रेल पटरियों के पास झुग्गी में रहने वाली मजदूर मां की बेटी IAS अफसर बनी, संघर्ष से भरी कहानी

0
9431
IAS Pooja Nayak
A labor mother taught her daughter and She became IAS officer. Mother worked as a laborer and now her daughter Pooja Nayak become IAS officer.

Photo Source: Twitter

Sri Ganganagar: कहते हैं यदि हौसला बुलंद हो तो इंसान कुछ भी कर गुजरता है। जरूरी नहीं होता कि एक धनवान व्यक्ति ही सफल होता हो, गरीबी से उठकर भी इंसान सफल होता है। कहते हैं यदि व्यक्ति गरीब पैदा हुआ है तो उस व्यक्ति की गलती नहीं है, परंतु यदि वह व्यक्ति हमेशा गरीब ही रह जाता है और अपना सारा जीवन गरीबी में ही बिता दे तो उसमें उस व्यक्ति की गलती है, क्योंकि मेहनत के बल पर हर चीज हासिल की जा सकती है।

इस बात का प्रमाण उन सभी लोगो ने दिया जो मेहनत के बलबूते पर आज सफल हुए हैं और सफल लोगों में उनकी गिनती हुई है। भारत देश में लाखों लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपना कैरियर जीरो से शुरू किया और वह हीरो भी बने हैं।

ऐसे अधिकारी हैं जिन्होंने गरीब परिस्थितियों से निकलकर आसमान को छुआ है इन्हीं में शामिल है, पूजा नायक (Pooja Nayak) जिन्होंने अपने जीवन में काफी ज्यादा संघर्ष किया और आखिर में सफलता ने उनके कदम चूमे। तो आइए जाने पूजा नायक के सफलता की कहानी।

झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली लड़की बनी आईएएस अधिकारी

पूजा नायक बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनका जीवन झुग्गी झोपड़ियों (Slum Huts) में बीता है। इसके बावजूद आज भी उस मुकाम को हासिल कर पाएंगे जिसका सपना हर युवा देखता है।

उन्होंने इस बात को गलत साबित किया है कि झुग्गियों में रहने वाले लोग आईएएस अधिकारी नहीं बन सकते और गरीबों को सफलता नहीं मिल सकती। यह पूरी तरह गलत साबित किया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar) रेलवे स्टेशन के पास बनी झोपड़ियां पूजा नायक का घर है।

वह उन्हीं झोपड़ियों में रहकर पली-बढ़ी है और उसी झोपड़ी से निकलकर उन्होंने आईएएस अधिकारी (IAS Officer) जैसी सफलता को प्राप्त किया है। 5 वर्ष की आयु में पूजा नायक ने अपने पिता को खो दिया था, पूजा की मां ने उन्हें पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया। पूजा की मां का त्याग का फल आज उन्हें प्राप्त हो रहा है।

स्ट्रीट लाइट की रोशनी में करती थी पढ़ाई

देश में कुछ ऐसे परिवार भी हैं जिन्होंने अपना जीवन अंधेरे में बिता दिया कुछ जीवन तो उस अंधेरे में गुम से हो गए। पूजा ने स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर अपनी पढ़ाई की वे बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में काफी होनहार छात्रा रही है, जिस वजह से पूजा की मां ने मजदूरी करके अपने बच्चों का पालन पोषण किया और उन्हें शिक्षित भी किया।

पूजा ने अपनी मां की मेहनत को जाया नहीं होने दिया उन्होंने अपनी मां को बेहतर जिंदगी देने के लिए आईएएस अधिकारी बनने का रास्ता चुना और वे सफल हो गई। देश के हर आईएएस अधिकारी की कहानी कुछ इस तरह ही है जिसने काफी संघर्षों के बाद उस मुकाम को हासिल किया है।

झुग्गी के बच्चों के लिए बनी प्रेरणा पूजा नायक

पूजा नायक के संघर्षों से भरी कहानी (IAS Pooja Nayak Story) के बारे में जानकर हर युवा उत्साह से भरा है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाली पूजा नायक ने अपने आसपास के ढेरों लोगों को अपने जीवन में संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया है।

पूजा की कहानी को जानकर सुभाष नगर और नाहर पारा में झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को सिविल सेवा परीक्षा UPSC के प्रति जागरूक करने और उन्हें सुविधा प्रदान करने के लिए कैंपों का आयोजन किया गया है। इस कैंप के दौरान बच्चे आईएएस अधिकारी पूजा नायक के संघर्ष से लेकर उनके अधिकारी बनने तक के सफर के बारे में बताया जाता है जिससे बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा मिले।

पूजा की प्रेरणा भरी कहानी

समाजसेवी सावित्री जगत का कहना है, पूजा नायक हर उस बच्चे के लिए एक प्रेरणा है, जो सफल तो होना चाहता है, परंतु मेहनत करने से कतराते है। पूजा उन लोगों के लिए उदाहरण बनी जो सब कुछ होने के बावजूद भी सफल नहीं हो पाती और अभाव का रोना रोते रहते है।

सावित्री देवी कहती है कि वे पूजा नायक की इस सफलता से बेहद खुश हैं और उन्हें उनके उज्जवल भविष्य के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं दी। पूजा ने अपनी शुरुआती शिक्षा अपने घर से ही प्रारंभ की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here