कहावत ‘1 फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी तुम्हे’, में कौड़ी, फूटी कौड़ी के साथ धेला और पाई का मतलब भी जानिये

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Ek footie cori nahi milegi
What is the meaning of ek footie cori nahi milegi and meaning of dhela and pie. Here you know about phootie cowrie, dhela and pie.

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Delhi: हम दैनिक जीवन मे सभी समान, सेवा का सौदा भारतीय रुपये मे करते है। लेकिन क्या आप लोग पुराने जमाने के करेंसी के बारे में जानते हैं। आपने भले ही पुरानी करेंसी ना देखी हो पर कभी ना कभी इनके बारे में सुना अवश्य होगा।

पुराने पैसो को अलग अलग तरीकों से पुकारा जाता था। जैसे फूटी कौड़ी, दमड़ी, कौड़ी, पाई तथा धेला इन अलग अलग नामों से पुरानी करेंसी को पहचाना जाता था। अगर आपने इन सबके बारे में पहले कभी नहीं सुना हो तो चलिए आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए फूटी कौड़ी, दमड़ी का क्या मतलब होता है। इसके बारे में सारी जानकारी बताते है।

हम सभी जानते हैं कि हमारे भारत देश मे करेंसी (मुद्रा) पर समय समय में परिवर्तन होते गए हैं। बता दें कि हमारे देश की करेंसी में बडे़-बड़े परिवर्तन मुगलकाल के समय से आजादी के समय तक होते हुए देखने को मिला है।

आपको बता दे भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियाम 1934 के प्रावधानों के तहत 1 अप्रैल 1935 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की स्थापना की गई थी। आज के समय में आधिनियम 1934 के अनुसार ही भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रा लागू करता है।

रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा ही 5 रूपए का सबसे पहला नोट जनवरी 1938 में जारी किया गया था। उसके बाद 1938 में ही फरवरी से लेकर जून तक कुछ रूपयो के नोट को भी पेश किए गए थे। जैसे 1 रुपए, सो रुपए, एक हजार रुपए तथा 10,000 के नोट।

सन् 1950 में सिक्कों तथा आनो के साथ रूपयो को भारतीय मुद्रा के रूप में प्रचलित किया गय

आपको बता दें कि ब्रिटिश काल के समय 30 नवंबर 1917 को पहली बार 1 रुपये को जारी किया गया था। 1 रुपए को जारी करने के बाद 8 रूपए और 2 रुपए कों भी प्रचलित किया गया था। परन्तु 8 रूपए को जनवरी 1926 में बंद कर दिया गया।

पहला पोस्ट इंडिपेंडेंस 1.2 और 1 पैसे के सिक्कों के साथ साथ 1 और 2 आना साल 1950 में पेश किए गए थे। उसी समय से अधिकारिक रूप से रूपयो को भारतीय मुद्रा के रूप में जारी किया गया।

पहले भारतवासियों की सबसे छोटी मुद्रा फूटी कोड़ी हुआ करती थीं

हम आज आपको पिछले दशक के संबध में जानकारी देंगे। जिस समय भारत में आना, पैसा, तथा रुपया से भी छोटी करेंसी (मुद्रा) कौड़ी दमड़ी (Damri), फूटी कौड़ी और पाई (Pie) ये सब चल रहे थे। आपको बता दे कि ‘फूटी कौड़ी’ (Phootie Cowrie) भारत की सबसे पहली मुद्रा इकाई थी।

उस समय भारत में यह सब छोटी इकाइयों की चलन थी। फूटी कोड़ी भारतवासियों की सबसे छोटी मुद्रा हुआ करती थी। आखिर उस टाइम में दमड़ी, धेला, पाई, कौड़ी और फूटी कौड़ी (Foti Cori) के दाम भारतीय रूपए में कितने कम हुआ करते थे। इस विषय में आइए इस पोस्ट से जानते हैं।

आपको बता दे कि फूटी कौड़ी से मिलकर कौड़ी बनती थी। 3 फूटी कौड़ी को मिलाए तो 1 कौड़ी बनती थी, 10 कौड़ी से 1 दमड़ी, तथा 2 दमड़ी से 1 धेला बनता था। 1 धेला यानी 1.5 पाई और 3 पाई यानी 1 पैसा होता था।

वैसे ही 4 पैसा से मिलकर 1 आना बनता था। और 16 आना से मिलकर 1 रूपया होता था। इस प्रकार फूटी कौड़ी से कौड़ी, कौड़ी से दमड़ी फिर दमड़ी से धेला और धेला से पाई बना। उसके बाद पाई से पैसा फिर पैसा से आना और आना से रुपया बनता है।

रुपए का दशमलवींकरण से 100 पैसे का 1 रुपए हुआ

भारत में जब 4 पैसे से 1 आना बनता था। ठीक वैसे ही 16 आने को मिलाए तो 1 रूपया बनता था। बता दे की उस समय 64 पैसे का 1 रुपया बनता था। क्योंकि 16×4 =64 पैसे बनते थे। परन्तु जब रूपए को डेसिमल सिस्टम में चेंज किया गया या कहे कि दशमलवीकरण किया गया। तब 100 पैसे का 1 रुपया बना। जब 16 आने का 1 रुपया होता था, तो 1 आना का 1/16 रुपया होता था। जिसका मतलब 1 आना से 6.25 पैसा होता है।

सन् 1957 में 5 पेसे के सिक्के को जारी कर 1994 में बंद कर दिया गया

अब इस हिसाब से आने की बात करे तो 4 आने का 25 पैसा और वही 8 आने का 50 पैसा होता था। उस हिसाब से 16 आने का 1 रुपया होगा। आपको बता दें कि आना को Demonetized करके वर्ष 1957 में 5 पैसे का सिक्का प्रचलित किया गया था। परन्तु सन् 1994 में 5 पैसे के सिक्के को भी बंद कर दिया गया था।

अब भारत में रूपयो की सबसे छोटी इकाई 50 पैसे है

आपको बता दें कि इन सभी पैसे जैसे 5 पैसा, 10 पैसा, 20 पैसा और 25 पैसा, 50 पैसा के सिक्कों को भारत की आजादी के बाद प्रचलित किया गया था। परन्तु 25 पैसे और उससे कम कीमत के सभी पैसे की सिक्कों को भारत सरकार ने सिक्का अधिनियम 1906 की धारा 15A के अनुसार बंद कर दिया था।

आज के समय में भारत में 50 पैसे का सिक्का का ही चलन है, जो कि रूपयो की सबसे छोटी इकाई हैं। उसके बाद 1 रुपये, 2 रुपये, 5 रुपये और 10 रुपये के सिक्के चलन में है। अब तो हाल ही में 20 रुपये का भी सिक्का मार्किट में आ गया है।

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