बिहारी शहद के दीवाने हुए विदेशी, मांग बढ़ी तो सरकार इन 3 जिलों में शहद प्रोसेसिंग प्लांट बना रही

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Bihar Honey Plant
Bihar's honey is in highest demand in America and Japan. Bihar Government Will Build Honey Processing Plants In These Three Districts.

Honey Demo Photo

Patna: पूरी दुनिया में शहद का सेवन किया जाता है। शहद दवाई से लेकर मिठाई बनाने में भी इस्तेमाल होता है। भारत में लगभग सभी शहरो में शहद का उत्पादन और कारोबार हो रहा है। शहद को मधुमक्खियों के छत्तों से प्राप्त किया जाता है। ऐसे ही बिहार में भी शहद का उत्पादन किया जाता है।

बिहार के शहद की मांग पड़ोसी राज्यों में तो है ही, अब विदेशों में भी बिहार के शहद को पसंद किया जा रहा है। बहुत से लोग बिहार से शहद को विदेशों में दुप्पली कर रहे हैं। मधु निर्यात की अपार संभावनाओं को देखते हुए बिहार सरकार ने विशेष मधु उत्पादन एवं विपणन नीति बनाई है। सरकार बिहार के शहद उत्पादकों को एक मंच पर लेन की योजना बना रही है।

शहद उत्पादन के क्षेत्र में पूरे देश में बिहार का नाम टॉप राज्यों में आता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ बिहार ने साल 2010 से लेकर अब तक शहद उत्पादन में कई गुना इज़ाफ़ा किया है। हालिया समय में बिहार में 18 हजार से 20 हजार मीट्रिक टन शहर का उत्पादन हो रहा है। देश के दिल्ली, पंजाब, कोलकाता, मुंबई समेत कई राज्यों से बिहार के हनी (Bihar Honey) की सबसे अधिक मांग है।

बिहार के पडोशी राज्यों के अलावा अब बिहार के शहद (Bikar Ka Shahad) की मांग विदेशों में भी होने लगी है। अब अमेरिका और जापान जैसे देश से बिहारी शहद की डिमांड आ रही है। बिहार सरकार ने दावा किया है कि अमेरिका और जापान में बिहार के शहद (Bihar’s honey) की सबसे ज्यादा डिमांड है। हनी उत्पादन और इसकी बढ़ रही मांग को देखते हुए बिहार सरकार ने मधु उत्पादन (Honey Production) एवं विपणन नीति अपनाई है।

राज्य का कृषि विभाग अब बिहार कृषि विश्वविद्यालय में हनी क्वालिटी जांच शुरू करेगा। इसके लिए प्रोसेसिंग प्लांट (Honey Processing Plant) बनाने का फैसला लिया है। अभी इसके लिए लैब नहीं होने के कारण बिहार के शहद को जांच के लिए पंजाब और कोलकाता भेजा जाता था। इस कार्य में समय और धन दोनों खर्च होता था।

एक हिंदी अख़बार में छपी खबर के मुताबिक़ बिहार सरकार केे सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बताया की दूसरे राज्य के व्यवसाई बिहार में आकर बहुत की कम कीमत पर शहद खरीद कर ले जाते हैं और उसको मार्केटिंग करके ऊँचे दाम पर बेचते हैं। इसी को देखते हुए अब सरकार ने हनी के मार्केटिंग और प्रोसेसिंग की योजना बनाई है।

आज से 10 साल पहले 2010-11 में बिहार में 7355 मेट्रिक टन शहद का उत्पादन होता था। बिहार में लगभग 18 से 20 हजार मैट्रिक टन शहद का उत्पादन होता है। बिहार के वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और समस्तीपुर जिले में सबसे ज्यादा शहद का प्रोडक्शन होता है। बिहार में शहद से बने लड्डू भी बहुत पसंद किये जाते हैं और विदेशो में भी इनकी डिमांड रहती है।

बिहार सरकार राज्य के शहद उत्पादकों को संगठित करने वाली है। इस निर्णय के तहत 20 जिलों के मधुमक्खी पालकों को सूचीबद्ध किया जा चुका है वहीं 35 समूहों से प्रस्ताव लिया जा चुका है। सरकार का यह निर्णय न केवल मधुमक्खी पालकों (Honey beekeepers) की आय को बढ़ाएगा बल्कि इससे रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।

बिहार सरकार ने इसकी योजना पर काम कर शुरू भी कर दिया है की कैसे हनी का प्रोसेसिंग प्लांट बनाया जाएगा। राज्य के पटना, मुजफ्फरपुर और भागलपुर (Patna, Muzaffarpur and Bhagalpur) में प्लांट बनाया जाना है। सरकार ने इसका मॉडल भी तैयार कर लिया है। अब जल्द ही ऐसा होगा की शहद उत्पादकों को हनी क्वालिटी की जांच करने के लिए कोलकाता और पंजाब नहीं भेजना पड़ेगा, बल्कि यह सुविधा बिहार के 3 जिलों में मुहैया होगी।

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