वो IPS जो खु़द 7 साल सलाखों के पीछे रहा और रिहा होते ही सिंघम बन यह कारनामा कर दिखाया

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IPS Dinesh MN
Rajasthan Police 'Singham' IPS Officer Dinesh MN story in Hindi. This IPS officer spent 7 years in jail before he busted biggest bribery case: Ek Number News Story.

File Photo

Delhi: अगर किसी कारण ईमानदार इंसान को अपनी पहचान खोना पड़े, तो ये बात उससे अच्छी और कोई नही समझ सकता, इंसान को अपनी पहचान बनाने में कई सालों लग जाते है, फिर भी वो आम इंसान के बीच मे ही घूम रहता है। उस भीड़ से बाहर ही नही आ पाता। लेकिन एक शख्स ऐसा है, जिसने 7 साल जेल में रहने के बाद भी अपनी पहचान नही खोई।

इंसान के ऊपर लगा बद-नामी का एक दाग उसे पूरी तरह समाज से अलग कर देता है। ऐसे में यदि कोई इंसान किसी आधिकारिक पद पर बैठा हो और उसे 7 साल जेल में गुजारने पड़ जाएं, तो उसकी स्थिति के बारे में कल्पना भी नही की जा सकती कि उसके दिल पर क्या बीती होगी। लेकिन एक ऐसा IPS ऑफ़सर भी है, जो 7 साल जेल में रहा, लेकिन जब अपनी post संभाली तो रिश्वत-खोरों की नींद उड़ा कर रख दीं।

राजस्थान में एक IPS जो अब भ्र-ष्ट अफसरों के लिए यमराज बन गया है। दिनेश एमएन अब यह नाम ही काफी है। एक समय ऐसा था, जब दिनेश एमएन सात साल तक सलाखों के पीछे रहे। बाहर आने के बाद दिनेश ने राजस्थान निरोधक ब्यूरो की कमान संभाली और घूसखोर अफसरों से जेल के हालात ही बदल दिये, इस पर IPS दिनेश एमएन (IPS Officer Dinesh MN) का कहना है कि यह पहली बार है कि छह महीने में ही सरकार की किसी स्टेट एजेंसी ने रिश्वत-खोर एक IAS, एक IPS, सात RAS व तीन RPS को जेल पहुंचाया।

कलेक्टर-एसपी और कई आरएएस अधिकारी तो अभी भी सलाखों के पीछे हैं, उन्होंने कहा कि यूं तो घूस-खोरी लेने व देने वालों के खिलाफ राजस्थान एसीबी सालभर कार्रवाई करती रहती है, लेकिन महानिदेशक बीएल सोनी के निर्देशन में हमारी टीमें हर शिकायत को गंभीरता से ले रही हैं।

दिनेश ने अपनी पोस्ट को संभलते ही फिर बहुत तेजी से काम करना शुरू किया और राजस्थान में घूसखोर अधिकारियों की नींद उड़ा दी। सात साल बाद साल 2014 में जब ये जेल से बाहर आए तो कुछ समय में ही इन्हें राजस्थान एसीबी Rajasthan ACB में आईजी IG बनाया गया और एसीबी में आते ही दिनेश एमएन में फुल ईमानदारी से काम करना शुरू किया।

जानकारी के मुताबिक खनन विभाग के सचिव आईएएस अधिकारी अशोक सिंघवी को ढाई करोड़ के मामले में पकड़ा था। यह कार्यवाही राजस्थान एसीबी Rajasthan ACB के इतिहास की सबसे बड़ी कार्यवाही थी। इन्होंने राजस्थान एसीबी Rajasthan ACB में रहते हुए बहुत से ऐसे काम किए जिनके लिए इन्हें पूरे देश में इनकी अलग पहचान बन गई।

मात्र 6 महीनों के अंदर ही इन्होंने राजस्थान में 12 बड़े अधिकारियों को हिरासत में लिया। जिसमें आईएएस इंद्रसिंह राव बारां कलेक्टर, आईपीएस मनीष अग्रवाल एसपी दौसा,डीएसपी भैरूंलाल मीणा एसीबी सवाई माधोपुर, सपात खान, डीएसपी अलवर ग्रामीण, कैलाश चंद बोहरा, आरपीएस जयपुर और दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल, बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा शामिल थे।

दिनेश एमएन कहते हैं कि यूं तो घूस लेने व देने वालों के खिलाफ राजस्थान एसीबी सालभर कार्रवाई करती रहती है। कोई हमें एसीबी की हेल्पलाइन 1064 नंबर व वाट्सएप 9413502834 पर कॉल करके भी शिकायत कर सकता है। दिनेश एमएन मूलरूप से कर्नाटक के रहने वाले हैं।

दिनेश का जन्म छह सितम्बर 1971 को कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले की चिंतामणी तहसील के गांव मुनागनाहल्ली में हुआ। दिनेश एमएन नाम मे बहुत दिलचस्प बात छुपी हुई है, जो बहुत ही कम लोग जानते है, उनके नाम में एम का मतलब उनके गांव मुनागनाहल्ली और एन मतलब उनके पिता का नाम नारायण स्वामी है।

साल 1995 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन वर्तमान में राजस्थान एसीबी में एडीजी पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन में बीई की डिग्री प्राप्त की। आईपीएस बनने के बाद दिनेश एमएन ने साल 1999 में दौसा एएसपी के रूप में राजस्थान पुलिस में सर्विस स्टार्ट की। फिर करौली, झुंझुनूं, सवाईमाधोपुर, अलवर और उदयपुर में SP रहे।

साल 2005 में उदयपुर एसपी थे तब राजस्थान और गुजरात पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हिट्री-शीटर सोहराबुद्दीन शेख का एनका-उंटर किया गया। इसी केस में दिनेश एमएन सात साल जेल में रहे। जेल से रिहा होने के बाद पहली बार उदयपुर पहुंचे तब इनके स्वागत में लोगों ने सम्मान में कोई कमी नही छोड़ी।

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