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Ajmer: पहले के समय में एक छत के नीचे चार से पांच पीढ़ी रहा करती थी। पहले एकल परिवार का चलन नहीं था, बल्कि संयुक्त परिवार में लोग निवास करते थे। एक छत के नीचे दादा पापा और भाइयों के परिवार रहा करते थे। आधुनिक समय में दूर-दूर तक संयुक्त परिवार का नामोनिशान आ नहीं रह गया।
वर्तमान समय में शादी होते ही परिवार के दो हिस्से हो जाते हैं। वर्तमान में पाश्चात्य सभ्यता ने लोगों को पूरी तरह अपने में जकड़ रखा है। लोगों का कहना है एकल परिवार में ज्यादा सुविधाएं रहती हैं। लोग अच्छा खा पाते हैं अच्छा पहन पाते हैं और पर्सनल स्पेस भी काफी होता है।
आधुनिकता के इस दौर में भारत में एक ऐसा परिवार भी है, जो 6 पीढ़ियों (Ajmer joint family 6 generations) से एक साथ रह रहे हैं, यह परिवार देखने में काफी खुशहाल और सर्व सुविधा से संपन्न देखा गया है। दोस्तों यह परिवार एकता की मिसाल देता है। तो यह जाने इस परिवार के बारे में।
राजस्थान का है यह परिवार
बताया जा रहा है या परिवार राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर जिले के रामसर गांव (Ramsar Village) में निवास करता है इस परिवार में लगभग 185 सदस्य हैं। अब तस्वीर में देख सकते हैं, संयुक्त परिवार को जिसमें महिलाएं राजस्थानी पहनावे के साथ-साथ पुरुष की राजस्थानी पहनावे में नजर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि यह परिवार उनकी 6 पीढ़ियों पहले अजमेर के रामसर में निवास करने आया था। उस समय से ही उस पीढ़ी के बुजुर्ग ने अपने बच्चों को शिक्षित रखा और एकजुटता का महत्व बताया। इस परिवार के सबसे बुजुर्ग व्यक्ति बिरदीचंद्र का कहना है कि उनके माता-पिता के द्वारा दिए गए संस्कार की बदौलत आज उनका परिवार साथ है।
जटिलताओं से लड़ते हुए रिश्ते को निभाते है यह लोग
वर्तमान समय में देखा जाए तो सास बहू की आपस में नहीं रह पाती सास बहू की सोच एक दूसरे से नहीं मिलती जिससे हर घर में सास बहू से जुड़े कई किस्से सुनने को मिलती है। इस परिवार में 6 पीढ़ियां एक साथ बिजी हैं, यहां भी कई तरह की परेशानियां आई परंतु इस परिवार के लोग जटिलताओं से लड़ना जानते हैं और अपने रिश्तो को निभाना जानते हैं।
आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि एक घर में यदि 6 से 8 व्यक्ति है उस घर में युद्ध का माहौल होता है। परंतु राजस्थान के इस परिवार में 185 सदस्य हैं, जो एक छत के नीचे रहते हैं साथ ही एक साथ एक घर में खाना बनाते हैं। इसीलिए भी यह परिवार सुर्खियों में है।
इतने बड़े परिवार को चलाने के लिए इन लोगों को कई तरह की व्यवस्थाएं करनी पड़ती है, जिसके लिए वे अपने 500 बीघा जमीन पर खेती किसानी करते हैं जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी प्राप्त हो सके और घर के लिए भी चीजें जुटाई जा सके।
13 चूल्हे चलते हैं इस घर में
दोस्तों पहले के समय में भी संयुक्त परिवार हुआ करते थे, तब देखा जाता था कि महिलाएं दो मुंह वाले चूल्हे पर खाना पकाती है, जिससे उनका काम आसान हो जाता है। परंतु क्या आप जानते हैं राजस्थान के इस परिवार में लगभग 13 चूल्हे जलाए जाते हैं और उन पर घर की सभी महिलाएं अन्य सदस्यों के साथ खुद के लिए भी खाना पकाती है।
घर के मुखिया बिरदी चंद्र बताते हैं कि उस परिवार की महिलाएं लगभग 4:00 से खाने बनाने की शुरुआत कर देती हैं, तब जाकर समय पर वे पूरे परिवार को खाना खिला पाते हैं। आगे भी बताते हैं कि एक वक्त के खाने के लिए महिलाएं 25 किलो सब्जी बनाते हैं। उनके परिवार की किसी महिला के बीच किसी भी प्रकार की तकरार नहीं देखी जाती क्योंकि महिलाएं आपस में काम को बांटकर करती हैं, जिससे किसी भी महिला के ऊपर ज्यादा काम का प्रेशर नहीं पड़ता।
पशुपालन भी है आय का साधन
इस परिवार की बुजुर्ग महिला मगनी देवी का कहना है कि घर में जितने भी बुजुर्ग महिलाएं हैं वह सभी मिलकर घर में खाना बनाती हैं और घर की बहू और बेटियां खेतों और जानवरों का पालन पोषण करती है। भी बताती है कि दो चूल्हे में 25 किलो की सब्जी और 11 चूल्हों में लगभग 25 किलो आटे की रोटियां से की जाती है। इस काम के लिए घर की बुजुर्ग महिलाएं अपना योगदान देती हैं।
अजमेर के रामसर गांव में यह संयुक्त परिवार कुल 6 पीढ़ियों के 185 सदस्यों के साथ एक साथ रहता है। 13 चूल्हों में एक साथ सभी का खाना पंत है। pic.twitter.com/VjcK2kgsqU
— sanatanpath (@sanatanpath) September 6, 2023
यह परिवार अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पशुपालन का सहारा भी ले रहा है इस परिवार में लगभग 100 गाय हैं, जिनसे प्राप्त दूध घर के साथ-साथ बेचा भी जाता है। साथ ही अब से मुर्गी पालन भी कर रहे हैं।
आपको बता दें इस परिवार की महिला गांव की सरपंच रह चुकी है, उन्होंने गांव के लिए काफी अच्छे अच्छे काम की सड़कें बनवाएं स्ट्रीट लाइट लगवाई जिससे गांव में बिजली आई पक्की सड़कों का निर्माण हुआ जिससे गांव वाले खुद को काफी सुरक्षित महसूस करते हैं।