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Barmer: देश में कई ऐसे लोग हैं, जो अपने कर्मो और नेट दिल की वजह से सभी का दिन जीत लेते है। अनेक बार ऐसा देखा गया है की लोगो के काम और निर्णय अन्न लोगो के लिए एक मिसाल बन जाते हैं। हमने अक्सर विवाह और अन्य समारोह पर देखा है की कुछ लोग अपने अच्छे कामो के चलते उदाहरण पेश कर देते है। ऐसा ही एक उदहारण राजस्थान के बाड़मेर में देखते को मिला है।
रेतीले प्रदेश राजस्थान के बाड़मेर शहर (Barmer City) में संपन्न हुई एक शादी (Marriage) में कन्यादान में एक पिता ने समाज के कन्या छात्रावास के लिए 75 लाख रु देने की घोषणा कर दी। बाड़मेर शहर में किशोरसिंह कानोड़ की बेटी अंजलि कंवर (Anjali) के विवाह समारोह पर बेटी अंजलि ने पिता की तरफ से गिफ्ट में दी जाने वाली राशि को समाज के कन्या छात्रावास के लिए देने की इच्छा बताई।
बेटी की डिमांड पर पिता को पहले आश्चर्य हुआ
फिर पिता (Father Kishor Singh) ने अपनी बेटी की विश एक्ससेप्ट करते हुए राजपूत समाज कन्या छात्रावास (kanya chatrawas) के लिए यह राशि देने की हामी भर दी। ऐसे में पिता ने यह बात लड़के वालो को बताई, तो वर पक्ष से केप्टिन हीरसिंह भाटी ने भी इसे तुरंत मान लिया।
शादी के दिन समारोह में उपस्थित सही बारातियों-मेहमानों के सामने तारातरा मठ के महंत स्वामी प्रतापपुरी शास्त्री ने इसे समाज के लिए अच्छा कदम बताते हुए कहा कि धन को समाज हित में लगाना और कन्यादान (Kanyadan) के वक्त कन्या छात्रावास (Girls Hostel) की बात कहना अपने आप में समाज को प्रेरित करने का उदाहरण है।
शादी के उपलक्ष में यह नई मदत अब मिसाल
आगे उन्होंने कहा कि इससे पूर्व किशोरसिंह कानोड़ इस छात्रावास के लिए एक करोड़ से अधिक की मदत भी कर चुके है और अब यह बेटी की शादी के उपलक्ष में यह नई मदत अब मिसाल है। ऐसा पिता सभी को मिले, यह इस्वर से प्राथना है।
किशोरसिंह ने कहा कि उनकी बेटी की यह ख्वाइस थी और उसने कहा था कि कन्या छात्रावास के लिए राशि प्रदान दी जाए। इस पर मैने उसके अच्छे और समाजहित के सलाह को प्राथमिकता देते हुए तुरंत यह राशि देने की हामी भर ली। यह समाज के हित में होगा और बेटियां को मन से संतुष्टि भी मिलेगी।
वर पक्ष ने भी हामी भरते हुए ख़ुशी ज़ाहिर की
लड़के के परिवार वालों ने भी कहा की बेतिया हमारे घर बहू बनकर आ रही है। उन्होंने अपनी ऎसी नेक इच्छा रखी, यह जानकार बड़ी खुशी हुई। समाज के हित में यह कार्य करने की इच्छा और वो कन्याओं के लिए छात्रावास का ध्यान रखने का मन बनाना बहुत अच्छी बात है और एक मिसाल है। इससे बड़ा काम क्या हो सकता है। हमने अपनी बहू (Daughter in Law) की इच्छा को पूरी अहमियत दी है।




