6वीं क्लास में फेल होने के बाद हौसले और जुनून से दूसरी रैंक हासिल कर बनी UPSC Topper

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Rukmani Riar IAS Story
Success Story of Rukmani Riar IAS Topper Who Failed in Class 6th. Meet IAS Rukmani Riar, Who Topped UPSC In Her First Attempt. UPSC Crack in First Attempt tips by topper.

Photo Credits: Twitter

Delhi: दृढ़ संकल्प सफलता की आधारशिला है। हर जीवन की कहानी एक सी नहीं होती, लेकिन किसी मोड़ पर कुछ ऐसा होता है, जिससे पूरी किस्मत ही बदल जाती है। बहुत से स्टूडेंट्स अपना ख्वाब पूरा करने के लिए वर्षों तैयारी करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले ही प्रयास में और बेहद कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल कर लेते हैं। इन्हीं होनहारों में से एक हैं पंजाब के गुरुदासपुर जिले से रुक्मिणी रियार की।

यह कहानी (Story) एक बेटी की है, जो कक्षा 6वीं में फेल हो जाती है। उसने यूपीएससी (UPSC) की तैयारी के लिए कैसे हौसला जुटाया होगा, ये तो लोगो की सोच से भी परे है। यूपीएससी सिविल सेवा में दूसरा स्थान हासिल कर लोगों को हैरान कर दिया। रुक्मिणी रियार (Rukmani Riar) की कहानी मुश्किलों से जूझते युवा पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा है।

चौथी कक्षा में अचानक बोर्डिंग स्कूल जाने की वजह से रुकमणि काफी प्रभावित हुई। इस नए बदलाव में खुद को ढालने में उन्हें काफी समय लगा। अचानक हुए बदलाव के कारण ही रुक्मणि छठी क्लास में फेल हो गई। वह बताती हैं की फेल होने के बाद वह इतनी झिझक महसूस करने लगी की इन्होने अपने परिवार और टीचर्स से बात करना भी कम कर दिया। लेकिन उन्होंने अपनी इस नाकामयाबी से सबक लिया। वह निराश नही हुई उन्होंने अपने ऊपर भरोसा रखा, असफलताओं से सीख ले कर जीवन में आगे बढ़ी।

पढ़ाई में रुचि कम होने लगी, लेकिन असफलता को उन्होंने अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। महीनों इस टेंशन में रहने के बाद उन्होंने सोचा कि इस समस्या से उन्हें खुद ही बाहर निकलना है। इसी डर को उन्होंने अपनी प्रेरणा बना लिया। उन्होंने यह तय कर लिया कि बहाने बनाना या दूसरों को दोष देने का कोई फायदा नहीं।

वे कहती हैं, यदि ठान लें तो असफलताएं हमारा रास्ता कभी नहीं रोक सकतीं। धैर्य और प्लानिंग के साथ तैयारी की जाए तो दुनिया की किसी भी परीक्षा में पास होना संभव है। असफलता ने उन्हें इतना मजबूत बना दिया कि वे हर काम पूरी तैयारी के साथ करने लगी। आईएएस परीक्षा (IAS Exam) में शामिल होने से पहले उन्होंने कई एनजीओ के साथ काम किया, ताकि देश की हालत को बेहतर समझ सकें।

उन्होंने कभी पढ़ाई छोड़ने या कोई गलत कदम उठाने के बारे में नहीं सोचा। यह उत्साही और दृढ़निश्चयी आईएएस टॉपर, जो छठी कक्षा में फेल हो गई थी, पंजाब राज्य की रहने वाली है और वर्तमान में राजस्थान राज्य में एक आईएएस अधिकारी के रूप में कार्यरत है। रुक्मणी रियार चंडीगढ़ की रहने वाली हैं।

बचपन से सपना था आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बनने का जिससे वह अपने अनुभव और अपने टेलेंट के उपयोग से देश को बेहतर बनाने में अपनी सेवा दे सके। उनके पिता होशियारपुर के सेवानिवृत्त डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी बलजिंदर सिंह रियार हैं और उनकी मां तकदीर कौर, एक गृहिणी हैं। एक बार छठी कक्षा में फेल होने के कारण रुक्मणी को तभी से फेल होने का भय सता रहा था।

हालांकि, निराशाजनक परिस्थिति ने उसे हारना और अपने से शिकायत नहीं करना सिखाया। वह दृढ़ता से मानती है कि यदि कोई अपनी असफलता से बाहर निकलने का फैसला करता है, तो कोई भी जीत हासिल करने से नहीं रोक सकता है। अपनी स्कूली शिक्षा के बाद, रुक्मणी ने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, अमृतसर से सामाजिक विज्ञान में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। बाद में, वह सामाजिक उद्यमिता में स्नातकोत्तर के लिए टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान में शामिल हो गईं।

उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन में गोल्ड मेडल हासिल किया। उन्होंने भारत के योजना आयोग के साथ काम किया और मैसूर में अशोदया और मुंबई में अन्नपूर्णा महिला मंडल जैसे गैर सरकारी संगठनों के साथ भी काम किया। उन्होंने नई दिल्ली में सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज में सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर के अधीन भी काम किया है।

रुक्मणी ने फिर 2011 में आईएएस की परीक्षा दी और अपने पहले ही प्रयास में एक अद्भुत दूसरी रैंक हासिल की। स्टूडेंट्स को परीक्षा में सफल होने के लिए बताया रुक्मणी ने यूपीएससी आईएएस परीक्षा के लिए 6वीं से 12वीं तक की किताबों को पढ़ने की सिफारिश की है। वह यूपीएससी में सफल होने के लिए व्यापक रूप से समाचार पत्र पढ़ने का भी सुझाव देती हैं।

यदि आप दैनिक करंट अफेयर्स से अपने आप को अपडेट रखना चाहते है, तो आप दैनिक वीडियो समाचार विश्लेषण भी देखे, जिससे हम दैनिक जीवन की गतिविधियों से अपडेट रह सके। रुक्मणी अधिक आत्मविश्वास और अपनी प्रतिभा को मजबूत बनाने के लिए मॉक सेशन में भी शामिल हुईं। वह आईएएस परीक्षा के लिए एक अच्छी टेस्ट सीरीज के लिए नामांकन करने की भी सिफारिश करती है।

वह यह भी कहती हैं कि दैनिक समाचार पत्र में आने वाले अच्छे संपादकीय को इकट्ठा करने से निबंध पत्र में काफी मदद मिल सकती है। रुक्मणि रायर ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 (UPSC Civil Service Exam) में दूसरी रैंक पाकर ना केवल अपने आईएएस बनने के सपने को पूरा किया बल्कि उनके लिए मिसाल पेश की जो असफलताओं से घबराकर प्रयास करना छोड़ देते हैं। कमाल की बात ये भी है कि इस कठिन परीक्षा को उन्होंने पहले ही प्रयास में पास कर लिया।

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