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Delhi: अब देश गृह मंत्रालय सकती दिखाते नज़र आ रहा है, क्योंकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर मोदी सरकार को अपना तेवर दिखाया है, परन्तु अब ये तेवर उन्हें काफी महंगा पड़ने वाला है। असल में बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय का गृहमंत्रालय ने तबादला कर दिया था और उन्हें 31 मई को सुबह 10 बजे डीओपीटी, नॉर्थ ब्लॉक, नई दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था।
इसके बाद बंदोपाध्याय 31 मई को दिल्ली नहीं पहुंचे। जिसके बाद अब मोदी सरकार उनपर कार्यवाही करने का मन बना चुकी है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, ममता बनर्जी के मुख्य अलपन बंदोपाध्याय को आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के तहत गृह मंत्रालय ने सोमवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें 2 साल तक की सजा या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।
गृह मंत्रालय के एक अफसर ने मंगलवार को बताया कि सोमवार को केंद्र सरकार के आदेश का पालन करने से इंकार करने की वजह से नोटिस जारी किया गया। अधिकारी का कहना है कि केंद्र सरकार के आदेश का पालन से इंकार करना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51-B का उल्लंघन होता है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंदोपाध्याय से इस्तीफा दिलवाकर अपना मुख्य सलाहकार नियुक्त कर लिया है, मुख्यमंत्री के इस फैसले के बाद केंद्र और राज्य के बीच अब तकरार और बढ़ सकती है। पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय ने सोमवार दोपहर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त होने के लिए इस्तीफा दे दिया।
नए आदेश में कहा गया है की बंद्योपाध्याय 1 जून से तीन साल की अवधि के लिए नई भूमिका निभाएंगे। एचके द्विवेदी को पश्चिम बंगाल का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। बंद्योपाध्याय वेतन हर महीनें ढाई लाख होगा। ममता बनर्जी ने कहा की मैं अलपन को उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद देता हूं। बंगाल के लिए उनका काम उत्कृष्ट रहा है।
आगे उन्होंने कहा की उनके ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए हम उन्हें 3 साल की अवधि के लिए मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त कर रहे हैं, इससे पहले, सोमवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे एक पत्र में, बनर्जी ने कहा कि वह एकतरफा आदेश से हैरान और स्तब्ध थीं, जिसमें बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को केंद्र को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था।