एक 10 वीं में पढ़ने वाले छात्र ने कम लागत में बिजली उत्पादन की तकनीक बनाई, यह तो अविष्कार है

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producing electricity
Bihar 10th class student Rohit invent electricity production technology. He is producing electricity in very low cost.

Photo Credits: Social Media

Jamui: कुछ करने का जुनून एक दिन सबसे अलग आपको बनाता है। कहते है कि जो व्यक्ति पढ़ाई और कड़ी मेहनत करके अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। वही व्यक्ति असंभव कार्य को संभव कर सकते है। जिस व्यक्ति में लगन, परिश्रम, कड़ी मेहनत यह सब हो वह सब कुछ हासिल कर सकता हैं। अगर ये चीजें आपके अंदर नहीं है तो सब व्यर्थ है।

बिहार के लड़के ने किया कमाल नए अविष्कार ने लोगों के होश उड़ाए

आज की हमारी कहानी एक रोहित (Rohit) नाम के लड़के की है। जो कि जुमई (Jamui) बिहार में रहते हैं। रोहित की पढ़ाई कक्षा दसवीं में चल रहीं है। रोहित के परिवार की स्थिति के विषय में बात करे, तो इनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर हैं। जिससे इन सबका रहना खाना बड़ी मुश्किल से हो पाता है। परन्तु वर्तमान समय में रोहित ने कुछ ऐसा किया की वह सबकी चर्चा में आ गए।

इनकी चर्चा में आने का कारण यह है कि इन्होने एक ऐसा आविष्कार उत्पन्न कर दिखाया है। जिससे बिजली को बहुत कम पैसे में उत्पन्न किया जा सकता है। जी हां 7 साल की कड़ी मेहनत के बाद रोहित ने बिजली के इस उत्पादन (Electricity Production) में सफलता प्राप्त की है।

कम खर्चे में बिजली उत्पादन की नई टेक्नोलॉजी की विकसित

आपको बता दे कि रोहित के द्वारा तैयार की गई इस बेहद सस्ती टेक्नोलॉजी के जरिए कम से कम पैसे में भी लोग बिजली को उत्पन्न कर सकते हैं। बिजली हमारे जीवन मे कितनी आवश्यकता है। यह हम सब बहुत अच्छे से जानते है। आज के समय मे तो बिजली के बिना जीवन जीने का हम सोच भी नहीं सकते।

ऐसे में रोहित का यह Invention हम सब के लिए किसी वरदान से कम नहीं। रोहित ने बिजली उत्पादन की जिस टेक्निक का अविष्कार किया है वह सीआईएमपी (CIMP) इक्युबेशन फाऊंडेशन से इक्युबटेड हाईड्रो लिफ्टिंग टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है।

बिजली उत्पादन में लगी रोहित को पुरे सात साल की मेहनत

आपको बता दे कि बिजली के इस उत्पादन में रोहित कुमार (Rohit Kumar) ने पूरे सात साल तक रिसर्च की थी। तब जाकर उन्हे इस बिजली उत्पादन के कार्य में कामयाबी मिली। आपको यह भी बता देते है कि रोहित को हाइड्रो लिफ्टिंग टेक्नोलॉजी (Hydro Lifting Technology) से कोलकाता आईपीआर सेंटर से प्रोविजनल पेटेंट मिला है, पर सबके मन में यह साल आ सकता है कि आखिर बिजली का उत्पादन इस टेक्नोलॉजी के द्वारा कैसे किया जाता है।

इस शंका को ध्यान मे रखकर ही रोहित इस सवाल पर जवाब देते हुए कहते हैं, कि अगर हम बिजली का उत्पादन इस टेक्नोलॉजी के द्वारा करना चाहते हैं, तो हमे इसके लिए कोई भी एक डैम में पानी भरने की ज़रूरत पड़ती है। फिर इसके बाद हमे एक दूसरे डैम की भी आवश्यकता पड़ती है।

दो डैमो मे पानी को रोटेट करके बिजली उत्पादन करने में पाई सफ़लता

यहां रोहित अपने नए अविष्कार के बारे मे बताते हुए कहते कि जब हमारे पास दो डैम (Dam) होते हैं, तो इन दोनो डैमो का पानी रोटेट होते रहता हैं। इसमें 100 प्रतिशत बिजली बाहर निकलती हैं। जिसमे बिजली की खपत 15 प्रतिशत होती है और बाकी बची 85 प्रतिशत बिजली को उपयोग हम दूसरे काम में भी कर सकते हैं।

रोहित के अनुसार उनके द्वारा बनाई यह बिजली सबसे बेहतरीन और सस्ती हाइड्रोलिफ्ट टेक्नोलॉजी है। आपको बता दे कि रोहित की इस नए अविष्कार से 3 एकड़ जमीन में लगभग 1 मेगावाट तक की बिजली उत्पन्न हो सकती हैं। इतनी बिजली प्राप्त करने के लिए कुल 11 करोड़ रुपये का खर्चा होता है।

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