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Mumbai: जिंदगी का अंत एक ऐसी सच्चाई है, जिससे एक न एक दिन सबको रूबरू होना होता है। पर सब के दिल में एक बात रहती है कि उनका कोई करीबी उनको छोड़ कर न जाए, नहीं तो वो कैसे रहेंगे। परंतु सब विधाता का लिखा जोखा होता है।
कब किस को जाना है, वो किसी को नही पता होता। ये जरुरी नहीं होता की किसी से हमारा सगा वाला रिश्ता हो, तभी हमें उनके जाने का दुःख हो। एक मन का रिश्ता भी होता है, जो बहुत ही साफ होता है। ऐसे ही हम आज बात करने जा रहे है, एक ऐसे अभिनेता की जो अपने स्वाभाव से जाने जाते है। अपने नाम से जाने जाते है।
लोगो के मन में ये धरणा होती है की पैसे वालो की कोई भावनाएं नहीं होती। परंतु ऐसा नहीं है, मानवता सब से अहम चीज़ होती है, जो हर किसी के लिए बहुत जरुरी होती है हम बात कर रहे है, जैकी श्रॉफ (Jackie Shroff) के बारे में जिन्होंने मानवता का उदाहरण दिया।
कौन है जैकी श्रॉफ
यह कहानी 80 के दशक के उस नौजवान युवा की है, जिसका बचपन मुंबई की एक चॉल में बीता। उनकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी तब। पैसा ना होने कारण वह पढ़ाई भी नहीं कर पाये, लेकिन जब स्टारडम मिला तो हर किसी ने उन्हें सलाम किया।
प्रसिद्ध अभिनेता जैकी श्रॉफ, इस नाम को कौन नहीं जानता। 1 फरवरी 1957 को महाराष्ट्र के लातूर जिले के उद्गीर इलाके में इनका जन्म हुआ। यह करीब 38 वर्षों से बॉलीवुड में सक्रिय हैं। नौ भाषाओं में दो सौ से ज्यादा फिल्में बनी, जिसमे जैकी ने अभिनय के जौहर दिखाए हैं।
उनके पिता काकाभाई हरीभाई श्रॉफ एक गुजराती थे। और उनकी माता रीता कजाकिस्तानकी तुर्क थीं। जैकी श्रॉफ अपने विनम्र और सीधे स्वाभाव के लिए जाने जाते हैं, जो बॉलीवुड में मिलना बहुत कठिन है। उनका वास्तविक नाम जयकिशन काकुभाई श्रॉफ (Jai Kishan Kakubhai Shroff) था और उन्हें फिल्म जगत में जग्गू दादा के नाम से जाना जाता है।
यह नौजवान युवा आगे चलकर हिंदी सिनेमा का सुपर स्टार बना, तो वहीं गरीबों के लिए ‘मसीहा’ भी कहलाये। यह हैं, अभिनेता जैकी श्रॉफ (Actor Jackie Shroff), जिनका गरीबों के लिए अकाउंट चलता है।
फिल्मों में आने से पहले उन्होंने कई और जगह काम किया, लेकिन उनका पसन्द नही आया। क्योंकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जैकी श्रॉफ ने कुक से लेकर फ्लाइट अटेंडेंट तक बनने का हर सम्भव प्रयास किया।
एक दिन जैकी दादा बस स्टैंड पर बस आने की प्रतिक्षा कर रहे थे। तभी एक आदमी उनके पास आकर बोला, ‘मॉडलिंग करेगा’ तब जग्गू दादा कुछ काम नही करते थे और ना उनके पास पैसा था। बिना देरी किये तुरंत बोले, ‘पैसा देगा क्या’। उनके इस शब्द ने उनकी जिंदगी बदल दी।
क्या है वायरल फोटो का सच
अभिनेता जैकी श्रॉफ की कुछ फोटोज़ मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमे वह एक परिवार के साथ जमीन पर बैठ कर रोते नजर आये है। एक बार फिर वह अपने इस स्वभाव के लिए चर्चा में हैं, क्योंकि सागर दिलीप गायकवाड़ नाम के एक युवक जो उनके फार्म हाउस में काम करता था।
Pure hearted guy
jackie shroff ❤️ pic.twitter.com/h0ILtOI6OL— .Raj. 🚴♂️ (@rajsolan_kid) March 29, 2022
उसके परिवार से मुलाकात की दिलीप गायकवाड़ पुणे जिले के चांदखेड़ गांव में उनके फार्महाउस पर रह कर काम करता है। उसके पिता जी का हाल ही में देहांत हो गया और जब जैकी श्रॉफ को इस बारे में जानकारी दी गई, तो वह सीधे उनके घर पहुचे गया। जैकी श्रॉफ ने दुखी परिवार से मुलाकात की और परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी। वह भी नम्रतापूर्वक जमीन पर बैठे और उनसे उनका हालचाल पूछा।
जग्गू दादा (Jaggu Dada) का दानी स्वाभाव
पुराणों में कहा जाता है की अपनी कमाई का 30 प्रतिशत दान धर्म में लगाना चाहिए और काफी लोग ऐसा करते भी है। जैकी श्रॉफ उन्ही में से एक है। 2002 में जब जैकी श्रॉफ अपनी पत्नी आयशा के साथ सिमी गरेवाल के साथ शो रेंडीज़वस में आये। तब उनकी पत्नी के माध्यम से यह पता चला कि वह अपनी कमाई का 50 प्रतिशत हिस्सा दान और गरीबो की मदद में लगा देते है।
This photograph of Actor Jackie Shroff is getting viral. The photograph is taken with family members of a girl who does home works and her grandmother passed away & For consolation Jackie Shroff went to the girls house in #Mawal tehsil of #Pune district of #Maharashtra. pic.twitter.com/aJmjwts9Yc
— Sushmit Patil Сушмит Патил सुश्मित पाटिल 🇮🇳 (@PatilSushmit) March 14, 2021
उनकी पत्नी ने यह भी बताया कि जैकी तब भी जरुरतमंदो की मदद करेंगे, जब वह खुद आर्थिक तंगी में होंगे। जैकी श्रॉफ कहते है कि उन्होंने सभी बच्चों को अपना संपर्क नंबर दिया है जिससे वह किसी भी समस्या में उनसे संपर्क कर सकेगे।
अस्पतालों में की मदद
आपदा के चलते लोगो को समझ आया कि न मंदिर काम में आयेगा न रिश्ते। इस लिए अगर दान करना ही है, तो अस्पतालों में जिससे वहां की व्यवस्था सुधर सके। जैकी दादा ने यह काम बहुत पहले शुरू कर दिया था। उनके मुंबई के नानावटी अस्पताल में एक खाता है, जो उन मरीजों को दवाएं और इलाज दिलवाते है, जो महंगे मेडिकल बिल का खर्च नहीं उठा पाते। साथ ही बिहार में कन्या भ्रूण ह-त्या के खिलाफ अभियान में भी शामिल हुए है।