Demo Photo
Gopalganj: हर राज्य में कुछ ना कुछ खास बात होती है। कहीं का कल्चर तो कहीं का खानपान लोगों को खूब भाता है कुछ जगह ऐसी होती हैं, जो अपनी तरफ आकर्षित करती हैं। खास तौर पर राजस्थान बिहार खाने-पीने के मामले में काफी ज्यादा विख्यात है।
वैसे देखा जाए तो राजस्थान की संस्कृति और वहां का पहनावा खानपान सब कुछ ही फेमस है। परंतु बिहार भी किसी से पीछे नहीं हैं, बिहार के लिट्टी चोखा इस राज्य की पहचान है। बिहार (Bihar) हर हर मायने में बेहतरीन राज्य हैं हर वर्ष इस राज्य से लगभग 50 प्रतिशत युवा आईएएस-आईपीएस के लिए चुने जाते हैं।
इस राज्य का नाम रोशन स्वयं यहां के युवा करते हैं। यूपी और बिहार की बोली भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। दोस्तों आज हम बिहार की एक ऐसी मिठाई की बात करेंगे, जो इतनी स्वादिष्ट है कि जिसका टेस्ट करने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। तो आइए जाने उस मिठाई के बारे में।
एक बार जरूर देखें इस लजीज डिश को
बिहार की इस मिठाई (Bihar Sweet) को चखने के लिए भारत के कई राज्यों से दूर दूर से लोग आते हैं। यदि आप बिहार के हैं या फिर बिहार घूमने जाने वाले हैं और आप थोड़े बहुत फूडी है, तो इस लेख मैं बताई गई देश को एक बार जरूर चखे।
गोपालगंज (Gopalganj) की दुकान में कई प्रकार के फास्ट फूड के साथ कई प्रकार की स्वादिष्ट मिठाइयां मिलती है, जो बिहार के स्वाद को और भी ज्यादा निखार देती है। आज हम इस लेख के माध्यम से उन स्वादिष्ट मिठाइयों में से एक खास मिठाई की बात करेंगे, जिसका स्वाद और उसकी अद्वितीयता लोगों को खूब पसंद आती है। जी हां दोस्तों अब बात कर रहे हैं गोपालगंज की दुकान में बनने वाली लालमोहन मिठाई की।
यहां मिलती है यह मिठाई
दोस्तों आपको बता दें बिहार के इस शहर में आपको यह मिठाई पोस्ट ऑफिस चौक पर सेठजी साह के दुकान (Sethji Sah’s shop) पर मिलेगी। इसी मिठाई के कारण है दुकान काफी ज्यादा प्रसिद्ध भी है। इस मिठाई को शुद्ध खोए से बनाया जाता है।
ज्यादातर लोग तीज त्यौहार में इसी मिठाई का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। साथ ही जो व्यक्ति एक बार इस मिठाई को चलता है, उसे बार-बार इस मिठाई की याद दिलाता है। दुकान के मालिक सेठ जी शाह बताते हैं कि वह रोजाना लगभग 8000 से 10000 रु की मिठाई बेचते हैं। साथ ही दुकान आज की नहीं बल्कि 10 साल पुरानी है वह ठेले में यह मिठाई बेचते हैं।
सेठ जी शाह का कहना है कि वे कभी भी शुद्धता और साफ सफाई से कंप्रोमाइज नहीं करते यही कारण है कि आज उनकी दुकान में केवल लालमोहन की भीड़ दिखाई देती है। लोग मिलो दूरी तय करके केवल इस मिठाई के लिए आते हैं।
ऐसे बनाई जाती है इस मिठाई को
आपको बता दें लालमोहन को बनाने के लिए खोया, मेवा, पनीर, मैदा, चीनी, घी, छेना, बेकिंग सोडा, इलायची जैसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। लालमोहन देखने में एकदम गुलाब जामुन की तरह दिखाई देता है, परंतु इसका स्वाद गुलाब जामुन से हटकर कुछ अलग ही है।
यह मिठाई गरम-गरम परोसी जाती है। सेठ जी शाह की होटल में आए ग्राहक बताते हैं कि सेठ जी शाह की इस मिठाई में अलग ही स्वाद मिलता है। ऊपर से लाल देखने वाला यह लालमोहन अंदर से हल्का सफेद कलर का होता है।
देखने में यह पूरी तरह काले रसगुल्ले की तरह दिखाई देता है, परंतु इसके स्वाद में गुलाब जामुन दूर-दूर तक नहीं आता। ग्राहक कहते हैं कि इस मिठाई का स्वाद मुंह में इस तरह जम जाता है कि बार-बार इस मिठाई को खाने का मन होता है।
सभी दुकानों से अलग है सेठ साह होटल का लालमोहन
बताया जा रहा है कि गोपालगंज के पोस्ट ऑफिस के आसपास ढेरों दुकानें हैं। जो लालमोहन भेजते हैं परंतु सेठ जी साह की दुकान का लालमोहन सभी दुकानों से भिन्न है। सेठ जी शाह बताते हैं कि लालमोहन मिठाई बिहार की सबसे यूनिक मिठाई है, इसका स्वाद अन्य मिठाइयों से काफी भिन्न है।
इसका स्वाद लाजवाब होता है, इसीलिए लोग बार-बार इस मिठाई को खाते हैं और तारीफ करते हुए नहीं थकते। वे बताते हैं कि एक पीस मिठाई की कीमत लगभग 10 Ru. होती हैं। इसका स्वाद गरमा गरम खाने में और भी ज्यादा बढ़ जाता है। मार्केट में लालमोहन मिठाई की कई सारी वैरायटी या मिलने लगी है।