कभी फीस भरने के भी पैसे नहीं थे, फिर एक रिक्शा चालक का बेटा 21 वर्ष की आयु में IAS बना

0
689
ansar ahmad ias
Success Story Of IAS Topper Ansar Ahmad Shaikh (21 yrs old) a Auto Driver’s Son. Ansar Ahmad Shaikh has become IAS officer at 21 years age. At 21 Ansar Ahmad Shaikh become youngest IAS officer.

File Image

Pune: अभी तब हमने आपके साथ अनेक आईएएस अधिकारियों के संघर्ष और सफलता की कहानी शेयर की है। आज भी हम आपको ऐसे गरीब इंसान की कहानी बातात्ने जा रहे है, जो आपको बहुत प्रेरणा देगी। यहां गरीबी, भूख के साथ हर हालात में पढ़ाई करने की लगन है। आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बनने का जुनून और आखिर में जीत उस लगन की होती है, जो कठिन से कठिन परिस्थिति में भी खुद हारने नहीं देता है।

देश की सबसे बड़ी परीक्षा सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) के तौर पर जानी जाती है, जिससे देश में प्रशासनिक अधिकारी मिलते हैं। सिविल सेवा परीक्षा पास करना सभी पढ़े लिखे युवाओं का सपना होता है, लेकिन परीक्षा को लेकर पर्याप्त समय निकालकर तैयारी कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती।

UPSC पास करने के लिए बहुत लगन से म्हणत करना पढता है और उसी के अनुरूप परीक्षा की तैयारी करनी होती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं, ऐसे शख्स के बारे में जिसने IAS परीक्षा तो पास की, लेकिन साथ ही एक मिसाल भी पेश कर दी।

यह किस्सा है, अंसार अहमद शेख (Ansar Ahmad Shaikh) के बारे में जिन्होंने सभी पारिवारिक मुश्किलों से लड़ते हुए 21 वर्ष की आयु में पहले ही प्रयास में यूपीएससी एग्जाम में 361वीं रैंक हासिल की और युवाओं को लिए एक मिशाल पेश की। अंसार साल 2015 में UPSC Exam पास कर देश के सबसे कम उम्र में आईएएस बनने वाले पहले शख्स थे।

आपको बता दें कि अंसार को पुणे (Pune) में एग्जाम (Exam) तैयारी के वक्त रहने के लिए और खाने के लिए अपना नाम और पहचान बदलनी पड़ी थी। दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिन्होंने अपनी जिदंगी में भूखा रहकर बड़ी से बड़ी कामयाबी को पाया है। अब्राहम लिंकन को आज कौन नहीं जानता, उन्होंने भी स्ट्रीट लाईट के नीचे बैठकर पढ़ाई की और फिर विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति तब बने।

ऐसे में इस कहानी में हैरानी की बात है की अंसार के पिता अहमद शेख ऑटो रिक्शा चलाते थे और घर में Parents के अलावा दो बहनें और एक भाई थे, टोटल चार बच्चे और दो बड़े। पिता की कमाई से खर्चा पूरा नहीं पड़ता था, इसलिये मां अज़ामत शेख भी लैंड लेबर का काम करती थीं।

खेतों में काम करके जो थोड़ा बहुत पैसा मिलता था, वे अंसार को पढ़ाई के लिये लगा देती थीं। इसी बीच जब अंसार क्लास 4 में थे, तो उनके पिता को किसी ने सलाह दी कि इसकी पढ़ाई बंद कराओ और काम पर लगा दो, तो दो पैसे कमा लेगा। वैसे भी कौन सा पढ़ने से नौकरी मिल जायेगी।

अंसार के पिता को बात समझ आयी और वे पहुंच गये स्कूल अंसार की पढ़ाई छुड़ाने. लेकिन भला हो अंसार के शिक्षक पुरुषोत्तम पडुलकर का जिन्होंने उनके पिता को कहा कि उसे पढ़ने दें वो पढ़ाई में बहुत अच्छा है. एक साक्षात्कार में अंसार बताते हैं कि अगर परुषोत्तम सर नहीं होते तो आज वे भी ऑटो ही चला रहे होते।

ऐसे में शिक्षा उनके परिवार में प्राथमिकता नहीं थी, बस वे गरीबी से जूझ रहे थे। अपने स्वयं के शब्दों में अंसार ने अपनी घरेलू स्थिति का वर्णन किया है, “मेरे परिवार में शिक्षा का उतना ज्यादा महत्व नहीं रहा। मेरे पिता, एक रिक्शा चालक हैं उनकी तीन पत्नियां हैं। मेरी मां दूसरी पत्नी है। मेरे छोटे भाई को स्कूल से बाहर निकाल दिया गया और मेरी दो बहनों की शादी छोटी उम्र में हुई थी। जब मैंने उनसे कहा कि मैंने यूपीएससी परीक्षा पास की हैं तो सभी चौंक गए।” यही अंसार की कहानी है।

अंसार के परिवार को उनका सपना पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने अपने एसएससी बोर्ड परीक्षा में 91% हासिल किया थे। उनके पास फर्गुसन कॉलेज, पुणे से राजनीति विज्ञान में डिग्री है। साल 2015 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाले देश के सबसे छोटी उम्र में आईएएस बनने वाले अंसार अहमद शेख का, शेख ऐसे ही एक शख्श हैं, जिन्‍होंने मात्र 21 साल की उम्र में ये परीक्षा पास की। वह वर्तमान में MSME और पश्चिम बंगाल सरकार में OSD पर अधिकारी के रूप में कार्यरत है।

इस लिस्‍ट में सबसे पहला नाम आता है, उनके पिता ऑटो रिक्‍शा ड्राइवर हैं। एक सभा को संबोंधित करते हुए उन्‍होंने कहा था कि उनके पिता एक ऑटो रिक्शा चालक थे, जो 100-150 प्रतिदिन कमाते थे.। कई दफा उनका परिवार रात का खाना या नाश्ता छोड़ देता था। अंसार ने कहा था, ऊपर वाले ने मेरी और मेरे परिवार और दोस्तों की दुआओं को क़ुबूल करते हुए मुझे देश की सेवा करने का यह मौक़ा दिया है, जिसे मैं पूरी ईमानदारी से निभाऊंगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here