File Photo
Lucknow: कहते हैं कि यदि कोई इंसान सही दिशा में कड़ा परिश्रम करे, तो वो अपनी किस्मत खुद लिख सकती है और मेहनत के बलबूते पर कोई भी मुकाम हासिल कर सकती है। आमतौर पर कई लोगों को कहते सुना है कि युवा देश का भविष्य होते हैं, लेकिन कई लोग युवाओं में सिर्फ लड़कों को ही देखते हैं। आज आधुनिक युग में भी कई लोग लड़कियों का काम देश संभालना नहीं बल्कि घर संभालना ही समझते हैं।
इस बात को साबित किया है मैनपुरी शहर की पहली महिला एसडीएम अपूर्वा यादव ने, उत्तर प्रदेश के छोटे से शहर में पली बढ़ी अपूर्वा यादव (Apoorva Yadav) यूपी पीसीएस की परीक्षा (UP PCS Exam) में तीन बार असफल हुईं, लेकिन अपने होसलो को कम नही होने दिया। लगातार मेहनत करती रहीं और आखिरकार चौथे प्रयास में कामयाबी ने उनके आगे घुटने टेक दिए और वे मैनपुरी शहर की पहली महिला एसडीएम (Woman SDM) बनीं।
आज एक महिला अधिकारी (Lady Officer) ने समाज की रूढ़िबद्ध सोच को तोड़ने का प्रयास किया है। उसमे सफलता भी मिली। आज ये महिला शहर की पहली महिला एसडीएम बनकर लाखों लड़कियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। आज ये महिला अधिकारी अपने कार्यों से सभी को ये संदेश दे रही हैं कि महिला चाहे तो कुछ भी कर सकती है।
दोनों ने अपूर्वा के सपने को पूरा करने में अपना पूरा समर्थन दिया। अपूर्वा के सपने को कभी टूटने नही दिया। अपूर्वा के भाई अजय यादव यूपीएसआईडी में असिस्टेंट मैनेजर हैं तथा उनकी बड़ी बहन प्राथमिक स्कूल में टीचर हैं। शनिवार को पूरे दिन यादव नगर स्थित आवास पर शहर के लोग अपूर्वा के परिजनों को बधाई देने पहुंचे।
सांसद से लेकर विधायक सभी ने उनको बधाइयां दी। जिसमे तेजप्रताप यादव, विधायक राजकुमार यादव, सपा नगर अध्यक्ष हृदेश सिंह ने अपूर्वा को इस सफलता पर बधाई है। आज उनकी हसरत पूरी हुई। यह पल उनके माता-पिता के लिए अत्यंत गौरान्वित का है। बेटी को इतना पढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए उन लोगों ने समाज के लोगो के ताने भी सुने, कई दबाव भी सहन।
उनसे कहा जाता था कि बेटी की अब शादी कर दो, उससे यह एग्जाम नहीं पास होगा। पर माता-पिता को बेटी की मेहनत पर भरोसा था जो आज रंग लाया। अपूर्वा ने अपनी पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम स्कूल से की, लेकिन उन्हें इंजीनियरिंग करनी थी। इसके लिए अंग्रेजी आना जरूरी था। फिर क्या था वे पूरी लगन के साथ जुट गईं अपने सपनों को पूरा करने के लिए। टीवी के इंग्लिश प्रोग्राम देखने शुरू कर दिए, नॉवेल्स पढ़ने लगी। बिना झिझक के अंग्रेजी के टूटे फूटे शव्द बोलना शुरू कर दिए।
Women's Day : मैनपुरी की पहली महिला SDM बनीं अपूर्वा, यूपी पीसीएस में मिली 13वीं रैंक
5c82de1d6743ahttps://t.co/FhoH9q15iY pic.twitter.com/EYaiIqkgfL— Haryana.Com (@haryanadotcom) March 8, 2019
उनका मानना है कि यदि व्यक्ति प्रेक्टिस करता रहे तो कोई भी चीज सीखी जा सकती है। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की और टीसीएस में नौकरी करने लगीं। तीन साल टीसीएस में काम करने के दौरान उन्हें अमेरिका जाने का अवसर मिला। वहां उन्हें देश की सेवा करने का खयाल आया और उन्होंने सिविल सर्विस की तैयारी करने का विचार बना लिया।
उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पीसीएस (Uttar P:radesh PCS) की तैयारी भी की। तीन बार वे इसमें कामयाबी हासिल नहीं हो पायीं, लेकिन चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई। अपूर्वा ने उत्तर प्रदेश पीसीएस 2016 की परीक्षा में 13वीं रैंक हासिल की है। अब वे मैनपुरी की पहली महिला SDM बन गई हैं।
जिला मैनपुरी की रहने वाली अपूर्वा यादव को कन्नौज जिला का sdm बनाये जाने पर हार्दिक शुभकामनाएं pic.twitter.com/rhqV7DcIwX
— Sonu Singh (@SonuSingh_sp) January 11, 2020
अपूर्वा यादव ने बताया कि प्रतिदिन अध्ययन करके किसी भी परीक्षा में कामयाबी हासिल की जा सकती है। अपूर्वा ने बताया कि उन्होंने प्रतिदिन सात से आठ घंटे प्रेक्टिस किया करती थी। अपूर्वा के गांव नगला उदी में अपूर्वा की सफलता पर लोग खुशी से झूम उठे थे। गाँव मे बधाइयों का तांता लगना शुरू हो गया। हर कोई उनकी सफलता से खुश था।
नगला उदी निवासी सूरज सिंह यादव, मनोज यादव, पंकज यादव, बालिस्टर सिंह यादव, मुकेश यादव, सुधीर यादव, अलकेश यादव, विजयपाल सिंह आदि ने अपूर्वा को बधाई दी है। अपूर्वा को पिता ने कहा कि उन्हें अपनी बेटियों पर फक्र है। पिता की तैनाती एटा जनपद में होने पर अपूर्वा ने यहां के रामबाल भारतीय इंटर कॉलेज से वर्ष 2003 में हाईस्कूल व 2005 में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।
इसके बाद उन्होंने नोएडा के आईसी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से वर्ष 2009 में बीटेक की परीक्षा पास की। अपूर्वा ने गाजियाबाद में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी की। वह अपने भाई यूपीएसआईटी के डिप्टी मैनेजर अजय यादव के साथ शास्त्रीनगर में रहती हैं। उन्हें प्रशासिक अफसर की बनने की प्रेरणा अपने पिता गोपीचंद्र यादव से मिली। उनके पिता अपर मुख्य अधिकारी के पद से सेवनिवृत्त हुए है। अपूर्वा इस कामयाबी का श्रेय अपनी मां प्रेमकांती और पिता गोपी सिंह यादव को सर्वाधिक देती हैं।