मोदी सरकार का अहम कदम, संसद को मिलेगा अब नया स्वरूप। अंग्रेजों की निशानी खत्म होगी।

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Delhi: मोदी सरकार अब दिल्ली के रायसीना हिल्स के नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक और संसद भवन को फिर से नया स्वरूप देने की तैयारी कर रही है। अब संसद भवन की सदियों से चली आ रही इमारत के स्थान पर नई इमारत देखने को मिलेगी। मीडिया की खबर के मुताविक, मोदी सरकार अंग्रेजों की निशानी समाप्त करके पार्लियामेंट की नई इमारत बनाने की तैयारियों में जुट गई है।

भारत की सबसे खूबसूरत और शानदार इमारतों में से एक संसद भवन में तीन साल बाद पार्लियामेंट नहीं चलेगी।केंद्र सरकार ने नई इमारत बनाने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल RFP का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसके माध्यम संभावित बिल्डर को शॉर्ट List किया जाएगा। पार्लियामेंट की मौजूदा इमारत ब्रिटिश हुकूमत के दौरान सन 1927 में बनकर खड़ी हो गई थी।

खबरो के मुताविक अभी बिल्डिंग को डिज़ाइन करने के लिए कौन सी कम्पनी आगे आती है यह अभी डिसाइड नही हुआ है। 2 सितंबर को एक RFP फ्लोट जारी किया था, ताकि कोई भी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कंपनियां नक्शा डिज़ाइन कर के दे।

मौजूदा पार्लियामेंट इमारत का पुनर्निर्माण किया जाए या उसके साइड में नई पार्लियामेंट भवन बनाई जाए, इन सभी विकल्पों का चुनाव कंपनियां अपना विचार सामने रख कर Solution देंगी। वर्तमान की स्थिति यह है कि सांसदों, उनके PS या अन्य अफसरो को बैठने की भी पर्याप्त जगह इस इमारत में नहीं है।

संसद भवन का शिलान्यास 12 फरवरी 1921 को ड्यूक आफ कनाट के द्वारा किया गया था। लेकिन इसको प्रारम्भ तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन ने 18 जनवरी 1927 को किया था। इस तरह से देखा जाए तो अब इस भवन की उम्र 92 साल हो चुकी है।

लोकसभा में कार्यवाही प्रारम्भ होने पर स्पीकर ओम बिरला ने बोला था कि हम सबकी यह उम्मीद है कि दुनिया के सबसे बड़े विशाल लोकतंत्र और गणराज्य का संसद भवन सबसे भव्य और शानदार आकर्षक का केंद्र बने रहे हैं।

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