गोद लेने वाली माँ ने ठुकराया, फिर लड़की ने संघर्ष कर साड़ी का ऑनलाइन बिज़नेस शुरू किया, सफलता पाई

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Kalpana Vandan Toraa owner
Mumbai Entrepreneur Kalpana Vandan Story who is owner of Toraa Company. Kalpana Vandana and her startup struggle story in Hindi.

Mumbai: देश मे अब महिलाए भी पुरुषों से किसी भी काम मे पीछे नहीं रहती है। चाहे कोई बडा काम या व्यवसाय हो हर क्षेत्र में वह आगे बढ़ रही है। उनकी मेहनत और काबिलियत आज रंग ला रही है। इन्ही कामयाब महिलाओ मे-से एक नाम है आनंदी उर्फ कल्पना वंदना का। जो कि मुंबई (Mumbai) के भिवंडी (Bhiwandi) से बिलान्ग करती है।

बता आनंदी उर्फ़ कल्पना वंदना (Kalpana Vandana) जो ऑनलाइन कंपनी तोरा की ओनर (Online Company Toraa Owner) हैं। आज वह इस कम्पनी मे कोल्हापुर की साड़ी और कई प्रोडक्ट्स बेचकर आज लाखों रुपये की कमाई कर रही हैं। लेकिन उनका एक सफ़ल बिजनेस वुमन बनने तक का सफ़र बहुत संघर्षशील रहा है। आइए जानते हैं कि वह आज अपनी इस मंजिल तक कैसे पहुंची।

महाराष्ट्र के भिवन्डी के दम्पति ने लिया था कल्पना वंदना को गोद

कल्पना वंदना की पर्सनल जिंदगी की बात करे तो वह एक अनाथ हैं। उन्हे यह तक मालुम नहीं कि उनके माँ-बाप कौन है। उनका जन्म कहा हुआ उसकी भी कोई जानकारी उनको नहीं थी।

वह बताती हैं कि जब वह बहुत छोटी यानी कुछ ही दिनो की थी। तब पुलिस ने उसे एक अनाथालय मे छोड़ दिया था। दो तीन वर्ष वही अनाथालय मे रहने के बाद एक दम्पति ने उनको गोद ले लिया था। जो कि महाराष्ट्र के भिवन्डी मे निवासी थे।

माँ कहती थीं मर क्यो नहीं जाती

एक मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से कल्पना वंदना बताती है कि जिस दम्पति ने उसे एडाप्ट किया था। वहा जब वह 13 से 14 सालो की हुई तब तक सब कुछ सही चल रहा था। लेकिन उसके बाद माँ बहुत मार पीट करने लगी।

जरा जरा बात पर रोक टोक होने लगा। यहा तक कि घर के बहार भी जाने नही दिया जाता था। माँ भी बहुत कुछ बोलने लगती। कहती थी कि पता नही क्यो लाई। लड़का होती तो बात अगल होती। मर क्यो नहीं जाती इसे गोद लेकर गलती कर ली। पता नही इसे किस गटर से उठा लाई।

पढ़ाई के साथ साथ कि नौकरी भी

यह सब वह इसलिए कहती क्योकि वह किसी और का सारा गुस्सा इन पर ही निकालती थी। बता दे कि उनकी माँ के लाइफ़ मे भी कुछ ठीक नही चल रहा था। क्योकि उनका तलाक होने वाला था। कल्पना के माता पिता के अलग होने के बाद उनके घर की स्थिति भी कुछ अच्छी नहीं चल रही थी।

उन्होने अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई के बाद नौकरी करना प्रारंभ कर दी। ताकि आगे की पढ़ाई भी कर सके और नौकरी भी अच्छी मिल सके। उन्होने अपनी आगे की पढ़ाई मे मास कम्युनिकेशन का कोर्स मुंबई के ही एक कॉलेज से किया और साथ ही पीआर कम्पनी और कई मीडिया संस्थान के साथ काम किया।

जाने कैसे पड़ा कल्पना वंदना का नाम आनंदी

बता दे कि कल्पना वंदना उर्फ़ आनन्दी को साड़ी पहनने का बहुत शौक था। वह साड़ी पहने अपनी फ़ोटोस को सोशल मीडिया पर खूब वायरल करती। जिससे एक साड़ी पहने उन्होने अपनी एक तस्वीर वायरल की तो उनके एक फ़्रेन्ड को यह साड़ी बहुत पसंद आई। उन्होने इस साड़ी की मांग की। इसी के बाद उनके दिमाग मे स्वयं का स्टार्ट अप का आइडिया आया।

कल्पना के अनुसार वह अपने दोस्तों के कहने पर शादी के लिए एक लड़के से मिली। लड़के को कल्पना ने अपने बारे मे जैसा था वैसा सब कुछ बताया फिर भी उस लड़के को उससे शादी करने मे कोई परेशानी नही थी। लेकिन कल्पना ने शादी के बाद अपना नाम आनंदी रख लिया। यह नाम उनके पति ने चेन्ज करने के लिए मजबूर किया था।

पति से लड़ाई होने पर अलग होने का लिया फ़ैसला

कल्पना वंदना कहती हैं कि हम दोनो की शादी तो हो गई। लेकिन पति ज्यादातर बाहर ही रहते थे। क्योकि उनका नेटवर्क मार्केटिंग का व्यव्साय था। उनकी जिंदगी एक नौकरानी के जैसे बीत रही थी। शादी के कुछ दिनो बाद उन दोनो मे काफी लडाई झगड़े होने के कारण कल्पना को उनके पति बहुत पीटने भी लगे। जिसे वह बर्दाश नही कर पाती थी।

यह सब होने पर दोस्तों ने समझाया कि शायद बच्चा होने पर तुम दोनों के बीच सब कुछ सही हो जाए। लेकिन कल्पना ने अपने पति से इस टापिक पर बात की तो पति नही माने। इसके दौरान कल्पना ने अपने पति से अलग होने का निर्णय लिया।

कल्पना वंदना ने प्रारंभ किया स्वयं का स्टार्टअप

पति से अलग होने पर कल्पना के पास पैसे भी नही थे। जिस कारण उनके मकान मालिक ने भी उनसे घर खाली करा लिया। वहा से फ़िर कल्पना ने कोल्हापुर आकर स्वयं का स्टार्टअप प्रारंभ किया और आज वह ई-कामर्स प्लेटफार्म कम्पनी के माध्यम से अन्य उत्पाद और साड़ी (Saari) बेच रही हैं। साथ ही लोगों को रोजगार भी दे रही हैं।

कल्पना के इस बिजनेस की बात करे, तो इन्होने आज लाखो का टर्नओवर खड़ा कर दिया है। हमारे देश मे कल्पना वंदना जैसी महिलाए अन्य दुसरी महिलाए के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है। साथ ही इन्होने एक काबिलियत बिसनेस वुमन की मिसाल पेश की है।

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