भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को बताया कि देश दिसंबर 2021 तक मानव को अंतरिक्ष में भेजने के अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए आगे की ओर अग्रसर हो रहा है। ISRO के अध्यक्ष के. सिवन ने शनिवार को एक सवाल करते हुए कहा कि गगनयान किस प्रकार से उपयोगी हो सकता है?
गगनयान भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि गगनयान देश की प्रौघोगिकी और विज्ञान क्षमता को आगे बढ़ाने में मदद करेगा। 2020 दिसंबर तक हम मनुष्य अंतरिक्ष विमान का प्रथम मानवरहित मिशन करने का सफल प्रयास करने जा रहे हैं।
के सिवन ने बताया कि दूसरे मनुष्य रहित मानव अंतरिक्ष विमान के लिए हमारा उद्देश्य जुलाई 2021 तक का है। दिसंबर 2021 तक हम प्रथम बार किसी भारतीय को अपने रॉकेट द्वारा अंतरिक्ष में प्रवेश कराएंगे। यह हमारा उद्देश्य है, ISRO में हर कोई इस पर कार्य कर रहा है।
के सीवन ने बताया कि Chandrayaan-2 के “लैंडर” विक्रम को चंद्रमा की सतह पर ‘”सॉफ्ट लैंडिंग’” कराने की ISRO की प्लानिंग सफल नही हो सकी हो लेकिन इसका “गगनयान” मिशन पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-2 का ऑर्बिटर साढ़े सात वर्षों तक Data देगा।
उन्होंने बताया कि “चंद्रमा मिशन की सभी प्रौद्योगिकियां सॉफ्ट लैंडिंग को छोड़कर सफल प्राप्त करने में सही साबित हुई हैं। क्या यह कामयाबी नही है।’’ के सीवन ने IIT भुवनेश्वर के आठवें दीक्षांत अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि “दिसम्बर 2020 तक हमारे पास मानव अंतरिक्ष विमान का प्रथम मानव रहित मिशन होगा। हमने दूसरे मनुष्य रहित मानव अंतरिक्ष विमान का उद्देश्य जुलाई 2021 तक रखा है।”
उन्होंने बताया, “भारत के लिए गगनयान मिशन बहुत अहम साबित होगा क्योंकि यह देश की प्रौघोगिकी और विज्ञान क्षमता को आगे की ओर बढ़ाने के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। इसलिए, हम एक नए उद्देश्य पर कार्य कर रहे हैं।”
के. सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन ने अपना 98 फीसदी लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब रहा है, जबकि वैज्ञानिक “लैंडर विक्रम” के साथ दोवारा संपर्क स्थापित करने के लिए अपनी कोशिश में लगे हुए है। के सिवन ने यह भी इन्फॉर्मेशन दी कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर सही तरीके से काम कर रहा है।