एक 10वीं की छात्रा ने अपनी पॉकेट मनी से बच्चों के लिए लाइब्रेरी खोली, जानें कितने रुपये जोड़ने पड़े

0
1210
Students kitabghar
Class 10 student Ishani Agarwal opened library with pocket money. Ishani Aggarwal organized an exhibition at Kitabghar on 15th August.

Photo Credits: Twitter

Delhi: लड़कियां आजकल हर क्षेत्र मे कदम बढ़ा रही है। आजकल कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है। जिसमें लड़कियां हिस्सा नहीं लेती। कभी कभी कम उम्र में ही लोग ऐसे कार्य करते है कि उन पर यकीन करना मुस्किल हो जाता है। कम उम्र में मदद की भावना होना बहुत ही बड़ी बात होती है। कम उम्र मे दूसरों की सहायता करने का एक अनोखा कार्य एक लड़की ने किया है। जिसकी चर्चा हर जगह है।

यह लड़की दिल्ली (Delhi) की रहने वाली है। आखिर कोन सा कार्य इस लड़की ने किया है, आइए जानते है इस पोस्ट के जरिए। दिल्ली के प्रीत विहार में निवास करने वाली 10वी की एक लड़की जिसका नाम ईसानी अग्रवाल है। उसने एक ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसके बारे मे कभी कभी बड़े सोचते तो है, परंतु उसे पूरा नहीं कर पाते।

हर बच्चे को बचपन मे खर्चे के लिए पॉकेट मनी मिलती है। इन पैसो का उपयोग बच्चे अपने स्वयं के खर्चे के लिए करते है। लेकिन ईशानी उन बच्चों मे से अलग थी। ईशानी को जितना भी पैसा खर्चे के लिए मिला, उसने उन पैसो से लाइब्रेरी खोल दी। दिल्ली में रहने वली इस लडकी ने जो किया बहुत बड़ी चीज है। क्योंकि इतनी कम उम्र मे बच्चे खुद दूसरो पर आश्रित रहते है। लेकिन ईशानी दूसरे बच्चो के लिए सहारा बनी।

10 वी की छात्रा ईसानी ने जरूरतमंद बच्चों के लिए बना दी लाइब्रेरी

डासना, गाजियाबाद (Ghaziabad) में जन्मी एक लडकी जिसका नाम ईसानी अग्रवाल (Ishani Agarwal) है। जिसकी उम्र सिर्फ 15 साल है, उसने अपने मम्मी-पापा से मिलने वाली खर्ची जिसे हम लोग पॉकेट मनी कहते है। उसे जमा कर लाइब्रेरी/ पुस्तकालय (Library) खोलने की सोची और उसे पूरा भी किया। ईशानी के पिताजी एक स्कूल में डायरेक्टर के पोस्ट पर है।

स्कूल से एक बार राजस्थान (Rajasthan) के टूर में गई ईशानी अग्रवाल ने वहा कुछ ऐसे बच्चों को देखा जिनके पास किताबे नही थी। उसी वजह से उन बच्चों की पढ़ाई पूरी नहीं हों पा रही थी। ईशानी ने केवल खर्ची से ही नहीं बल्कि उसे हर त्यौहार मे मिलने वाले गिफ्ट/पैसो को भी लाइब्रेरी बनवाने में यूज किया।

जर्जर हो चुके मैरिज हॉल (बारातघर) को लाइब्रेरी में बदला

ईशानी ने करीब 1.50 लाख रुपए खर्च करके एक पुराने टूटे-फूटे इमारत इस तरह तैयार किया की उसमे एक साथ 35 बच्चें आसानी से बैठ सकते है। इतनी कम उम्र में इतना अच्छा काम करने वाली ईसानी अग्रवाल को जिला प्रशासन के द्वारा सम्मानित भी किया गया।

माता पिता के साथ एक इवेंट में ईसानी ने आपने मन की बात ऋतु सुहास जी को बताई। ऋतु सुहास जी एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी है। उन्होने ईशानी की बात पर गौर करते हुये उसकी सहायता की और Government School के पास एक जर्जर वेडिंग हॉल में लाइब्रेरी खोलने की परमिशन दी।

15 अगस्त के दिन DM ने खुद किया इनोग्रेशन

15 अगस्त के दिन गाजियाबाद के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी ने लाइब्रेरी (Kitabghar) का इनोग्रेशन/उदघाटन किया था। ऋतु सुहास जी ने ईशानी को बधाई दी और लोगो को बताया की किस तरह एक 10वी में पढ़ने वाली लडकी ने अपनी नेक सोच से बेकार और बंद पड़े इमारत को इस कदर सजाया की देखने वाले देखते रह जायें।

आज उस हॉल मे 35 बच्चे आराम से बैठ कर किताबो का लाभ ले सकते हैं। इस पुस्तकालय मे अनेको प्रकार की पुस्तके रखी गई है। जिसे छात्र पढ़कर आगे की पढाई कर सकते है। ईशानी छोटे बच्चों से लेकर बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here