मां-बाप इतने गरीब थे की घास फूस की झोपड़ी में रहे, मज़दूरी करते रहे, उनका बेटा DSP बन गया

0
858
DSP Santosh Patel
DSP Santosh Patel Struggle and Success Story will inspire you. His mother and father has lived in small cottage. He went viral on internet.

Panna: आज हमें एक ऐसी संघर्ष की कहानी बता रहे हैं। जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। एक लड़का जो एक गरीब परिवार में जन्म लेता है और उसके माता-पिता नदी के किनारे रह कर अपना गुजारा करते थे। वह खाने के लिए भी मजदूरी करते थे और जब कोई मेहमान आता तो उसी दिन कुछ अच्छा खाना बन पाता था।

उसके पिताजी एक मिस्त्री थे और बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाया करते थे, लेकिन खुद वह एक झोपड़ी (Cottage) में रहते थे, वह इतने गरीब थे, तो उनके पास किताबें खरीदने के पैसे नहीं थे। वह पुरानी किताब खरीद कर पड़ता था। कुछ दिन पहले एक वीडियो वायरल (Video Viral) हुआ था, जिसमें देखा गया था। कि एक पुलिस अधिकारी अपनी मां से खेतों में मिलने जाता है।

वह अधिकारी यही है जिनके बारे में हम बता रहे है। जब वह अपनी मां से खेत में मिलते हैं और कहते हैं मेरे साथ चलो उस समय का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वह अपनी मां के साथ गाड़ी में बैठे हुए हैं और मां कह रही हैं कि मैं तुम्हारे साथ जाकर क्या करूंगी। वे अपनी 5 साल की जी तोड़ मेहनत के बाद इस मुकाम तक पहुंचे हैं। वह ग्वालियर से 50 किलोमीटर दूर घाटीगांव के रहने वाले हैं उनकी झोपड़ी नदी के किनारे थी।

डीएसपी संतोष पटेल (DSP Santosh Patel) ने बताया उनके पिता मिस्त्री हैं और माता खर्चे चलाने के लिए दूसरों के घरों और खेतों में काम किया करती थी। उनकी झोपड़ी नदी किनारे होने के कारण वह खेती नहीं कर पाते थे। इस वजह से खाने के लिए अनाज इकट्ठा करना बहुत मुश्किल हो जाता था। इस प्रकार की परेशानियों से जूझते हुए यह मुकाम हासिल किया है। इसमें मेरे साथ साथ मेरे माता पिता की भी काफी मेहनत है। तब जाकर में डीएसपी बन पाया हूं।

वह बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। इस मुकाम तक पहुंचने में वह आने वाली सभी प्रकार की परेशानियों का डटकर सामना करते रहे और अंत में वह डीएसपी बने और अपने माता-पिता का नाम रोशन किया।

इसके साथ ही डीएसपी पाटिल शादी के लिए भी चर्चा में रहे, उन्होंने अपनी शादी बुंदेली रीति रिवाज से की। सबको आश्चर्यचकित तब कर लिया जब वह अपनी दुल्हन को साइकिल पर बिठाकर पूजा के लिए निकले। उन्होंने मंदिर में देवी पूजन किया और फिर अपने दादा दादी के चबूतरे पर जाकर उन्हें प्रणाम किया। उनका साइकिल पर विदाई कराना सबसे ज्यादा चर्चा में रहा।

डीएसपी संतोष पाटील का अपने मुकाम तक पहुंचने का यह संघर्ष उन लोगों के लिए प्रेरणा है। जो लोग अपने कर्तव्य से भागते हैं और उससे बचने का बहाना ढूंढते हैं। इसलिए जब भी हम कोई काम कर रहे हैं, तो उसे मेहनत से करें। देर होगी, लेकिन प्रणाम अच्छा ही निकलेगा। डीएसपी पाटिल मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है और उनका यह संघर्ष बताता है कि मेहनत करो तो कोई भी मुकाम पा सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here