ट्रेन में होते हैं 11 प्रकार के हॉर्न, सभी हॉर्न की अपनी अलग पहचान है, हर एक Train Horn का मतलब जाने

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Indian Railway Train Horn
Indian Railways Train File Photo

Jabalpur: दोस्तों आपने भी कभी ना कभी ट्रेन (Train) में सफर किया ही होगा। काफी लोग ट्रेन के विषय में बहुत ही विस्तार से जानते। हम जानते हैं कि ट्रेन यातायात का एक बहुत बड़ा माध्यम है, जिसमें प्रतिदिन लाखों लोग लंबी और छोटी यात्राएं करते हैं। ट्रेन एक बहुत ही सुविधाजनक यातायात का माध्यम है जिसमें बजट में लंबी और सुखद यात्रा आराम से की जा सकती है।

रेल विभाग (Indian Railway) अपने पैसेंजर को कई तरह की सुविधाएं भी देते हैं जैसे रेल में टिफिन व्यवस्था, महिला आरक्षण और सीनियर सिटीजन जैसी कई सारी सुविधाएं होती है, जिससे पैसेंजर रेल विभाग को यातायात का सर्वोत्तम साधन मानते हैं। काफी लोग ऐसे होते हैं जिन्हें रेल विभाग मे नौकरी करना बेहद अच्छा लगता है उनका सपना होता है कि वह रेल विभाग में अपनी सेवा दे।

Railway Train

ऐसे लोगों को रेल के बारे में पूरी विस्तृत जानकारी होती है, परंतु आम नागरिक नहीं जानते कि रेलवे और क्या-क्या चीज है जाने योग्य होती हैं। आज हम रेल के हॉर्न (Train Horn) के बारे में बात करेंगे। रेल में 11 प्रकार की हॉर्न (Indian Railways 11 types of horns) होती है, जो कई अलग-अलग संकेतों के लिए प्रयोग की जाती है।

11 तरह के हॉर्न और उनके उपयोग के विषय में जाने

1. एक छोटा हॉर्न: सबसे पहले हम बात करेंगे एक छोटे हॉर्नी की। जब ट्रेन एक छोटा हॉर्न देती है तो इससे रेलवे के कर्मचारी समझ जाते हैं कि रेल धुलाई के लिए यार्ड में जाने के लिए तैयार है। धुलाई के बाद वह अपनी डेस्टिनेशन की तरफ रवाना हो जाती है।

2. दो बार छोटे-छोटे हॉर्न का मतलब: जब रेल दो बार छोटे-छोटे हॉर्न देती है, तो इससे ट्रेन में उपस्थित गार्ड को ट्रेन चालक के द्वारा संकेत दिया जाता है कि वह सभी पैसेंजर रोको संकेत दे की ट्रेन अब अपने स्टेशन से छूटने वाली है इसीलिए पैसेंजर अपनी अपनी सीट पर बैठ जाएं।

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3. तीन बार छोटे-छोटे हॉर्न का मतलब: जब रेलवे कर्मचारी के द्वारा तीन बार हॉर्न दिए जाते हैं, तो इसका मतलब होता है कि ट्रेन में किसी प्रकार की इमरजेंसी है। याने ट्रेन चालक के द्वारा रेलवे इंजन से कंट्रोल खो जाने की स्थिति में गार्ड तक संकेत पहुंचाने के लिए तीन बार छोटे-छोटे हॉर्न का प्रयोग किया जाता है, जिसमें गार्ड को वेक्यूम ब्रेक खींच दुर्घटना से पैसेंजर को बचाया जाता है। ट्रेन की येसी ध्वनि बहुत ही कम सुनने को मिलती है।

4. चार छोटे हॉर्न देते है इस बात का संकेत: रेल की तकनीकी खराबी के लिए इस प्रकार के हॉर्न का प्रयोग किया जाता है। यह हॉर्न गार्ड के साथ-साथ पैसेंजर के लिए भी संकेत होता है कि अब ट्रेन आगे नहीं बढ़ सकती।

Indian Railway Gaurd
Indian Railway File Photo.

5. एक लंबा और एक छोटा हॉर्न का मतलब: यह हॉर्न ट्रेन के गार्ड को सूचित करता है कि ट्रेन चालक अब इंजन को स्टार्ट करने वाला है इसीलिए वह ब्रेक पाइप सिस्टम सेट कर दे।

6. दो लंबे और दो छोटे हॉर्न देते है, इस बात का संकेत: इस प्रकार की ध्वनि ट्रेन के गार्ड के लिए होती है जिसमें ट्रेन का ड्राइवर गार्ड को सूचित करता है कि वह इंजन का कंट्रोल ले ले।

7. दो बार रुक रुक कर हॉर्न देना है इस बात का संकेत: ट्रेन इस प्रकार की ध्वनि तब उत्पन्न करती है जब कोई रेल फाटक को क्रॉस करती है। याने रेल इस हॉर्न का इस्तेमाल उस जगह करती है जहां रेलवे क्रॉसिंग है। इस हॉर्न से ट्रैक पर चल रहे लोगों को संकेत दिया जाता है कि वह ट्रक से दूर हट जाए क्योंकि ट्रेन को फाटक क्रॉस करना है।

8. जब रेल ट्रेक बदलती है तब वह दो लंबे और एक छोटे हॉर्न का इस्तेमाल करती है। इस हार्न से बाकी रेलकर्मी समझ जाते हैं और सचेत हो जाते हैं। यह सुरक्षा की द्रष्टि से भी काम आता है।

Indian Railways
Indian Railways Demo File Photo.

9. किसी पैसेंजर के द्वारा चेन खींची जाती है या फिर गार्ड के द्वारा वेक्यूम ब्रेक लगाया जाता है, ऐसी स्थिति में दो छोटे और एक लंबा हॉर्न बजाया जाता है।

10. ट्रेन की मुसीबत की घड़ी में ट्रेन चालक (लोको पायलट) छह बार छोटे-छोटे हॉर्न बजाता है। ऐसा करने से रेल के सभी कर्मचारी और ट्रैन में मौजूद रेलवे पुलिस के लोग चौकन्ने हो जाते हैं।

11. जब ट्रेन किसी रेलवे स्टेशन को क्रॉस करती है या नहीं कुछ ट्रेनें ऐसी होती है, जो छोटे स्टेशनों पर नहीं रुकती वह केवल बड़े स्टेशनों पर रूकती है। ऐसे में स्टेशन को क्रॉस करते वक्त ट्रेन लगातार हॉर्न देती है जिससे पटरी पर चलने वाले लोगों को फास्ट ट्रेन आने का संकेत प्राप्त हो जाता है।

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