ऐसा शिव मंदिर जिसे दुनिआ का आठवां अजूबा भी कहा जाता है, इसे बनाना इंसान के बस की बात नहीं

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Brihadisvara Temple Thanjavur Tamilnadu Mystery in Hindi. Where is the Brihadeshwar temple built during the Chola period located? Thanjavur in the Indian state of Tamil Nadu. RajaRajeswara Temple and Rajarajeswaram. Brihadisvara Temple Thanjavur Facts and Story: Ek Number News

आज भारत मे आपको ऐसे ऐसे मंदिर मिल जाएंगे जो हजारो साल पुराने है और बेहद ही रहस्यमय है। इसका जबाब किसी के भी पास नही है कि उन्हें बनाया कैसे गया और कुछ मंदिर तो ऐसे है जो आर्करटेक्चर का बेमिसाल नमूना है। वैज्ञानिको को भी ये मानने पर मजबूर कर दिया है कि प्राचीन विज्ञान भी आज की विज्ञान से कोई कम नही थी। जिसे दुनिआ का आठवां अजूबा भी कहा जाता है।

हम ऐसे शिव मंदिर की बात बता रहे है जिसे 1000 साल पहले बनाया गया था और आज भी कुछ दुबारा ऐसा नही बनाया जा सका। बृहदीश्वर (Brihadisvara Temple) मंदिर जो कि स्थित है तमिलनाडु में। यह मंदिर 10वी शतावदी में बनाया गया था। इसे बनवाया गया था राजा चोला के द्वारा इस मंदिर की ऊँचाई लगभग 60 मीटर है इसे दुनिया का सबसे ऊंचा मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर की सबसे हैरान कर देने वाली बात यह है कि इसे ग्रेफाइट पत्थरो को काटकर बनाया गया है। ये सबसे सख्त पत्थर होते है।

शिव मंदिर सबसे बड़ा रहस्य

लगभग 60 किलोमीटर के दायरे में ऐसी कोई भी चटटान नही है जहाँ से ये पत्थर लाये जा सके। सबसे बड़ा रहस्य है, इस मंदिर की चोटी पर रखा पत्थर जिसका वजन 80 हजार किलो है, इसे कुम्भन कहा जाता है। वैज्ञानिक इस बात पर माथा पच्ची कर रहे है की इतना भारी पत्थर इतनी ऊंचाई पर बिना आज की तकनीक से पहुचाया कैसे गया होग।

इस मंदिर की कोई भी नीव नही है

इस Brihadisvara Mandir मंदिर को बनाने में कोई भी जोड़ने वाली चीज का इस्तेमाल नही किया गया। न किसी सीमेंट न किसी ओर। कुछ पत्थरो के ब्लॉक को ही इस तरह काटा गया है कि वो एक दूसरे के बीच फिट हो सके। ये जानकर भी हैरानी होगी कि इस मंदिर की कोई भी नीव नही है, यानी इस मंदिर को खोदकर नीचे से नही बनाया गया बल्कि सपाट मैदान पर बनाया गया है। पिछले 1000 सालों में लगभग 8 बड़े भूकंप भी इस मंदिर में दरार भी नही ला सके।

आज पश्चमी भागो में बनी हुई इमारते कुछ ही सालो में टेट्टी हो रही है जिसका उदाहरण पिसा की टेट्टी टावर और इंग्लैंड की टावर भी शामिल है फिर भी यह शिव मंदिर आज भी बलकुल सीधा उसी तरह से जैसे 1000 साल पहले था यह मंदिर सबूत है भारत की प्राचीन और अत्याधुनिक विज्ञान का। आप भले ही पश्चमी देशो की विज्ञान को विकसित मानते हो लेकिन ये सबूत आज भी गवाही दे रहे है, हमारी प्राचीन विज्ञान अतिविकसित थी।

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