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Shimla: हिमाचल प्रदेश के एक मेकेनिकल इंजीनियर ने कुवेत में 20 मिलियन, भारतीय मुद्रा में 45 करोड रुपया की लॉटरी के विजेता रहे है। 48 वर्षीय दिलीप परमानंद इस लॉटरी के 30 वे विजेता है। अक्सर कुवैत में महजूज सुपर संडे लॉटरी का आयोजन होता है, जिसमें वे काफी समय से अपना लक आजमाने की कोशिश कर रहे थे।
यह मजजूज सुपर संडे लॉटरी 102 वे नंबर की थी, जिसमें दिलीप (Parmanand Dalip) करोड़पति बने। 48 वर्षीय दिलीप परमानंद तीन बच्चों के पिता है और वह काफी लंबे अरसे से इस लॉटरी में हिस्सा ले रहे हैं, परंतु जब उनकी लॉटरी लगी तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ कि सच में वे विजेता है।
हर व्यक्ति चाहता है कि उनका जीवन जैसे तैसे बीत गया, परंतु उनके बच्चों को अच्छा भविष्य मिले इसीलिए वे इस लॉटरी के लगने से काफी खुश हैं और वे यह भी मानते हैं कि इन पैसों से उनके बच्चों का भविष्य सबर सकेगा। ऐसा है कि वह पूरे जीवन भी कमाते तो भी इतना धन नहीं जुटा पाते। आइए आगे के लेख में जानेंगे कि दिलीप परमानंद इन पैसों को किस तरह उपयोग करना चाहते हैं।
रातों-रात किस्मत बदली
कहते हैं जब अच्छा समय आता है, तो व्यक्ति क्षणभर में वह हासिल कर लेता है, जिसकी उसे उम्मीद भी नहीं होती ऐसा ही कुछ कुवैत में रह रहे एक भारतीय मैकेनिकल इंजीनियर (Indian Mechanical Engineer) के साथ हूं।
वे बताते हैं कि उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि वह इस लकी ड्रा से करोड़पति बन सकेंगे। उन्हें अपनी आंखों पर जरा भी भरोसा नहीं हो रहा था, जब उनके पास महजूज सुपर संडे लॉटरी (Mahzooz Super Saturday Lottery Jackpot Kuwait) की तरफ से ई-मेल पर मैसेज भेजा गया, उन्होंने जब पूरा मैसेज पढ़ लिया, तब उनकी आंखों को भरोसा हुआ कि वह 350 एएफ के मालिक बन गए हैं। वे कहते हैं कि अब उनके परिवार के हर सपने पूरे होंगे जो उन्होंने वर्षों से अपने मन में बसा रखे हैं।
पूरे जीवन में इतना धन नहीं कमा पाते
दिलीप परमानंद (Dalip Parmanand) कहते हैं कि वह अपनी पत्नी और 25 वर्षीय, 23 वर्षीय, और 20 वर्षीय बच्चों के सपनों को पूरा करना चाहते हैं। साथ में अपने बूढ़े माता-पिता का अच्छी तरह ख्याल रखना चाहते हैं और इन पैसों का वे अपने परिवार की खुशियों के लिए उपयोग करना चाहते हैं।
वे कहते हैं कि इतना धन तो वे पूरा जीवन बीत जाता तो नहीं कमा पाते, उन्होंने इस लॉटरी (Lottery) के लिए काफी समय से प्रयास कर रहे हैं। अब जब ईश्वर ने उनकी सुनी है तो वे इस धन को अपने परिवार पर खर्च करना चाहते हैं।
दुनिया में घूम कर करना चाहते हैं अपना सपना पूरा
दिलीप परमानंद कहते हैं कि जब वे पढ़ाई कर रहे थे तभी उन्होंने पूरी दुनिया घूमने का सपना देखा था, आज वह अपने परिवार के साथ इस सपने को पूरा करना चाहते हैं।
वे अमेरिका यूरोप और गल्फ जैसे देशों में घूम कर अपने जीवन के इस सपने को साकार करना चाहते हैं। इससे पहले वह चाहते हैं कि वह अपने लिए एक आईफोन ले जो उनका काफी पुराना सपना है। इस लॉटरी के बाद वे अपने जीवन को पूरी तरह से आराम से भरना चाहते हैं।
जीवन कभी भी बदल सकता है
दोस्तों इस लेख से एक सीख मिलती है कि जीवन भले ही छोटा है, परंतु समय बड़ा बलवान होता है, कब किसके जीवन में क्या बदलाव आ जाए वह कोई नहीं जान सकता।
कुछ बदलाव ऐसे भी होते हैं कि इंसान कम उम्र में ही दुनिया छोड़ देता है और कुछ बदलाव ऐसे होते हैं कि उम्र बढ़ने के बाद भी जीवन में कामयाबी खत्म नहीं होती। हमारे सामने एक बहुत अच्छा उदाहरण है दिलीप परमानंद जो 48 वर्ष के होने के बाद भी उनके अंदर अपने परिवार के सपनों को पूरा करने का हौसला था।