Noida: केसर (Saffron) ठंडे प्रदेशों में उगने वाला उत्पाद है। अकसर केसर का उत्पादन कश्मीर या फिर हिमाचल प्रदेश के ठंडे प्रदेशों में होता हुआ सुना है। आपको बता दें कि सर एक बहुत ही महंगा होता है, जो छोटी-छोटी दब्बियों में बंद हजारों रुपए की मिलती है।
Benefits Of Saffron: अक्सर इसके सर का इस्तेमाल डिसर्ट में किया जाता है। केसर के काफी सारे फायदे हैं। केसर का बना दूध अक्सर गर्भवती महिलाओं को दिया जाता है, जिससे उनका बच्चा सुंदर और गोरा पैदा हो सके। साथ ही गर्भधारण करने वाली महिला की इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत हो सके।
केसर का इस्तेमाल लगातार करने से स्वस्थ व्यक्ति भी हमेशा स्वास्थ्य रहता है और उसका रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। यदि किसी को आंखों की रोशनी कम होने की समस्या है, तो व्यक्ति लगातार केसर के इस्तेमाल करके इस समस्या को दूर कर सकता है।
इसी प्रकार केसर से ढेर सारे फायदे हैं। जैसे अनिद्रा, वजन कम करने में, कैंसर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए और सबसे खास महिलाओं के मासिक धर्म में हो रही परेशानियों से निजात पाने के लिए केसर का इस्तेमाल किया जाता है।
ठंडे प्रदेश का केसर उग रहा है गर्म प्रदेश में
दोस्तों केसर की खेती (Kesar ki kheti) उन्हीं इलाकों में होती है, जहां केसर की खेती के लिए अनुकूल वातावरण होता है। इसके लिए विशेष प्रकार की मिट्टी तैयार की जाती है। उसके बाद ही हमें केसर प्राप्त होती है।
ऐसे में हम कहें की केसर गर्म प्रदेशों में भी उग सकती है, तो शायद आपको हैरानी हो परंतु आपको बता दें यह सच है कि कश्मीर जैसे ठंडे इलाकों में उगने वाली केसर अब नोएडा (Noida) जैसे गर्म शहरों में भी उग रही है। जी हां दोस्तों नोएडा के रहने वाले रमेश गैरा ने इस कारनामे को अंजाम देकर कमाल ही कर दिया।
आपको बता दें रमेश गेरा (Ramesh Gera) नोएडा में एक 10 बाय 10 के कमरे में केसर की खेती कर रहे हैं। और इससे लाखों रुपए कमा रहे हैं। आपको बता दें यह केसर 300000 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिकती है और सबसे अच्छी केसर कश्मीर की मानी जाती है।
टेक्निक का किया इस्तेमाल
दोस्तों कृषि विज्ञान ने काफी ज्यादा तरक्की कर ली है, कृषि विज्ञान के क्षेत्र में भी काफी ज्यादा क्रांति देखने को मिली है। लोग आधुनिक खेती और तकनीक का इस्तेमाल करके ठंडे प्रदेशों में उग ही चीजों को भी सामान्य प्रदेश में उठा लेते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है नोएडा के गौतबुधनगर के रहने वाले इंजीनियर रमेश गेरा (Engineer Ramesh Gera) ने।
इन्होंने सबसे पहले केसर की खेती के लिए एक 10 बाय 10 के कमरे को कश्मीर जैसी ठंडक के साथ वहां की जलवायु का निर्माण किया। उसके बाद कश्मीर के जिस इलाके में केसर की खेती होती है, उस इलाके से मिट्टी लाकर केसर की खेती प्रारंभ की। इस प्रकार उन्होंने कश्मीर की केसर को नोएडा में उगाया। साथ ही इस खेती से वे लाखों रुपए का फायदा कमा रहे हैं।
कोरिया का प्रशिक्षण नोएडा में प्रयोग कर सफल किया
बताया जा रहा है कि रमेश गेरा इलेक्ट्रिक इंजीनियर के पद से रिटायर हो चुके हैं। इस समय उनकी उम्र लगभग 64 वर्ष है। उन्होंने नोएडा में एडवांस फॉर्मिंग की मदद से केसर उगाने का प्रयास किया परंतु प्रयोग के 2 साल तक वह असफल रहे। असफलता के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और वे लगातार इस पर प्रयास करते रहना चाहते थे।
नोएडा में 100 स्क्वायर फिट के कमरे में केसर उगाकर लाखों रुपये महीना कमा रहे रमेश गेरा! आप भी सीख सकते हैं यह तकनीक!#KesarFarming #Farming #NITEngineer #BusinessIdea #KesarBusiness pic.twitter.com/WOawNUSxD0
— द बेटर इंडिया (The Better India – Hindi) (@TbiHindi) April 14, 2023
अगला प्रयास करें इससे पहले उन्होंने सोचा कि क्यों ना कश्मीर की केसर (Kashmir Kesar) उगाने के लिए उसके बारे में रिसर्च किया जाए। उन्होंने रिसर्च की उसके बाद दोबारा केसर हो गई, तो वह सफल हुए। वे कहते हैं रिसर्च के पश्चात उन्हें केसर की खेती में काफी अच्छी उपज प्राप्त हुई, जिसका मार्केट में मूल्य भी अच्छा मिला।
किसानों का मसीहा है रमेश गेरा
बताया जा रहा है कि रमेश किसान वर्ग के लोगों के लिए कुछ बेहतरीन करना चाहते हैं किसानों को हर आधुनिक चीजों को बता कर उन्हें प्रशिक्षण देना चाहते हैं। उनका उद्देश्य केवल कृषि क्षेत्र में नवीन क्रांति लाना है।
रिटायरमेंट के बाद कुछ अलग करने का जज्बा था। फिर क्या रमेश गेरा ने नोएडा में ही उगा दी कश्मीर की केसर। @noida_authority @rituias2003 @myogiadityanath @icarindia #Noida #NBT #BreakingNews #UPDATE #kesar pic.twitter.com/kydJ8Otvzi
— Raghav Tiwari (@Raghav_tiwari_) May 20, 2023
रमेश हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं और वे अपने आसपास के किसानों को हाइड्रोपोनिक्स खेती ऑर्गेनिक खेती और सॉइल्लेस मल्टीलेवल खेती के फायदे बारे में बताकर उन्हें प्रशिक्षित करते हैं।
हरियाणा के ढेरों किसान रमेश से प्रशिक्षण लेने के लिए उनके पास जाते हैं। इसके साथ रमेश हरियाणा के जेल में बंद कैदियों को भी खेती सिखा कर उन्हे नेकी की राह पर लेकर आ रहे हैं। केसर के साथ-साथ दे सब्जियां भी ऊगाते हैं।