रिजर्व करने के लिए पर्याप्त नहीं थे। वे काफी निराश हुए।

फिर उनके मन में इस सपने को छोड़ने का विचार आया परंतु परंतु प्रफुल्ल के परिवार के सदस्य उन्हें किसी भी कॉलेज में एडमिशन के लिए फोर्स करने लगे। परंतु उन्होंने इंकार कर दिया और अहमदाबाद आ गए। अहमदाबाद होने अपने व्यवसाय के लिए एक बेहतरीन प्लेस लगा जहां से उन्होंने अपने व्यापार की शुरुआत की।

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