
Delhi: दुनिया भर में ढेरों हुनरवाज लोग हैं, जो अपने हुनर का प्रदर्शन करके देश-दुनिया में अपना नाम बनाते हैं। दोस्तों दुनिया में आप तरह-तरह के लोगों से मिलते हैं, कुछ लोग एडवेंचर को खूब पसंद करते हैं, तो कुछ लोग साधारण सा जीवन जीना पसंद करते हैं।
हमने कुछ लोग ऐसे भी देखे हैं, जिन्हें दुनिया जहान में घूमना बेहद पसंद आता है। तो कुछ ऐसे भी है, जो खुद को कमरे में बंद करके खुश रहते हैं। दोस्तों कुछ लोगों का शौक समुद्र तल की गहराई नापने का होता है, तो कुछ लोगों का शौक आसमान की ऊंचाई को छूने का। जिन्हें आसमान की ऊंचाई को छू नहीं है, वह ज्यादातर पर्वतारोही बनते हैं।
जी हां दोस्तों दुनिया भर में ढेरों पर्वतारोही (Mountaineers) है, जो अपने अपने स्तर पर काफी अच्छा प्रदर्शन करते हैं, परंतु क्या आप जानते हैं की 5 साल की बच्ची भी एक पर्वतारोही हो सकती है, जानकर थोड़ा आश्चर्य होगा परंतु यह सच है कि 5 वर्षीय बच्ची ने 5 बार उचे उचे पहाड़ो की चढ़ाई की है। तो चलिए जाने उस बच्चे के बारे में।
जाने देवभूमि के नंदा देवी के बारे में
दोस्तों हर राज्य में कुछ ऐसी प्रतिभाएं हैं, जो अपने कारनामे से अपने राज्य का नाम रोशन कर रही है। उत्तराखंड (Uttarakhand) की सूची में अब एक और नाम शामिल हो गया है। हम बात कर रहे हैं, उत्तराखंड राज्य के अंतर्गत आने वाला नैनीताल जिले की रहने वाली नंदा देवी (Nanda Devi) की, जिन्होंने मात्र 5 वर्ष की उम्र में 5 बार पर्वत फतह किया और अपने साथ-साथ पूरे राज्य को गौरवान्वित किया है।
आपको बता दें हाल फिलहाल नंदा देवी ने इस वर्ष अप्रैल माह में 13000 फीट ऊंची छोटी चंद्रशिला को फतह किया है। इस फतेह के साथ उन्होंने पांचवी उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के पहले भी वे चार उपलब्धि हासिल कर चुकी है, जिसको बताने में उनके परिवार जन काफी ज्यादा हर्ष उल्लास नजर आए।
परिवार में खुशी का माहौल
पूरे परिवार में अपनी बेटी की इस उपलब्धि से काफी ज्यादा खुशी का माहौल है और चारों तरफ से उस 5 वर्षीय बेटी को ढेर सारी बधाइयां भी मिल रही है। परिवार जन अपनी बेटी की उपलब्धियां बताते हुए कहते हैं कि उसने पहली बार वर्ष 2019 में पहली उपलब्धि हासिल की थी जब वह ढाई वर्ष की थी और 10500 फीट की चोटी को फतह किया था।
अब सोचने वाली बात यह है कि इतनी छोटी सी बच्ची को पर्वतारोही बनने का शौक कैसे आया। तो आपको बता दें नंदा देवी के माता पिता दोनों ही पर्वतारोही हैं। जी हां दोस्तों नंदा के पिता का नाम अनिता और माता का नाम टूसी है। और नंदा नहीं है उपलब्धि अपने माता-पिता के साथ मिलकर ही पाई है।
जाने उनकी उपलब्धियों के बारे में
मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें वर्ष 2019 में जब नंदा मात्र ढाई वर्ष की थी तब उन्होंने 10500 फीट की चोटी जिसका नाम डोरिटल पर्वत श्रेणी को फतह किया। इसके बाद वर्ष 2021 में जब वे साडे 4 वर्ष की हो गई, तब उन्होंने यमुनोत्री और केदार कंठ जिसकी ऊंचाई 12500 फीट है। पर चढ़ाई की और सफलता प्राप्त की।
इसके बाद वर्ष 2022 में त्रिउंड और इंद्रधारा बेस कैंप धर्मशाला जो लगभग 12500 फीट ऊंचाई पर है, इसकी सफलतापूर्वक चढ़ाई की। अब वर्ष 2023 में उन्होंने सफलतापूर्वक 13 सौ फीट ऊंचा चंद्रशिला पर्वत को फतह किया। इन सभी उपलब्धियों में नंदा देवी के साथ उनके माता-पिता रहे हैं।
नंदा देवी का जन्म
एक रिपोर्ट के मुताबिक नंदा देवी का जन्म 6 नवंबर 2017 को उत्तराखंड राज्य के नैनीताल जिले में हुआ था वर्तमान में वे कक्षा एक की छात्रा है और वे नैनीताल (Nainital) के ऑल सेंट्स कॉलेज में पढ़ रही हैं। आपको बता दें नंदा देवी की मां टुसि साह IMF याने इंडियन माउंटेनियरिंग फेडरेशन की सदस्य है। साथ ही टुसि माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय महिला है।
मीडिया से बातचीत के दौरान नंदा देवी की मां बताती है कि वे चाहती हैं कि उनकी बेटी भी उन्हीं की तरह एक अच्छी और सफल पर्वतारोही बने इसीलिए उन्होंने बचपन से ही अपनी बेटी को इस राह पर बढ़ा दिया है।