यहाँ के पुलिस SI कहलाते हैं ‘वर्दी वाले गुरुजी’, भिखारियों के बच्चों को फ्री में शिक्षा दे रहे हैं

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Police SI Ranjeet Yadav
Uttar Pradesh Police Sub Inspector Ranjeet Yadav teaches Poor and needy children. Kids calls him Policewale Guruji.

Photo Credits: ANI

Azamgarh: हम सब लोग यह बात बहुत अच्छे से जानते हैं, कि जीवन में हमारी शिक्षा पग पग में उपयोगी होती है। शिक्षा एक एसी चीज है, जो हम सभी मानव को पृथ्वी पर पाए जाने वाले अन्य सभी जीवित प्राणियों से काफी अलग और अनोखा बनाती है।

शिक्षा ही एक असाधारण ऐसा हथियार है, जिसकी सहायता से हम अपनी जिंदगी की चुनौतियों सारी मुश्किलों का कुशलता से बिना डरे सामना कर पाते हैं। शिक्षा एक एसी चीज है जिसके बिना हर मानव का जीवन पूरी तरह से अधूरा होता है।

शिक्षा को मानव जीवन की कुंजी के माना जाता है। इसके सहारे ही हर मुश्किल हर परेशानी का ताला तोड़ा जा सकता हैं। ज्यादातर लोग चाहते ही की उनके बच्चों को एक अच्छी शिक्षा प्रदान हो। लेकिन देखा जाता है कि गरीब लोग बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते हैं।

उनकी आर्थिक स्थिति उनके बच्चों की शिक्षा में बाधा बन जाती हे। इन्हीं सब संघर्षों के बीच में हम आपको राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पुलिस ऑफिसर जो सब इंस्पेक्टर (Police Sub Inspector) के पद पर है। उनके विषय मे बताने जा रहे हैं।

उनके बारे मे हम इसलिए जानकारी लेकर आए हैं, क्योंकि यह इंस्पेक्टर अपनी ड्यूटी तो बखूबी निभा ही रहे हैं, उसके साथ ही वह गरीब भिखारियों के छोटे बच्चों को फ्री में शिक्षा भी दे रहे हैं। ऐसा करके वह उनका भविष्य संवारने की कोशिश कर रहे हैं।

रंजीत यादव जी गरीब बच्चो को फ्री में देते है शिक्षा

हम जिस सब इंस्पेक्टर के विषय में बताने जा रहे हैं। उन सब इंस्पेक्टर का नाम रंजीत यादव (SI Ranjeet Yadav) है। उनका नाम इसलिए सम्मान के साथ लिया जा रहा हैं, क्योंकि वह ना सिर्फ अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभा रहे हैं, बल्कि वह भीख मांगने के लिए कटोरा उठाने वाले नन्हें हाथों में शिक्षा की कलम भी दे रहे हैं। आपको बता दे कि रंजीत यादव जी भीख मांगने वाले नन्हें बच्चों को स्वयं अपने खर्चे पर शिक्षित करते हैं।

छुट्टी मिलने पर SI रंजीत यादव बच्चों को पढ़ाते हैं

रंजीत यादव (Ranjeet Yadav) आजमगढ़ में रहते हैं। वह लगभग 10 सालों से राम कि नगरी अयोध्या में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। रंजीत जी पांच भाई हैं। उन्होंने गरीबी में रहकर अपनी पढ़ाई लिखाई पूरी की है। उनकी घर कि परिस्थिति इतनी खराब थी कि गरीबी से संघर्षों के बीच उन्हें दूसरों से पुस्तके मांग कर पढ़ाई करनी पड़ती थी।

रंजीत ने इतने संघर्ष किए उसके बाद भी रंजीत यादव ने 2011 में कांस्टेबल तथा 2015 में सब इंस्पेक्टर की परिक्षा पास की। वर्तमान समय की बात करे, तो वह आज राम की नगरी अयोध्या में डीआईजी के कार्यालय में एसआई सब इंस्पेक्टर के पद मे हैं।

माता पिता ने बच्चों को शिक्षा दिलाने की इच्छा की थी जाहिर

सब इंस्पेक्टर मिस्टर रंजीत यादव बताते हैं कि उन्होंने अपनी मर्जी से खुद का एक स्कूल प्रारंभ किया है। वह कहते है कि जब भी उनको छुट्टी मिलती है। वह बच्चों को पढ़ाते है। वह कहते है कि काफी महीनों से वह इन बच्चों को पढ़ा रहे है।

रंजीत यादव कहते है कि उन्होंने इन बच्चों के माँ और पिता को रास्ते मे भीख मांगते हुए देखा है। उनसे जब उन्होंने बात की तो बहुत से माता पिता ने अपने बच्चों को अच्छी तरह शिक्षित करने की इच्छा बताई थी। इसलिए उन्होंने यह स्कूल शुरू किया।

बच्चों ने पढ़ने की खुशी जाहिर की

बच्चे जो सब इंस्पेक्टर मिस्टर रंजीत यादव से पढ़ने आते हैं। वह बच्चे काफी खुश है। बच्चे कहते है कि हम भी आगे बढ़ना चाहते थे आगे पढ़ना चाहते थे। हम भी चाहते थे कि स्कूल जाए। हमारी यह इच्छा रंजित सर जी ने पूरी कर दी। सभी बच्चे कहते है कि उनको पढ़ते समय बहुत ही अच्छा लगता है। वह लोग कहते है कि हमे रंजित सर बहुत अच्छे से पढ़ाते है। इसलिए हम सभी यहा नियमित रूप से पढ़ने आते हैं।

50 से ज्यादा बच्चे आते हैं रंजित के स्कूल

सब इंस्पेक्टर मिस्टर रंजीत यादव सभी गरीब बच्चों को बहुत ही प्यार से पढ़ाते हैं। सब इंस्पेक्टर रंजीत यादव के पढ़ाने का अंदाज बहुत अलग है। उनके अंदाज को देखकर सारे बच्चे खुद से उनसे पढ़ने चले आते हैं। यहां पर बच्चे खुले मैदान में और पेड़ के नीचे अपना पूरा मन लगाकर अच्छे से पढ़ते हैं।

SI रंजीत यादव के पास पढ़ने के लिए लगभग 50 से अधिक गरीब आर्थिक रूप से कमजोर और असहाय बच्चे पढ़ने आते हैं। रंजीत यादव खुद से गरीब बच्चों के लिए पेसे खर्च करके सभी स्टेशनरी और सभी किताबें लाते हैं। रंजित का गरीब बच्चों के प्रति इस तरह का कार्य सराहनीय हे। रंजीत का उठाया यह कदम तारीफ के काबिल हैं। उनके प्रयास की हम प्रसंसा करते है।

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