Lucknow: अगर आप एकाग्रता के मन से मेहनत करते हैं, तो आपकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो आप आसानी से सफलता पा सकते हैं। कभी भी सफलता अमीरी गरीबी को नही देखती। आपके मजबूत इरादे आने वाली मुश्किलों से लड़ने की ताकत देती हैं। बेहतर भविष्य के लिए जरूरी है कि आप कड़ी मेहनत करते रहें।
कहते है ना कि जब इरादा कुछ बड़ा करने का हो और उसके दृढ़ संकल्प भी गहरा हो, तो फिर कोई चीज आपको आपका मुकाम हासिल करने में बाधा नही बन सकती। मजबूत इरादें और लक्ष्य प्राप्त करने से पहले हार ना मानने के जुनून ने अपनी मंजिल से मिलवाया है। दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो मेहनत रंग लाती ही है।
उत्तर प्रदेश पीसीएस-2018 की परीक्षा (UPPCS 2018) में मेरठ जिले के कई होनहारों ने सफलता हासिल कर मेरठ (Meerut) का नाम रोशन किया है। किसी ने नौकरी (Job) में रहते हुए परीक्षा की तैयारी बनाए रखी, तो किसी ने सफलता पाने के लिए दिन-रात एक कर दिया। अपने-अपने क्षेत्र में जाकर अब ये युवा समाज के लिए कुछ अलग करना चाहते हैं।
कौन है अनपढ़ माँ की बेटी लता
यूपी पीसीएस-2020 परीक्षा (UPPCS 2020) में सफलता हासिल करने वाली लता के संघर्ष की कहानी (Struggle Story) किसी भी असफल और हार मार चुके व्यक्ति को मजबूत बना देगी। जो एक हार से अपने सपनो से पीछे हट गए है, उनके लिए ये कहानी हौसला बढ़ेगी। मेरठ की रहने वाली लता (Lata From Meerut) पीसीएस परीक्षा 2020 पास कर अब डीआईओएस (DIOS) यानी डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल बनने वाली है।
इनके संघर्ष की कठिनाई और कामयाबी की उड़ान जानकर आप गर्व करेंगे। अनपढ़ मां (Illiterate Mother) ने अपनी बेटी को आज डीआईओएस के पद तक पहुंचा दिया। वह इस सफलता का श्रेय अपनी मां और पति, दोनों को देती हैं। वह कहती हैं, मां ने सपनों को पंख दिया तो पति ने आकाश। लता अपने लक्ष्य के लिए संघर्ष कि 2018 में शादी हो गई।
मेरठ की रहने वाली लता ने यूपी पीसीएस-2020 में सफलता हासिल की है। उन्हें डीआईओएस पद (DIOS Post) मिला है। अक्सर बातें डीएम (DM) या या एसडीएम (SDM) पद पर चयनित होने वाले अभ्यर्थियों की होती हैं। लेकिन लता के संघर्ष कहानी (Struggle Story Of Lata) ऐसी है, जिससे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
उनकी शादी होने के बाद भी अपने सपनो को मन मे संजोय रखी। लेकिन इनका हौसला जरा भी कम नहीं हुआ। शादी के बाद उन्होंने 2019 और 2020 में लगातार पीसीएस परीक्षाएं पास कीं। 2019 में लता को डिप्टी जेलर का पद मिला था, तो इस बार डीआईओएस (DIOS) का पद मिल रहा है।
परिवार की आर्थिक स्थिति
लता बताती हैं कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण 12वीं के बाद ही उन्हें पोस्ट ऑफिस में क्लर्क की नौकरी करनी पड़ी थी। इतना पैसा नही था घर मे की अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके। लेकिन अपनी पढ़ाई को बंद नही होने दिया। पढ़ाई जारी रखी। प्राइवेट बीए और इसके बाद इग्नू से एमए किया।
इसके बाद उन्होंने 2015 में पहली बार पीसीएस की परीक्षा दी। पहले ही प्रयास में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचने में सफल रहीं। लेकिन फाइनल सेलेक्शन नहीं हो पाया। इस बीच उनकी पोस्ट ऑफिस में क्लर्क की नौकरी जारी रही। उन्होंने जॉब को छोड़ा नही। 2016 में दूसरा अटेंप्ट किया। लेकिन इस बार प्रारंभिक परीक्षा ही क्रैक नहीं हो पाई। तैयारी जारी रही। इस बीच साल 2018 में उनकी शादी भी हो गई।
पति के साथ ने पहुचाया मंजिल तक
शादी होने के बाद कई लड़कियां अपने सपनो से पीछे हट जाती है। घर की जिम्मेदारी में ही उलझ कर राह जाती है। लेखों यदि शादी के बाद परिवार और पति का साथ मील तो वो फिर एक बार अपने सपनो को उड़ान दे सकती है। लता ने बताया कि शादी के बाद उनके पति ने हर कदम पर सहयोग किया। 2019 पीसीएस में डिप्टी जेलर का पद मिला। इसका फाइनल रिजल्ट भी इसी साल आया है।
हालांकि इससे पहले वह डिप्टी जेलर के पद पर ज्वाइन करतीं, पीसीएस-2020 का फाइनल रिजल्ट आ गया। लता का कहना है उनके पति ने ये कहावत बदल दी कि हर सफल व्यक्ति के पीछे एक महिला का ही हाथ हो सकता है। क्योंकि मेरी सफलता के पीछे मेरे पति का हाथ है। उनके सपोर्ट से ही में इतना आगे बढ़ सकी। अपने सपनो को उड़ान दे पाई।
सफलता का मूलमंत्र
अधिकतर ऐसा होता है, जो नोकरी शादी से पहले कर रही है लड़कियां उसी पर आगे बढ़ती चली जाती है। लेकिन लता की कहानी इन सब के लिए प्रेरणा से भरी है। शादी के बाद पोस्ट ऑफिस में क्लर्क की नौकरी से ही ख़ुश रहती। लेकिन लता ने अपना अटल विश्वास बनाए रखा। और कामयाबी के उसी विश्वास का नतीज़ा है कि आज वो डीआईओएस बनने जा रही है। कामयाबी की इस लता पर सभी को फक्र है।
PCS officer becomes daughter of illiterate mother, not shaken even after marriagehttps://t.co/oMbRw1MZgd
— sanatanpath (@sanatanpath) July 30, 2021
लता आज कई अऩ्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है, जो शादी के बाद (After Marriage) परिस्थितियों के सामने हार मान जाती है। और किस्मत में जो लिखा था, ये सोचकर संतोष कर लेती हैं। कामयाबी की इस लता को नमन करता है। जिसने अपनी मंजिल को पाने के लिए हौसला नही हारा। धैर्य और कड़ी मेहनत से अपने सपनो को सच कर दिखाया।