
Madhubani: दोस्तों हर युवा का सपना होता है कि वे अच्छी तरह पढ़ लिखकर किसी अच्छे पद पर नौकरी करें। सभी युवाओं की सोच अलग-अलग होती है। कुछ लोग सरकारी नौकरी की सोच के इर्द गिर्द के घूमते रहते हैं, तो कुछ व्यापार करने के बारे में सोचते हैं। भारत में यूपीएससी की परीक्षा हर वर्ष आयोजित की जाती है जिसमें लाखों में द्वार उस परीक्षा में चयनित होने के सपने के साथ बैठते हैं।
उन उम्मीदवार में मात्र गिनी चुनी उम्मीदवारी होते हैं, जो इस परीक्षा के लिए चयनित होते हैं इसका कारण यह है कि यह परीक्षा देश में आयोजित सभी परीक्षाओं में से सबसे ज्यादा कठिन परीक्षा मानी जाती है। यूपीएससी की परीक्षा (UPSC Exam) में 3 चरण होते हैं, पहला प्रारंभिक परीक्षा दूसरा मुख्य परीक्षा तीसरा साक्षात्कार यदि उम्मीदवार एक भी परीक्षा में रह जाता है, तो उसे दोबारा से नए सिरे से शुरुआत करनी होती है।

यूपीएससी के उम्मीदवारों को एक बार नहीं बल्कि पांच-पांच बार में सफलता मिल पाती है। परंतु आज एक ऐसे युवक की बात करेंगे, जिसमें मात्र 22 साल की उम्र में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की जिनका नाम मुकुंद ठाकुर है, तो चलिए जाने आईएएस अधिकारी मुकुंद ठाकुर (IAS Officer Mukund Thakur) की सफलता की कहानी के विषय में।
मुकुंद ठाकुर की सफलता की कहानी
जानकारी के अनुसार आपको बता दें मुकुंद ठाकुर बिहार (Bihar) राज्य के मधुबनी (Madhubani) जिले के अंतर्गत आने वाला गांव बरुआर के रहने वाले है। मुकुंद बचपन से ही काफी होनहर रहे है। उनका सपना था आर्मी में जाकर देश की सेवा करना जिसके लिए उन्होंने काफी कठिन परिश्रम किया। आर्मी के लिए उन्होंने अपने घर से बहुत दूर असम के गोलपाड़ा सैनिक स्कूल में अपना एडमिशन कराया उस वक्त वे कक्षा 5 में थे।

उन्होंने लगातार 7 वर्ष तक प्रयास किया। जब बे 17 अट्ठारह वर्ष की उम्र में पूरी तरह तैयार थे और उनके फेल होने का कोई चांस नहीं था उस वक्त पर आर्मी की परीक्षा में फेल हो गए। उनके बचपन का सपना कुछ ही क्षणों में चकनाचूर हो गया। इस वक्त उनकी मां ने उनका साथ दिया और उन्हें हौसला दिया इसके बाद वे यूपीएससी की परीक्षा के लिए प्रेरित हुए और उन्होंने तैयारी प्रारंभ कर दी।
मुकुंद बताते हैं कि यूपीएससी उनकी पहली प्राथमिकता कभी नहीं रही वह हमेशा से आर्मी के फैन थे और आर्मी में ही जाना चाहते थे, परंतु उन्हें यूपीएससी के माध्यम से देश सेवा करने का मौका मिला तो उन्होंने इसे जाया नहीं किया।
डिफरेंस परीक्षा में परमानेंट रिजेक्शन मिला
मुकुंद ठाकुर बताते हैं कि उन्होंने काफी वक्त तक मेहनत करके आर्मी में सिलेक्शन के लिए किए परंतु उनका लक यहां सही नहीं था। वर्ष 2015 में उन्होंने आर्मी स्कूल से कक्षा 12वीं की पढ़ाई कंप्लीट की उसके बाद वर्ष 2016 में नेवी की परीक्षा देने गए उन्होंने परीक्षा पास कर ली।
इसके बाद वे 5 दिन के इंटरव्यू के लिए पहुंचे वे बताते हैं कि 92 उम्मीदवारों में से केवल वे थे, जिनका चयन आगे हुआ था, परंतु नेवी का आखिरी टेस्ट यानी मेडिकल टेस्ट में वे रिजेक्ट हो गए। रिजेक्ट भी ऐसे वैसे नहीं बल्कि उन्हें परमानेंट रिजेक्ट किया गया, क्योंकि उनकी आंखों में एक काफी छोटा टिशु नहीं बना था।
First call-on. Kerala secretariat, Trivandrum. #Kerala pic.twitter.com/QNFPwxUJa3
— Mukund Thakur, IAS (@mukund_ias) April 23, 2021
उन्हें अपनी आंखों में कोई परेशानी नजर नहीं आती थी, वे सब देख सकते थे सब चीज ठीक थी परंतु उन्हें अनफिट घोषित करके रिजेक्ट कर दिया गया। मुकुंद बताते हैं कि उन्हें थल सेना वायु सेना और जल सेना तीनों पद के लिए परमानेंट अनफिट कर दिया।
बड़े अधिकारी से मिली यूपीएससी परीक्षा की प्रेरणा
मुकुंद बताते हैं कि जब उन्हें इस परीक्षा के आखिरी स्टेज में फेल किया गया तो वह काफी ज्यादा हताश हो गए थे। उन्होंने उन अधिकारी से बात की जिन्होंने उन्हें रिजेक्ट किया था। मुकुंद ने उन्हें कहा कि उनके अंदर किसी भी प्रकार की कमी नहीं थी। यह छोटी सी कमी जिसके बारे में उन्हें कभी आवाज भी नहीं हुआ उस वजह से वे अपने देश सेवा के सपने से काफी दूर हो गए हैं। इस घटना में मुकुंद की क्या गलती थी।
Called on Honourable Governor of Kerala, Shri Arif Mohammad Khan Ji at Raj Bhawan. pic.twitter.com/9Yxc9qXhhe
— Mukund Thakur, IAS (@mukund_ias) November 4, 2021
उन्होंने यहां तक भी कहा कि अब वे आगे क्या करेंगे। तब उन्हीं ऑफिसर ने मुकुंद को यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के लिए कहा जिन की बात मानकर मुकुंद ने यूपीएससी की तैयारी प्रारंभिक की और पहले ही प्रयास में उन्होंने अपनी सफलता के झंडे गाड़ दिए।
मां के मोटिवेशन से हुआ उनका सपना पूरा
मुकुंद बताते हैं इस घटना के बाद उनकी मां चाहती थी कि वह सरकारी नौकरी करें फिर चाहे वह नौकरी कितनी भी छोटी क्यों ना हो परंतु नौकरी सरकारी ही होनी चाहिए। इसीलिए मुकुंद ने कक्षा बारहवीं के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में इंग्लिश ऑनर्स में एडमिशन लिया।
At India Gate, New Delhi. pic.twitter.com/oroHgwuOGJ
— Mukund Thakur, IAS (@mukund_ias) October 11, 2022
उनका मानना है कि इंग्लिस ऑनर्स काफी अच्छा और सरल सब्जेक्ट है, इसकी कम तैयारी में भी अच्छा रिजल्ट बनाया जा सकता है और प्रतियोगी परीक्षा के लिए पर्याप्त टाइम भी मिल जाता है, इसीलिए उन्होंने इस विषय का चयन किया और साथ में यूपीएससी की तैयारी करते रहे। वर्ष 2020 में मुकुंद ने 54 वा रैंक लाकर आईएएस पद के लिए चयनित हुए।



