एक किसान ने खेती के साथ-साथ बीजों का व्यवसाय शुरू किया, अब करोड़ों में कमाई होने लगी

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Gurbir Singh
Farmer started seeds business along with farming and now earning in crores. Punjab farmer Gurbir Singh seeds business giving good income.

Amritsar: हम सभी को अक्सर यह खबरे सुनने मिलती है कि दिन प्रतिदिन किसानो की समस्या और भी बढ़ती जा रही हैं। किसान खेती में दिन रात कड़ी मेहनत करके इसी उम्मीद में रहते हैं, कि मुझे इस मेहनत के परिणाम के रूम में अच्छा मुनाफ़ा होगा। परंतु ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है।

हम देखते हैं कि उनको नुकसान ही होते जाता हैं। लेकिन किसान कभी-कभी कुछ ऐसा करके दिखाते है, कि जो एक चमत्कार से कम नहीं होता है। ऐसा ही चमत्कार एक युवक जिनका नाम गुरबीर सिंह (Gurbir Singh) हैं उन्होने किया है। गुरबीर सिह अमृतसर (Amritsar) पंजाब के राजपूता गांव के रहने वाले हैं। वह आज अपने खेती से जुड़े इस बिजनेस में इतना संभल गये है कि आज वह इस खेती से ही करोडो रुपये की कमाई कर रहे हैं।

गुरबीर सिंह को उनके पिता के गुजर जाने के बाद से अपने परिवार की सारी जिम्मेदारी उठानी पड़ी थी। तब से उन्होने कम उम्र मे ही बिजनेस की शुरुआत कर ली थी। आइए आज हम इस पोस्ट के जरिए आपको गुरबीर सिह की कहानी के बारे में जानकारी देते हैं कि उन्होने अपने इस खेती के बिजनेस (Farming Business) को कैसे किया।

पिता के जाने के बाद पारंपरिक सब्जी की खेती करना किया प्रारंभ

गुरबीर सिंह कहते है कि जब उनके पिता की मृत्यु हुई, तब उनकी पढ़ाई चल रही है। परन्तु उनके पिता की मौत के बाद गुरबीर सिह का परिवार बहुत अधिक कर्ज मे डूब गया था। इस कर्ज से छुटकारा पाने के लिए उन्होने पारंपरिक सब्जी की खेती करना प्रारंभ कर दिया।

आपको बता दें कि लगभग 2.5 एकड़ जमीन ही गुरबीर सिह के परिवार वालों के पास थी। लेकिन इतनी कम जमींदार पर भी उन्होने कुछ ऎसा चमत्कार किया कि पंजाब कृषि विश्वविधालय मे जाने का उन्हें चान्स मिला। यही से उनकी लाइफ़ अचानक बदल गयी।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय से हाइब्रिड मिर्च के बीजो के बारे में प्राप्त की जानकारी

आप सभी को पता ही होगा कि पंजाब कृषि विश्वविधालय काफी नई तरीके से खेती की जानकारी के लिए जाना जाता है। यहा पर विभिन्न प्रकार से किसानो की मदद कि जाती हैं।

गुरबीर सिह कहते हैं कि जब वे वहा गए तब वह पंजाब विश्व विधालय के कृषि सेवा योजना को सम्भालने वाले सलाहकार डॉ नरिंदरपाल सिंह से मिले। गुरबीर सिंह ने वहा हाइब्रिड मिर्च के बीजो (Hybrid Chili Seeds) के बारे में जानकारी प्राप्त की। गुरबीर को यहा की बीजो के हाइब्रिड किस्म बहुत पसंद आयी।

हाइब्रिड किस्म के बीजों से बीमारियों का खतरा कम तथा पैदावार हुई ज्यादा

गुरबीर बताते हैं कि हाइब्रिड किस्म के बीजो (Hybrid Seeds) मे मिर्ची के पौधे की जीवन प्रक्रिया तथा मिर्ची का टेस्ट बहुत अच्छा था। मिर्च मे फंगस अनेक प्रकार के किटो, तथा कई बिमारियो के संक्रमण का खतरा भी बहुत कम था। मिर्ची की पैदावार भी बहुत बढिया थी।

इस हाई क्वलिटी वाली हाइब्रिड मिर्च की खेती करने की सारी प्रक्रिया गुरबीर ने विश्वविद्यालय से सीख ली। उन्होने एक तरफ गोबिनपुरा नर्सरी की स्थापना भी की। जिसकी मदद से वह दूसरे किसानो को बीज और पौधे बेच पाए।

साथ ही दुसरी तरफ़ अपनी पारंपरिक खेती को जारी रखा। जिसमे गोभी, टमाटर, फ़ूलगोभी और अन्य सब्जियो को उगाया। सभी प्रकार की खेती के आइडिया से उनका नया बिजनेस बनकर तैयार हो गया।

कई समस्या का सामना कर बना ली 25 एकड़ जमीन

गुरबीर सिंह बताते हैं कि उन्हे खेती के बिजनेस मे कई कठिनाईयो से गुजरना पड़ा। लेकिन कठिनाई के बाद सफलता मिली और आज की बात करे, तो उनके पास करीब 25 एकड़ की जमीन हों गई है।

इसके अलावा उनके पास 18 एकड़ जमीन की नर्सरी भी है। जिसमे वह सभी प्रकार की सब्जिया उगाते हैं। अपने बिजनेस से वह आज करोडो रुपये कमा रहे है। उनके इस बिजनेस मे अच्छे क्वालिटी तथा बेहतरीन पैदावार होती है, जिससे उनकी कमाई कई गुना बढ़ गई

Money Presentation Image

गुरबीर के द्वारा उगाए गए बीजो की गुणवत्ता को किसानों ने पहचाना और उसका लाभ भी उठाया। गुरबीर सिह की इस मेहनत को देखकर अन्य किसानो ने उनकी तारीफ़ की तथा किसानो के बीच गुरबीर सिंह का विश्वास भी बन गया।

कोई भी बिजनेस किसी के दबाव में आकर नहीं करना चाहिए

गुरबीर कहते हैं कि फ़ायदा और नुकसान तो सभी बिजनेस मे होता ही है। हमारी प्रोफेसनल लाइफ़ मे चुनौतीया तो चलती रहती है। मगर इन सबसे सामना कर हमे आगे बढ़ना होता है। वह कहते है हम किसी के दबाव मे आकर किसी भी प्रकार की चुनौतीया का सामना तो नहीं कर सकते हैं।

बिजनेस के लिए हमारे अंदर काम के प्रति लगन, ईमानदारी तथा कड़ी मेहनत का होना आवश्यक है। हमारे हमारे अगर यह सब है, तो कितना भी संकट क्यो ना हो हम सबका सामना कर सकते हैं।

गुरबीर के मुताबिक आज के समय की सभी युवा पीढी़ नौकरी के चक्कर मे अपनी खेती को छोड़कर शहर भागते है। मगर वह यह नहीं सोचते हैं कि हमारी भारतीय अर्थवयव्स्था सुधारने मे खेती ही सहायता कर सकती है। इसलिए लोगो को अपनी खेती के प्रति विश्वास खोना नहीं चाहिए तथा इस ओर अपना कदम बढ़ाना चाहिए।

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