आप कर्नाटक के इस ऐतिहासिक शहर में घूमने जरूर आइये, सुंदरता और भव्यता आपको मोह लेगी

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Badami in Karnataka
You should visit historical place Badami in Karnataka. List of best Places to visit in Badami. This Incredible old city will made you happy.

Badami: दोस्तों अगर आप घूमने फिरने के शौकीन हैं और खासतौर पर ऐतिहासिक स्थलों में घूमना पसंद करते हैं, तो भारत इसके लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है। हमारे भारत देश का इतिहास इतना गौरवपूर्ण और विराट है कि इसके आर्किटेक्ट को देखने के बाद आप यकीन नहीं कर सकते कि ये पत्थरों से बनाया गया है या कंप्यूटर की डिजाइनें हैं।

भारत में मूर्ति कारों की दक्षता का आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि उनकी बनाई गई, इन प्रतिमाओं को देख कर ऐसा लगता है कि शायद अभी बोल पड़ेगी और ऐसे शानदार आर्किटेक्ट को देखने के लिए आप देश में राजस्थान से लेकर साउथ तक ढेरों स्थलों पर जा सकते हैं।

दक्षिण भारत (South India) में स्थित हंपी आज इस नाम से कौन परिचित नहीं है। हंपी का गौरवशाली इतिहास और उसका आर्किटेक्चर अतुलनीय है, परंतु आज हम आपको एक ऐसे डेस्टिनेशन के बारे में बताने वाले हैं, जो देखने में विलक्षण होने के साथ-साथ एक ऐतिहासिक धरोहर (Historic Monuments) तो है ही, परंतु इसका नाम उतना प्रसिद्ध नहीं है। यह पोस्ट आपके लिए अगले हॉलिडे डेस्टिनेशन (Holiday Destination) हो सकती है।

आइए जानते हैं बादामी का स्वर्णिम इतिहास और कब हुआ इसका निर्माण

वैसे तो बादामी हंपी के नजदीक स्थित और इसी वजह से कभी-कभी इसका नाम कम लिया जाता है। वर्तमान भौगोलिक दृष्टि से बादामी कर्नाटक के बागलकोट जिले के अंतर्गत आता है। इसके इतिहास की बात करें, तो चालुक्य राजवंश (Chalukya Dynasty) ने इसे पांचवी से आठवीं शताब्दी में स्थापित किया था।

बदामी (Badami) उनकी राजधानी हुआ करती थी। इसलिए चालुक्य राजवंश ने राजधानी के तौर पर इसे बहुत ही सुंदर, सुसज्जित डिवेलप किया। जिसमें ढेरों मंदिर तालाब और बेहतरीन मूर्तिकारी शामिल है। यहां आप देख सकेंगे बेहद प्राचीन मंदिर, किले एवं ऐतिहासिक आर्किटेक्चर धरोहरों का एक संगम।

बादामी की मंदिर नुमा गुफाओं में स्थित है गौरवशाली मंदिरों का इतिहास

दोस्तों बादामी में मंदिर को एक गुफा के पैटर्न (Badami Cave Temple) पर तैयार किया गया। यह वास्तव में 4 मंदिरों को मिलाकर बनाया गया एक शानदार शिल्प का नमूना है। इसे बनाने में एक ही पत्थर का इस्तेमाल किया गया।

एक बड़े से पहाड़ को गुफा के आकार में काट कर के कुछ इस तरीके से डिवेलप किया गया कि सभी मंदिरों का रास्ता एक ही गली में आकर जुड़ता है। इसमें स्थित मूर्तियों को भी एक पत्थर पर उकेरा गया है।

मंदिर की भव्यता का और सुंदरता का अनुमान इससे लगाया जा सकता है कि देखने में ऐसा लगता है। किसी एक बड़े से पहाड़ को प्रिंटर के माध्यम से प्रिंट कर दिया गया। अगर ऐतिहासिक तौर पर देखें इसको बनाने का आर्ट चालुक्य राजवंश के कलाकारी का आइना हैं।

बदामी का आर्किटेक्चर और अन्य महत्वपूर्ण स्थान जिन्हें देखना ना भूलें

मंदिर के बाद आप देख सकते हैं मंदिर के ही नीचे स्थित अगस्त झील को जो बहुत पवित्र मानी जाती है। ऐसा माना जाता है इसमें स्नान करने से सभी प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। इसके बाद आप बादामी किला जरूर घूमे, आर्कियोलॉजी के नजरिया से इसका निर्माण बहुत ही उत्तम ढंग से किया गया है। यहां से पूरा शहर साफ तौर पर देखा जा सकता है।

एहोल या आर्यपुरा के नाम से जाना जाने वाला एक गांव है जहां हिंदू, बौद्ध एवं जैन धर्मों के बहुत सारे मठ पाए जाते हैं। इसके अलावा भूतनाथ मंदिर, पत्तदकल, एक्का तंगी झरना एवं एर्कोलॉजिकल म्यूजियम है।

बादामी घूमने का सबसे अच्छा समय और कैसे जाएं कहां से शुरू करें अपना सफर

बादामी रेल नेटवर्क और सड़क नेटवर्क से बहुत बेहतरीन तरीके से जुड़ा हुआ है। यह बेंगलुरु और हैदराबाद दोनों से ही लगभग 400 किलोमीटर दूर स्थित है, जैसे आप ट्रेन या कार के जरिए पहुंच सकते हैं।

अगर आप बादामी जाने का प्लान कर रहे हैं, तो बरसात का मौसम सबसे अच्छा होगा, क्योंकि यह पत्थरों को काटकर बनाया गया शहर है, तो अगर आप गर्मी में आएंगे, तो कुछ परेशानी उठानी पड़ सकती है।

अच्छी बात यह भी है दोस्तों कि ज्यादातर लोगों का ध्यान सिर्फ हम्पी तक सीमित होता है, तो आपको बादामी में ज्यादा भीड़ भाड़ देखने नहीं मिलेगी। परंतु कम से कम 3 दिनों का समय जरूर निकालें। यहां होटलों के विकल्प भी सीमित है, इसलिए आने से पहले अपने रिजर्वेशंस जरूर करवाएं।

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